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Sansera Engineering के आईपीओ के तहत कोई नया शेयर नहीं जारी किया जाएगा यानी कि इस इश्यू में ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के तहत शेयरों की बिक्री की जाएगी.
Sansera Engineering IPO: ऑटोमोबाइल कंपोनेंट बनाने वाली Sansera Engineering का 1283 करोड़ रुपये का आईपीओ अगले हफ्ते खुलेगा. यह आईपीओ 14-16 सितंबर के बीच खुला रहेगा और इसके लिए 734-744 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया गया है. आईपीओ खुलने से पहले इसके शेयर प्राइमरी मार्केट में 814 रुपये के भाव पर हैं जोकि प्राइस बैंड के अपर प्राइस के मुकाबले 10 फीसदी यानी 70 रुपये प्रीमियम पर हैं. मार्केट में लिस्टिंग के बाद यह एंड्यूरेंस टेक्नोलॉजीज, मिंडा इंडस्ट्रीज, सुंदरम फास्टनर्स, सुप्राजित इंजीनियरिंग, भारत फोर्जे, मदरसन सुमी सिस्टम्स और महिंद्रा सीआईई ऑटोमोटिव की लीग ज्वाइन करेगी. कंपनी इससे पहले भी घरेलू इक्विटी मार्केट में लिस्ट होने की कोशिश कर चुकी है. करीब तीन साल पहले अगस्त 2018 में कंपनी ने सेबी के पास आईपीओ लाने के लिए पेपर्स जमा किए थे और सेबी की मंजूरी भी मिल गई थी. Sansera Engineering का मारुति सुजुकी के साथ 30 साल से अधिक का कारोबारी संबंध है.
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20 शेयरों का लॉट साइज
इस आईपीओ के तहत कोई नया शेयर नहीं जारी किया जाएगा यानी कि इस इश्यू में ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के तहत शेयरों की बिक्री की जाएगी. इश्यू के लिए 20 शेयरों का लॉट साइज तय किया गया है यानी कि प्राइस बैंड के अपर प्राइस 744 रुपये के हिसाब से निवेशकों को कम से कम 14880 रुपये का निवेश करना होगा. इस इश्यू के जरिए कंपनी के प्रमोटर्स 1.72 करोड़ इक्विटी शेयरों की बिक्री करेंगे.
एक्सपर्ट की ये है राय
- एनालिस्ट्स के मुताबिक आने वाला समय इलेक्ट्रिक गाड़ियों (ईवी) का है. ऐसे में इंजन इलेक्ट्रिक मोटर्स व कंपोनेंट्स से बदले जाएंगे. जेएसटी इंवेस्टमेंट्स के फाउंडर व सीओओ आदित्य कोंडवार का मानना है कि कंपनी अपने बिजनस मॉडल को बदलने की बात कह रही है लेकिन अभी यह देखना बाकी है कि ईवी को लेकर वह किस तरह खुद में बदलाव लाती है. कोंडवार के मुताबिक प्राइस बैंड के अपर प्राइस के हिसाब से आईपीओ का वैल्यूएशन 2.4x प्राइस टू सेल्स और 36.2x प्राइस टू अर्निंग्स पर है. कोंडवार के मुताबिक आईपीओ महंगा दिख रहा है क्योंकि कई एंसीलरीज 1x प्राइस टू सेल्स या इससे नीचे पर ट्रेड हो रही हैं.
- अनलिस्टेडएरेनाडॉटकॉम के फाउंडर अभय दोशी के मुताबिक ऑपरेशन फ्रंट पर ग्रोथ की संभावना मॉडेरेट दिख रही है. प्राइस बैंड के अपर प्राइस के हिसाब से आईपीओ का वैल्यूएशन 35.42x PE पर है जो पियर्स के मुकाबले मॉडेरेट है. दोशी के मुताबिक कंपनी का भविष्य इस पर निर्भर करता है कि ईवी को लेकर यह किस तरह खुद में बदलाव करती है.
