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Amzon को 'सुप्रीम' राहत, Reliance-Future डील फिर लटकी, कोर्ट के फैसले से रिलायंस और फ्यूचर के शेयरों में बिकवाली शुरू

Amazon vs Future Retail vs Reliance: सुप्रीम कोर्ट के एक अहम फैसले से फ्यूचर रिटेल और रिलायंस रिटेल के बीच की 24731 करोड़ की अहम डील फिर अटक गई है.

Amazon vs Future Retail vs Reliance: सुप्रीम कोर्ट के एक अहम फैसले से फ्यूचर रिटेल और रिलायंस रिटेल के बीच की 24731 करोड़ की अहम डील फिर अटक गई है.

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SC holds Singapore Emergency Arbitrator award against Future retail limited Reliance Retail deal enforceable reliance share price down

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आज रिलायंस के शेयरों में 2 फीसदी और फ्यूचर रिटेल के शेयरों में 10 फीसदी की गिरावट आई.

सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से फ्यूचर रिटेल (Future Retail) और रिलायंस रिटेल (Reliance Retail) के बीच की 24731 करोड़ की अहम डील फिर अटक गई है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में इस सौदे के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए ई-कॉमर्स सेक्टर की दिग्गज कंपनी Amazon के पक्ष में फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने सिंगापुर की इमरजेंसी आर्बिट्रेटर (ईए) अवार्ड को फैसले को होल्ड रखा है यानी कि यह फैसला यहां भी प्रभावी होगा.

कोर्ट के इस फैसले के बाद आज रिलायंस के शेयरों में 2 फीसदी की गिरावट रही और इसके शेयर 2087 रुपये के भाव पर लुढ़क गए. फ्यूचर रिटेल के शेयरों में 10 फीसदी की गिरावट आई और यह 52.55 रुपये के भाव पर लुढ़क गया. फ्यूचर एंटरप्राइजेज और फ्यूचर लाइफस्टाइल के भाव भी 10 फीसदी तक टूट गए.

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विदेशी ईए का फैसला भारत में होगा लागू

जस्टिस आरएफ नरीमन की बेंच ने कहा कि किसी अन्य देश के ईए का फैसला इंडियन आर्बिट्रेशन एंड कांसिलेशन एक्ट के तहत यहां भी लागू होगा. सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि भारत में आर्बिट्रेशन लॉ में 'ईए' टर्म का इस्तेमाल नहीं हुआ है. कोर्ट के मुताबिक ईए ऑर्डर सेक्शन 17(1) के तहत एक आदेश है और इसे ऑर्बिट्रेशन एंड कांसिलेशन एक्ट के सेक्शन 17(2) के तहत लागू किया जा सकता है. अमेजनडॉटकॉम एनवी इंवेस्टमेंट होल्डिंग्स एलएलसी और एफआरएल (फ्यूचर रिटेल लिमिटेड) के बीच रिलायंस के साथ हुई डील को लेकर कानूनी लड़ाई लंबे समय से चल रही है और अमेजन ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि ईए अवार्ड वैध है और इसे भारत में लागू किया जा सकता है.

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यह है पूरा मामला

अमेजन ने अगस्त 2019 में फ्यूचर कूपंस में निवेश किया था. इस सौदे के तहत अमेजन को तीन से 10 साल के भीतर फ्यूचर रिटेल में हिस्सेदारी खरीदने का भी अधिकार मिला. पिछले साल अगस्त 2020 में किशोर बियानी की फ्यूचर ग्रुप ने मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस के साथ अपने रिटेल, होलसेल, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग यूनिट्स बेचने के लिए एक 24713 करोड़ रुपये की एक डील की. इसके बाद दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने रिलायंस के साथ सौदे को लेकर फ्यूचर ग्रुप के खिलाफ सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत में याचिका दायर किया.

अमेजन के मुताबिक फ्यूचर ग्रुप ने रिलायंस के साथ डील कर उसके साथ हुए कांट्रैक्ट के नियमों का उल्लंघन किया है. सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत ने अमेजन के पक्ष में फैसला सुनाया जिसके आधार पर उसने दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की. दिल्ली हाईकोर्ट में एकल बेंच ने अमेजन के पक्ष में फैसला सुनाया लेकिन दो जजों की बेंच से अपने पक्ष में फैसला न आने पर अमेजन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया जिस पर आज फैसला आया है.

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