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SBI Ecowrap Report: FY21 में जीडीपी में 8% की गिरावट का अनुमान, कृषि के अलावा इनमें रहेगी ग्रोथ

SBI Ecowrap Report: भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी से बाहर निकल चुकी है और चालू वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही अक्टूबर-दिसंबर 2020 में 0.4 फीसदी की दर से उसमें ग्रोथ रही.

SBI Ecowrap Report: भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी से बाहर निकल चुकी है और चालू वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही अक्टूबर-दिसंबर 2020 में 0.4 फीसदी की दर से उसमें ग्रोथ रही.

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Jeevan Deep Vishawakarma
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SBI Ecowrap Report forcasts 8 percent decline in gdp in fy21 and growth in agriculture sector

एग्रीकल्चर के सिवाय FY21 में सिर्फ इलेक्ट्रिसिटी, गैस, वाटर सप्लाई और अन्य यूटिलिटी सर्विसेज के बढ़ने का अनुमान है.

SBI Ecowrap Report: भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी से बाहर निकल चुकी है और चालू वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही अक्टूबर-दिसंबर 2020 में 0.4 फीसदी की दर से उसमें ग्रोथ रही. इससे पहले चालू वित्त की पहली तिमाही में 24.4 फीसदी और दूसरी तिमाही में 7.3 फीसदी की दर से गिरावट रही थी. तीसरी तिमाही में ग्रोथ के साथ भारत उन देशों में शुमार हो गया जिसमें पिछले साल 2020 की चौथी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2020) में इकोनॉमी में सुधार हुआ जबकि कुछ यूरोपीय देशों में जुलाई-सितंबर 2020 की तिमाही से अधिक गिरावट अक्टूबर-दिसंबर 2020 तिमाही में रही. हालांकि अब पिछले कुछ से कोरोना संक्रमण के मामले एक बार फिर से बढ़ रहे हैं तो स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लगाए जा रहे हैं. इससे चालू वित्त वर्ष की तिमाही में जो गेन्स हासिल हुआ है, उस पर प्रभाव पड़ सकता है. SBI Ecowrap रिपोर्ट के मुताबिक चौथी तिमाही जनवरी-मार्च 2021 में गिरावट रह सकती है.

एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक पूरे वित्त वर्ष की बात करें तो जीडीपी में 8 फीसदी की दर से गिरावट रह सकती है और जीवीए में 6.5 फीसदी की दर से गिरावट रह सकती है. हालांकि अगले वित्त वर्ष 2021-22 की बात करें तो उसमें रीयल जीडीपी ग्रोथ 11 फीसदी और नॉमिनल जीडीपी 15 फीसदी रह सकती है. एसबीआई इकोरैप की रिपोर्ट के मुताबिक कृषि के सिवाय FY21 में सिर्फ इलेक्ट्रिसिटी, गैस, वाटर सप्लाई और अन्य यूटिलिटी सर्विसेज के बढ़ने का अनुमान है.

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सालाना जीडीपी और जीवीए के बीच रिकॉर्ड गैप

आमतौर पर सालाना जीडीपी और जीवीए के बीच 70 बीपीएस (0.7 फीसदी) का अंतर रहता है लेकिन FY21 में पहली बार यह अंतर 148 बीपीएस (1.48 फीसदी) रह सकता है. इसका सबसे बड़ा कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में नेट डायरेक्ट टैक्स में भारी गिरावट का होना है. पहली तिमाही में सालाना जीडीपी और जीवीए के बीच का अंतर 200 बीपीएस (2 फीसदी) था. चौथी तिमाही में जीवीए 2.7 फीसदी रह सकता है और वर्तमान परिस्थितियों में इकोनॉमिक रिकवरी को मापने के लिए यह बेहतर सूचक है क्योंकि टैक्स नंबर्स में बहुत उतार-चढ़ाव हैं.

एनएसओ के आकलन से कम रह सकता है नॉमिनल लॉस

नॉमिनल लॉस की बात करें तो चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 13.2 करोड़ रुपये का लॉस हुआ था जो तीसरी तिमाही में 2.7 लाख करोड़ के गेन्स में बदल गया. अब चौथी तिमाही में अनुमान है कि 2.8 लाख करोड़ का गेन्स हो सकता है. पूरे वित्त वर्ष की बात करें तो 7.6 लाख करोड़ का नॉमिनल लॉस हो सकता है. हालांकि एसबीआई इकोरैप का मानना है कि यह नॉमिनल लॉस एनएसओ के एस्टीमेट से कम रह सकता है.

FY21 में सेक्टरवाइज ग्रोथ का अनुमान

  • तीसरी तिमाही में एग्रीकल्चर और उससे संबंधित गतिविधियां FY20 की तीसरी तिमाही में 3.4 फीसदी की तुलना में 3.9 फीसदी की दर से बढ़ी थीं. FY21 में पिछले वित्त वर्ष में 4.3 फीसदी की तुलना में 3 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है.
  • तीसरी तिमाही में इंडस्ट्री सेक्टर इलेक्ट्रिसिटी, गैस, वाटर सप्लाई व अन्य यूटिलिटी सर्विसेज में 7.3 फीसदी की ग्रोथ और कंस्ट्रक्शन में 6.2 फीसदी की बढ़ोतरी के चलते 2.7 फीसदी की दर से बढ़ी थी. माइनिंग और क्वैरीइंग अभी भी निगेटिव ग्रोथ में हैं. FY21 में पिछले वित्त वर्ष में 1.2 फीसदी की दर से गिरावट की तुलना में 8.2 फीसदी की दर से गिरावट का अनुमान है. एग्रीकल्चर के सिवाय FY21 में सिर्फ इलेक्ट्रिसिटी, गैस, वाटर सप्लाई और अन्य यूटिलिटी सर्विसेज के बढ़ने का अनुमान है.
  • तीसरी तिमाही में सर्विसेज जीडीपी ग्रोथ निगेटिव तो थी लेकिन उसमें रिकवरी रही. पहली तिमाही में (-) 21.4 फीसदी और दूसरी तिमाही में (-)11.3 फीसदी की तुलना में तीसरी तिमाही में महज (-1.0) की गिरावट रही. सर्विसेज जीडीपी ग्रोथ में यह रिकवरी फाइनेंसियल, रीयल एस्टेट और प्रोफेशनल सर्विसेज में 6.6 फीसदी की ग्रोथ के कारण हुई. FY21 में सर्विस सेक्टर पिछले वित्त वर्ष में 7.2 फीसदी ग्रोथ की तुलना में 8.1 फीसदी की दर से सिकुड़ सकता है.
Sbi