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SEBI ने म्यूचुअल फंड नियम में किया बड़ा चेंज, जानिए फंड हाउसेज को क्यों दी गई स्कीम बंद कर पैसा जब्त करने की चेतावनी

म्यूचुअल फंड को इक्विटी जैसी जोखिम वाली योजनाओं में अधिक राशि निवेश करने की जरूरत होगी जबकि बांड फंड जैसी कम जोखिम वाली निवेश योजनाओं में कम निवेश करना होगा.

म्यूचुअल फंड को इक्विटी जैसी जोखिम वाली योजनाओं में अधिक राशि निवेश करने की जरूरत होगी जबकि बांड फंड जैसी कम जोखिम वाली निवेश योजनाओं में कम निवेश करना होगा.

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FE Online
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sebi demat

On settlement date, all blocked shares mentioned in accepted bid will be transferred to CCs

SEBI Changes MF rules : सेबी (SEBI)ने म्यूचुअल फंड नियम में अहम बदलाव किए हैं. पूंजी बाजार नियामक के संशोधित नियमों के मुताबिक फंड हाउसेज को अपनी स्कीमों में मौजूदा जोखिम स्तरों के मुताबिक निवेश करना होगा ताकि ' Skin in the game' सुनिश्चित हो सके. इस पहल से फंड का प्रबंधन करने वालों को इसमें हिस्सेदारी सुनिश्चित (Skin in the game) होगी. स्कीमों के बेहतर प्रबंधन और निवेशकों के लिहाज से यह काफी अहम है.

इक्विटी फंड में ज्यादा निवेश करना होगा

सेबी ने एक नोटिफिकेशन में कहा है कि एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) समय-समय पर बोर्ड की ओर से निर्धारित योजनाओं से जुड़े जोखिमों के आधार पर म्यूचुअल फंड की ऐसी योजनाओं में निवेश करेगी. हालांकि नियामक ने म्यूचुअल फंड की ओर से की जाने वाली न्यूनतम राशि निर्धारित नहीं की है. मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक म्यूचुअल फंड को इक्विटी जैसे जोखिम वाले इंस्ट्रूमेंट्स में अधिक राशि निवेश करने की जरूरत होगी जबकि बांड फंड जैसे कम जोखिम वाले इंस्ट्रूमेंट्स में कम निवेश करना होगा

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मौजूदा नियमों के मुताबिक एनएफओ (NFO) के जरिये जुटाए गए निवेश का एक फीसदी या 50 लाख रुपये में से जो भी कम हो उसे निवेश करना होता है. सेबी ने एक नोटिफिकेशन जारी कर रहा है कि एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) को जोखिम स्तरों का ध्यान रखते हुए अपनी स्कीमों में निवेश करना होगा.

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नियमों का उल्लंघन किया तो स्कीम बंद होगी, जब्त होगा पैसा

सेबी ने कहा है कि अगर नए प्रावधानों का उल्लंघन किया गया तो वह म्यूचुअल फंड की ओर से शुरू की स्कीम को एक साल तक सस्पेंड कर सकता है. अगर एसेट मैनेजमेंट कंपनी ने इस स्कीम में कोई निवेश किया है तो उसे जब्त भी किया जा सकता है. हालांकि यह परिस्थितियों पर निर्भर होगा. इस तरह का कोई भी फैसला लेने से पहले संबंधित एएमसी को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका दिया जाएगा. 5 अगस्त को जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि नया नियम नोटिस जारी होने के 270वें दिन लागू हो जाएगा.

Sebi Equity Mutual Fund