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- एक्सिस कैपिटल के एनालिस्ट्स ने इस आईपीओ को कोई रेटिंग नहीं दिया है. ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक ग्राहकों की तरफ से बेहतर उत्पादों की मांग के मुताबिक कंपनी लगातार अपने डिजाइन और इंजीनियरिंग क्षमता को बेहतर कर रही है ताकि हाई वैल्यू और नई तकनीक पर आधारित प्रॉडक्ट उपलब्ध करा सके. इससे कंपनी को नियामकीय जरूरतों के हिसाब से ग्राहकों की बदलती प्राथमिकता के मुताबिक खुद को ढालने में मदद मिलेगी. एक्सिस कैपिटल के एनालिस्ट्स के मुताबिक कंपनी वित्त वर्ष 2021 में 15.11 फीसदी, 2020 में 12.88 फीसदी और 2019 में 19.36 फीसदी का आरओसीई (पूंजी निवेश पर रिटर्न) पाने में सफल रही है.
- जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज के एनालिस्ट्स के मुताबिक कंपनी का कारोबारी मॉडल डाइवर्सिफाई है और इसका वित्तीय प्रदर्शन उम्मीद से अधिक बेहतर रहा है. ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक कंपनी अपने उत्पादों के ट्रांसपोर्ट और इसे ग्राहकों तक समय पर पहुंचाने के लिए थर्ड पार्टी पर निर्भर है जोकि कंपनी के कारोबार से जुड़ा प्रमुख रिस्क है. इसके अलावा जो कच्चे माल की आपूर्ति के लिए थर्ड पार्टी पर निर्भर है जिनके साथ लंबे समय के लिए सप्लाई कांट्रैक्ट नहीं है. ऐसे में कच्चे माल की डिलीवरी में किसी रुकावट या इनके भाव में उतार-चढ़ाव से कंपनी के कारोबार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. इसके अलावा कंपनी के कारोबार में विदेशी मुद्रा के भाव में उतार-चढ़ाव से जुड़ा रिस्क भी जुड़ा हुआ है.
कंपनी से जुड़ी डिटेल्स
- Sansera Engineering ऑटोमोटिव व नॉन-ऑटोमोटिव सेक्टर्स के लिए कांप्लेक्स और क्रिटिकल प्रेसिशन इंजीनियर्ड कंपोनेंट्स तैयार करती है.
- ऑटोमोटिव में यह कंपनी कनेक्टिंग रॉड्स, रॉकर आर्म्स बनाती है और नॉन-ऑटोमोटिव में एयरोस्पेस, ऑफ-रोड, खेती व अन्य सेग्मेंट्स को आपूर्ति करती है.
- वैश्विक स्तर पर कनेक्टिंग रॉड्स सप्लाई करने वाली यह प्रमुख कंपनी है.
- कंपनी के पास देश भर में 15 मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट्स हैं जिसमें से 9 बेंगलूरु में हैं. इसके अलावा एक प्लांट स्वीडन में है.
- इसका 65 फीसदी रेवेन्यू भारत से आता है और शेष 35 फीसदी अन्य देशों से.
- ऑटोमोटिव सेक्टर की कंपनी के रेवेन्यू में 88.45 फीसदी हिस्सेदारी है.
- कंपनी के रेवेन्यू का प्रमुख स्रोत कार के आंतरिक दहन इंजन के कंपोनेंट्स की बिक्री है.
- FY 21 में कंपनी का रेवेन्यू 1572.36 करोड़ रुपये का था जो उसके पिछले वित्त वर्ष 2019-20 में 1828.24 करोड़ रुपये का था. कंपनी का वित्त वर्ष 2021 में शुद्ध मुनाफा (प्रॉफिट आफ्टर टैक्स) 109.86 करोड़ रुपये का था जबकि उसके पिछले वित्त वर्ष 2020 में यह 79.90 करोड़ रुपये था.