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सफायर फूड्स का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 11 नवंबर तक खुला रहेगा. इस आईपीओ के तहत कोई भी नया शेयर जारी नहीं होगा.
Sapphire Foods IPO: देश में KFC और पिज्जा हट (Pizza Hut) के रेस्तरां चलाने वाली कंपनी Sapphire Foods का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए आज खुल गया है. 2073 करोड़ रुपये का यह आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए अगले दिनों यानी 11 नवंबर तक खुला रहेगा. इस आईपीओ के तहत कोई भी नया शेयर जारी नहीं होगा यानी कि यह पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) है. शहरीकरण में तेजी और देश में वर्किंग पॉपुलेशन की बढ़ रही संख्या के चलते फास्ट फूड का चलन बढ़ रहा है. ऐसे में सफायर फूड्स के बिजनेस की ग्रोथ मार्केट एनालिस्ट्स को अच्छी दिख रही है. एनालिस्ट्स के मुताबिक निवेशक लांग टर्म के उद्देश्य से इसमें पैसे लगा सकते हैं.
लांग टर्म के लिए निवेशकों को दी पैसे लगाने की सलाह
- रिलायंस सिक्योरिटीज के मुताबिक आईपीओ की वैल्यू 60.2x FY21 EV/EVBITDA और 7.3x EV/Sales पर है. यह इश्यू हाल ही में लिस्ट हुई देवयानी इंटरनेशनल (Devyani International) के मुकाबले डिस्काउंट पर है और देवयानी के मुकाबले इसका मार्जिन अधिक बेहतर है. एनालिस्ट्स के मुताबिक वर्किंग लोगों की बढ़ती संख्या और शहरों के विस्तार से फास्ट फूड का कल्चर बढ़ने का अनुमान है. रिलायंस सिक्योरिटीज ने निवेशकों को लांग टर्म के लिए इस आईपीओ में निवेश की सलाह दी है.
- सैंक्टम वेल्थ के डायरेक्टर रिसर्च आशीष चतुरमोहता के मुताबिक सफायर फूड्स जिस सेग्मेंट में है, उसमें ग्रोथ की काफी संभावना है. इसके अलावा इसके पास केएफसी, पिज्जा हट और टैको बेल जैसी नामी-गिरामी ब्रांड्स की फ्रेंचाइजी है. इसके अलावा कंपनी के स्टोर्स की संख्या में बढ़ोतरी हुई जिसमें से केएफसी के स्टोर की संख्या अधिक बढ़ी है. यह सफायर फूड्स के लिए फायदेमंद है क्योंकि प्रति केएफसी स्टोर का रेवेन्यू सबसे अधिक है और सफायर फूड्स के रेवेन्यू में 60 फीसदी केएफसी के स्टोर्स की है. चालू वित्त वर्ष 2022 की पहली छमाही में कंपनी का कर्ज 94 करोड़ रुपये से घटकर 71 करोड़ रुपये रह गया और कंपनी ने 45 रेस्तरां भी खोले जिससे दूसरी छमाही अक्टूबर 2021-मार्च 2022 में बेहतर कैश फ्लो रहने की संभावना है. सैंक्टम वेल्थ ने निवेशकों को लंबे समय के लिए इसमें निवेश की सलाह दी है.
Sapphire Foods IPO की डिटेल्स
- सफायर फूड्स का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 11 नवंबर तक खुला रहेगा. इस आईपीओ के तहत कोई भी नया शेयर जारी नहीं होगा यानी कि यह पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) है.
- 2073 करोड़ के आईपीओ के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले शेयरों के लिए 1120-1180 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया गया है.
- कंपनी ने लॉट साइज 12 शेयरों का तय किया है यानी कि प्राइस बैंड के अपर प्राइस के हिसाब से निवेशकों को कम से कम 14160 रुपये का निवेश करना होगा.
- इश्यू का 75 फीसदी हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बॉयर्स, 15 फीसदी हिस्सा हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल और 10 फीसदी हिस्सा खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित है.
- इसके शेयरों का अलॉटमेंट 16 नवंबर को फाइनल हो सकता है और लिस्टिंग 22 नवंबर को हो सकती है.
- इश्यू के लिए लिंक इनटाइम इंडिया को रजिस्ट्रार नियुक्त किया गया है.
कंपनी के बारे में डिटेल्स
- Sapphire Foods एक ओमनी चैनल (omni-channel) रेस्तरां ऑपरेटर होने के साथ ही भारतीय उप महाद्वीप में यम ब्रांड्स की सबसे बड़ी फ्रेंचाइजी कंपनी है. यह देश में केएफसी, पिज्जा हट और टैको बेल जैसे ब्रांड्स के रेस्तरां चलाती है.
- 31 मार्च, 2021 तक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक इसके पास भारत और मालदीव में 204 केएफसी रेस्तरां हैं. भारत श्रीलंका और मालदीव में इसके पास 231 पिज्जा हट हैं. श्रीलंका में इसके पास दो Taco Bell रेस्तरां हैं. श्रीलंका में यह सबसे बड़ी इंटरनेशनल क्यूएसआर (क्विस सर्विस रेस्टोरेंट) चेन है.
भारतीय उपमहाद्वीप में सफायर फूड्स के रेस्तरां की संक्या 2019 में 376 से बढ़कर 2021 में 437 हो गई.
- कंपनी के फाइनेंशियल की बात करें तो पिछले वित्त वर्ष 2021 में कोरोना महामारी का असर इसके कारोबार पर दिखा और महज 1020 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हुआ. वित्त वर्ष 2019 में कंपनी को 1190 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2020 में 1340 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हुआ था. कंपनी के शुद्ध मुनाफे (प्रॉफिट आफ्टर टैक्स) की बात करें तो वित्त वर्ष 2021 में इसे 100 करोड़ रुपये का घाटा हुआ.
Devyani International के आईपीओ निवेशकों को 67% मुनाफा
सफायर फूड्स से पहले KFC और पिज्जा हट की भारत में एक और बड़ी ऑपरेटर कंपनी देवयानी इंटरनेशनल अगस्त में ही अपना 1838 करोड़ रुपये का आईपीओ ला चुकी है. इसका आईपीओ 116.71 गुना सब्सक्राइब हुआ था. Devyani International की मार्केट में जबरदस्त एंट्री हुई थी. इसके शेयरों की ट्रेडिंग स्टॉक एक्सचेंज पर 90 रुपये के आईपीओ प्राइस के मुकाबले 141 रुपये के भाव से शुरू हुई यानी 56.67 फीसदी प्रीमियम पर. यह 8 नवंबर को 160.65 रुपये के भाव पर बंद हुआ था यानी कि लिस्टिंग के बाद से आईपीओ निवेशकों के पैसे करीब 67 फीसदी बढ़े हैं.