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चालू वित्त वर्ष 2021-22 में जीवन बीमा प्राइसेज बढ़ने को लेकर पॉलिसीबाजार ने कई लोगों को संदेश भेजे थे जिसे लेकर जुर्माना लगाया गया है.
चालू वित्त वर्ष 2021-22 में जीवन बीमा प्राइसेज बढ़ने को लेकर पॉलिसीबाजार ने करीब 10 लाख लोगों को एसएमएस भेजे थे. अब बीमा नियामक IRDAI ने ग्राहकों को गुमराह करने वाले एसएमएस एलर्ट को लेकर पॉलिसीबाजार पर 24 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. Policybazaar ने अपने ग्राहकों को एक एसएमएस भेजा था जिसमें कहा गया था कि 1 अप्रैल से लाईफ इंश्योरेंस प्राइसेज बढ़ने वाले हैं तो ऐसे में टर्म प्लान आज ही खरीदकर 1.65 लाख रुपये तक बचा लें. इस पर बीमा नियामक ने 7 अप्रैल को एक मेल भेजकर पॉलिसीबाजार से स्पष्टीकरण मांगा था और एसएमएस को रोकने को कहा था. इसके अलावा किस आधार पर यह दावा किया जा रहा था, इसे लेकर भी जवाब मांगा था.
PolicyBazar ने बचाव में दिए ये तर्क
बीमा नियामक को भेजे गए अपने जवाब में पॉलिसीबाजार ने कहा था कि एसएमएस सिर्फ एक सूचना के लिए था और यह इंश्योरेंस पार्टनर्स से मिली जानकारियों पर आधारित थी. पॉलिसीबाजार के मुताबिक रीइंश्योरेंस कॉस्ट्स में बढ़ोतरी के चलते प्रीमियम रेट्स बढ़ने का अनुमान लगाया गया था. वेब एग्रीगेटर पॉलिसीबाजार ने यह भी कहा कि यह एसएमएस ग्राहकों को प्रीमियम बढ़ोतरी को लेकर सूचना देने के लिए था ताकि उन्हें बाद में इसे लेकर पछताना न पड़े कि कम प्रीमियम रहते पॉलिसी क्यों नहीं ली. पॉलिसीबाजार का दावा किया था कि एसएमएस में भेजी गई सूचना न तो गुमराह करने वाली थी और न ही गलत थी बल्कि यह बीमा कंपनियों व पब्लिक डोमेन से मिली सूचना पर आधारित थी.
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बीमा नियामक IRDAI ने इस आधार पर लगाया जुर्माना
मामले की सुनवाई के बाद बीमा नियामक ने फैसला किया कि एसएमएस से गैरजरूरी भय का माहौल बना और इसे पूरी तरह नकारा जा सकता था. इरडा ने कहा कि पॉलिसीबाजार के करीब 10 लाख ग्राहकों को भेजे गए एसएमएस से लोगों में पैनिक की स्थिति बनी. पॉलिसीबाजार को इरडा के इंश्योरेंस एडवरटाइजमेंट्स एंड डिस्कोलजर रेगुलेशन के उल्लंघन मामले में भी दोषी पाया गया. इसके तहत सभी बीमा विज्ञापन में बीमा कंपनी,/इंटरमीडियरी/इंश्योरेंस एजेंट के पूरे रजिस्टर्ड नाम का उल्लेख नहीं होना जरूरी है लेकिन पॉलिसीबाजार में एसएमएस में अपना नाम नहीं भेजा था. पॉलिसीबाजार पर उल्लंघन को लेकर 15 मार्च से 7 अप्रैल के बीच भेजे गए एसएमएस के आधार पर 24 लाख का जुर्माना लगाया गया है.
(Article: Rajeev Kumar)