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पूंजी बाजार नियामक सेबी ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को एक्सचेंज पर कमोडिटी डेरिवेटिव में कारोबार को मंजूरी दे दी है. (Image- Pixabay)
पूंजी बाजार नियामक सेबी ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को एक्सचेंज पर कमोडिटी डेरिवेटिव में कारोबार को मंजूरी दे दी है. सेबी ने यह मंजूरी बुधवार को दी है. इससे पहले के कारोबारी नियम को बंद कर दिया है यानी कि मौजूदा एलिजिबल फॉरेन एंटिटी (EEE) रूट बंद हो गया है जिसके तहत भारतीय फिजिकल कमोडिटीज के लिए वास्तविक निवेश की जरूरत होती थी. सेबी के इस कदम से बाजार का दायरा और लिक्विडिटी बढ़ेगी. यह फैसला सेबी के निदेशक मंडल की बैठक में लिया गया. सेबी पहले ही श्रेणी तीन के अंतर्गत आने वाले वैकल्पिक इंवेस्टमेंट फंड्स (एआईएफ), पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज और म्यूचुअल फंड जैसे इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टर्स इस प्रकार के डेरिवेटिव्स में कारोबार की मंजूरी दे चुकी है.
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इन सेग्मेंट में कारोबार की मिलेगी मंजूरी
एफपीआई को सभी गैर-कृषि कमोडिटी डेरिवेटिव्स में कारोबार की मंजूरी रहेगी. इसके अलावा सेबी के आदेश के मुताबिक कुछ गैर-कृषि बेंचमार्क इंडेक्स में भी निवेश को मंजूरी रहेगी. सेबी के नए आदेश के बाद अगर कोई विदेशी निवेशक भारतीय एक्सचेंज-ट्रेडेड कमोडिटी डेरिवेटिव्स में हिस्सा लेना चाहता है तो उसके लिए वास्तविक निवेश की जरूरत नहीं रहेगी. हालांकि शुरुआत में वास्तविक निवेश को ही मंजूरी दी जाएगी यानी पूरे पैसों के साथ एफपीआई कारोबार कर सकेंगे.
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वर्किंग ग्रुप का किया गया गठन
एफपीआई को कुछ रिस्क मैनेजमेंट मानकों के साथ इंडियन एक्सचेंज ट्रेड कमोडिटी डेरिवेटिव्स (ETCD) में कारोबार की मंजूरी दी गई है. एफपीआई को कारोबार के लिए रिस्क मैनेजमेंट के मानकों के रिव्यू और इसमें अतिरिक्त मानकों को जोड़ने के लिए एक कार्यकारिणी समूह का गठन किया गया है. इस समूह में सेबी और मार्केट पार्टिसिपेंट्स के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
(Input: ANI)