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Asset Management कंपनियों (AMC) को अब अपनी म्यूचुअल फंड योजनाओं ( MF Plan) में एसेट के आधार पर निवेश करना होगा. इन कंपनियों को अपने प्लान में 0.03 से 0.13 फीसदी के बीच निवेश करना होगा. सेबी ने पहले ये आदेश दिए थे कि एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) को निवेशकों के साथ फंड हाउस के हितों के साथ मिलाने के लिए अपने प्लान में निवेश करना पड़ेगा. हालांकि उसने पहले यह नहीं कहा था कि एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को अपने फंड हाउस के प्लान में कितने निवेश की जरूरत होगी.
कम रिस्क वाली कैटेगरी में कम से कम 0.3 फीसदी निवेश करना होगा
5 अगस्त को सेबी ने म्यूचुअल फंड नियमों में संशोधन किया था, जिसमें फंड हाउसों को जोखिम स्तर के आधार पर अपनी योजनाओं में निवेश करने को कहा गया था. इसमें कहा गया था कि अधिसूचना की तारीख से 270वें दिन लागू होंगे. इस योजना के मुताबिक सौंपे गए रिस्क वैल्यू के आधार पर, AMCs अपनी योजनाओं में असेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) के 0.3 फीसदी न्यूनतम राशि का निवेश करेंगीं. हालांकि, सेबी ने उस वक्त फंड हाउस की ओर से निवेश की जाने वाली न्यूनतम राशि निर्धारित नहीं की थी. इस बीच सेबी ने शुक्रवार को एक सर्कुलर में कहा कि "कम रिस्क वाली कैटेगरी की स्कीमों के मामले में एएमसी को एयूएम का कम से कम 0.03 फीसदी अपने प्लान में स्कीम में निवेश करना होगा.
हाई रिस्क वाली योजना में 0.09 फीसदी निवेश जरूरी
सेबी के सर्कुलर में कहा गया है कि लो से मॉडरेट रिस्क कैटेगरी के प्लान में एएमसी को अपने एसेट बेस का 0.05 फीसदी निवेश करना होगा. वहीं मॉडरेट रिस्क वाले प्लान में एसेट बेस का 0.07 निवेश करना होगा. मॉडरेट से हाई रिस्क वाली स्कीमों में एसेट बेस का 0.09 फीसदी निवेश करना होगा.वहीं हाई रिस्क वाली स्कीमों 0.11 और बहुत ज्यादा रिस्क वाली स्कीमों में 0.11 फीसदी का निवेश करना होगा.