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Against this backdrop, both sides have approached Sebi for clarity on the issue and the regulator's response will be crucial in the takeover battle.
बाजार नियामक सेबी (SEBI) की मंजूरी के बिना दिग्गज मीडिया कंपनी एनडीटीवी (NDTV) में अप्रत्यक्ष रूप से हिस्सेदारी का अधिग्रहण पूरा नहीं हो सकता है. एनडीटीवी ने रेगुलेटरी फाइलिंग में इसकी जानकारी दी है. इसके मुताबिक एनडीटीवी की प्रमोटर एंटिटी आरआरपीआर (RRPR) को अडाणी ग्रुप की विश्वप्रधान कॉमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (VCPL) बकाए के बदले तभी अधिग्रहण कर सकेगी, जब इसे सेबी की मंजूरी मिलेगी.
अडाणी ग्रुप की वीसीपीएल ने आरआरपीआर के जरिए अप्रत्यक्ष रूप से एनडीटीवी में 29.18 फीसदी के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दिया है. वहीं इस पर एनडीटीवी (नई दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड) के प्रमोटर्स का दावा है कि मंगलवार के पहले तक वे इस टेकओवर से अंजान थे और यह बिना उनकी सहमति या बिना किसी चर्चा के हुआ. अडाणी ग्रुप ने 26 फीसदी अतिरिक्त होल्डिंग खरीदने के लिए ओपन ऑफर लाने को भी कहा है.
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अधिग्रहण में क्या है दिक्कत
करीब दो साल पहले 27 नवंबर 2020 को सेबी ने फाउंडर और प्रमोटर्स प्रणय रॉय और राधिका रॉय को सिक्योरिटीज मार्केट में प्रवेश से प्रतिबंधित कर दिया था. वे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी तरीके से सिक्योरिटीज के खरीद-बिक्री या अन्य कोई सौदा नहीं कर सकते हैं. यह रोक दो साल के लिए लगी थी जो 26 नवंबर 2022 को एक्सपायर होगा. एनडीटीवी ने रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा कि जब तक पेंडिंग अपील प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी नहीं हो जाती हैं, एनडीटीवी के प्रमोटर ग्रुप आरआरपीआर में 99.5 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने के लिए सेबी की मंजूरी चाहिए होगी. इसकी वजह ये है कि इस अधिग्रहण से एनडीटीवी के इश्यूड शेयर कैपिटल का 29.18 फीसदी भी अडाणी ग्रुप को मिल जाएगा जिस पर अभी सेबी की रोक है.
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NDTV के मालिकाना हक की तरफ अडाणी के कदम
मंगलवार को अडाणी ग्रुप ने ऐलान किया था कि उसने एनडीटीवी में 29.18 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर लिया है. इसके अलावा ग्रुप ने एनडीटीवी में 26 फीसदी अतिरिक्त हिस्सेदारी खरीदने के लिए ओपन ऑफर लॉन्च करने की बात कही. एनडीटीवी की प्रमोटर एंटिटी आरआरपीआर ने विश्वप्रधान कॉमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड से 2009-10 में 403.85 करोड़ रुपये कर्ज लिया था. इसके बदले में आरआरपीआर ने वारंट जारी किया था और इससे वीसीपीएल को कर्ज चुकता न होने पर आरआरपीआर में 99.9 फीसदी हिस्सेदारी का हक मिला. अडाणी ग्रुप ने वीसीपीएल का अधिग्रहण कर लिया और इस बकाए कर्ज को एनडीटीवी में 29.18 फीसदी हिस्सेदारी में बदलने का विकल्प चुना.
(Input: PTI)