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SBI ने अपनी रिपोर्ट में सुधारा जीडीपी ग्रोथ का आकलन, इन दो बातों पर निर्भर करेगी इकोनॉमी

एसबीआई ने जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में यह बदलाव 41 हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर के आधार पर किया है जो उद्योगों और सेवाओं की गतिविधियों के अलावा वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़े हुए हैं.

एसबीआई ने जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में यह बदलाव 41 हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर के आधार पर किया है जो उद्योगों और सेवाओं की गतिविधियों के अलावा वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़े हुए हैं.

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FE Online
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SBI ECOWRAP REPORT REVISED ECONOMIC GROWTH DATA GDP

दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ (-)10.7 फीसदी रहेगी, पहले यह अनुमान (-)12.5 फीसदी था.

देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई की इकोनॉमिक रिसर्च डिपॉर्टमेंट ने एक रिपोर्ट तैयार किया है. SBI Ecowrap Research Report में चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही के जीडीपी के अनुमान में सुधार किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ (-)10.7 फीसदी रहेगी, पहले यह अनुमान (-)12.5 फीसदी था. इस रिपोर्ट को एसबीआई की ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर डॉ सौम्या कांती घोष ने तैयार किया है.

एसबीआई ने जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में यह बदलाव 41 हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर के आधार पर किया है जो उद्योगों और सेवाओं की गतिविधियों के अलावा वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़े हुए हैं.

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तीसरी तिमाही में बेहतर होगी स्थिति

रिपोर्ट में कहा गया है कि इकोनॉमिक रिकवरी तेज हो रही है और अगर जुलाई व अगस्त में इसकी गति थोड़ी और तेज रही होती तो परिणाम बहुत अच्छे मिलते. एसबीआई बिजनस एक्टिविटी इंडेक्स से यह पता चलता है कि आर्थिक स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है और चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में और बेहतर स्थिति हो सकती है. हालांकि उसके बाद की तिमाही का अनुमान तभी लगाया जा सकता है, जब दूसरी तिमाही के वास्तविक परिणाम सामने आएं. पिछले साल अक्टूबर के मुकाबले इस बार अक्टूबर में जीएसटी कलेक्शन में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है लेकिन असली तस्वीर तभी सामने आ सकती है, जब जीडीपी के आंकड़े सामने आएंगे.

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दो बातों पर निर्भर करेगी रिकवरी

एसबीआई की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि आगे का अनुमान मुख्य रूप से दो चीजों पर निर्भर करेगा कि कोरोना महामारी से रिकवरी किस तरह से हो रही है और वैक्सीन कितनी जल्द उपलब्ध होता है. दिवाली के बाद के दो हफ्ते महत्वपूर्ण हैं और इन पर सावधानी से नजर रखे जाने की जरूरत है. वैक्सीन जितनी तेजी से उपलब्ध होगा और उपभोक्ताओं का भरोसा बढ़ता है, उसी के हिसाब से आगे का आकलन करना संभव हो सकेगा. रिपोर्ट मे कहा गया है कि कंज्यूमर कांफिडेंस पर अगले वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही में आकलन किया जा सकता है.

Sbi