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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म को अलग सब्सिडरी बनाने की ओर योजना बना रहा है.
देश के सबसे बड़े कर्जदाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म को अलग सब्सिडरी बनाने की ओर योजना बना रहा है. बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने यह बात कही. Yono या You Only Need One ऐप बैंक का इंटिग्रेटेड बैंकिंग प्लेटफॉर्म है. कुमार ने एक सालाना बैंकिंग और फाइनेंस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम अपने सभी पार्टनर्स के साथ इसे अलग सब्सिडरी ते तौर पर करने की चर्चा कर रहे हैं.
शुरुआती दौर में चर्चा
योनो के स्वतंत्र इकाई बनने के बाद एसबीआई उसके यूजर्स के बीच एक भी बन सकता है. इसके साथ उन्होंने कहा कि चर्चा बहुत शुरुआती स्तर पर है और इकाई के लिए वैल्युएशन का काम अभी रहता है. हाल ही में, कुमार ने कहा था कि योनो का वैल्युएशन करीब 40 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो सकता है.
कुमार ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि योनो के वैल्युएशन पर उन्होंने जो बयान दिया था, वह इस बात को देखते हुए था कि, अगर सभी स्टार्ट अप और के वैल्युएशन को देखा और उनकी तुलना की जाए, तो योनो का निश्चित तौर पर 40 बिलियन डॉलर से कम नहीं होना चाहिए. अभी उन्होंने वैल्युएशन पर कोई काम नहीं किया है लेकिन जिस चीज पर उन्हें विश्वास है, वह इसकी क्षमता है.
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योनो के 26 मिलियन रजिस्टर्ड यूजर्स
तीन साल पहले लॉन्च हुए योनो के 26 मिलियन रजिस्टर्ड यूजर्स हैं. इसके 5.5 मिलियन लॉग इन प्रति दिन के साथ रोजाना चार हजार से ज्यादा पर्सनल लोन और 16 हजार योनो कृषि एग्री गोल्ड लोन वितरित किए गए हैं. कुमार ने आगे कहा कि एसबीआई रिटेल पेमेंट्स के लिए न्यू Umbrella एंटिटी (NUE) फ्रेमवर्क के तहत एक डिजिटल पेमेंट्स इकाई स्थापित करने पर विचार कर रहा है. इस साल अगस्त में आरबीआई ने रिटेल भुगतानके लिए पूरे भारत में अंब्रेला एंटीटी के ऑथराइजेशन का फ्रेमवर्क जारी किया है. इसके लिए आरबीआई को आवेजन जमा करने की आखिरी तारीख 26 फरवरी 2021 है.