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यह निर्देश भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) के आदेश पर SBI लाइफ की अपील पर आया है.
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प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (SAT) ने बीमा नियामक IRDAI को SBI लाइफ इंश्योरेंस कंपनी द्वारा अग्रिम प्रीमियम के रूप में गलत तरीके से जुटाई गई राशि का फिर से आंकलन करने और उसे पॉलिसीधारकों को वापस करने का निर्देश दिया है. यह निर्देश भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) के आदेश पर SBI लाइफ की अपील पर आया है. IRDAI ने बीमा कंपनी को पॉलिसीधारकों को 275 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए कहा था.
न्यायाधिकरण ने बुधवार को अपने आदेश में कहा कि IRDAI ने गलत तरीके से वसूली गई राशि की सही गणना नहीं की है और इसलिए उसका फिर से आंकलन करने और अनुचित तरीके से एकत्र राशि की वसूली करने का निर्देश दिया गया है. IRDAI ने मार्च, 2014 में SBI लाइफ को निर्देश दिया था कि वह लाभार्थियों की पहचान करे और कॉरपोरेट एजेंटों को दिए गए अतिरिक्त कमीशन का ऐसे लाभार्थियों को भुगतान करे. इस प्रक्रिया को छह महीने के अंदर पूरा करने के लिए कहा गया था.
क्या है पूरा मामला ?
आरोप है कि SBI लाइफ ने 2008-09, 2009-10 और 2010-11 के दौरान धनरक्षा प्लस टर्म पॉलिसी के ग्राहकों से 275.30 करोड़ रुपये अतिरिक्त कमीशन वसूला था. धनरक्षा प्लस पॉलिसी एकल प्रीमियम और लिमिटेड प्रीमियम पेइंग टर्म (LPPT) के साथ पेश की गई थी. एकल प्रीमियम नीति में, पूरी पॉलिसी के लिए प्रीमियम एडवांस में लिया जाता था और एजेंटों को 2 फीसदी का कमीशन मिलता है.
दो साल के प्रीमियम पेइंग प्लान के तहत, पहले साल का कमीशन बहुत ज्यादा 40 फीसदी और दूसरे साल 7.5 फीसदी था. आरोप है कि एसबीआई लाइफ के एजेंटों ने पॉलिसीधारकों को एकल प्रीमियम प्लान के बारे में सूचना नहीं दी और ज्यादा पॉलिसी LPPT की बेची गईं.