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फ्रैंकलिन टेम्पलटन मामले में नया मोड़. सेबी सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
Franklin Templeton Case : सेबी ने फ्रैंकलिन टेम्पलटन एसेट मैनेजमेंट कंपनी इंडिया ( Franklin Templeton Asset Management, India) पर सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. SAT ने सेबी के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें फ्रैंकलिन टेम्पलटन को दो साल के लिए कोई भी नई डेट स्कीम लॉन्च करने से रोक दिया गया था. इसके साथ ही निवेशकों ने फ्रैंकलिन टेम्पलटन की डेट स्कीमों में निवेश करने वाले निवेशकों के 512 करोड़ रुपये भी लौटाने के आदेश दिए थे.
सेबी ने SAT के फैसले को खारिज करने की अर्जी दी
सुप्रीम कोर्ट में दायर सेबी की याचिका में कहा गया है कि SAT ने सेबी के फैसले के खिलाफ फ्रैंकलिन टेम्पलटन को जो राहत दी है, उसे सुप्रीम कोर्ट खारिज करे. अपनी छह म्यूचुअल फंड स्कीमों को बंद करने के संबंध में फ्रैंकलिन टेम्पलटन की ओर से दायर एक याचिका पर अलग से सुनवाई कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर इन स्कीमों को बंद करना है तो पहले ट्रस्टियों को म्यूचुल फंड स्कीमों के यूनिट होल्डर्स से सहमति लेनी होगी. अदालत ने कहा कि डेट स्कीमों को बंद करने की वजह प्रकाशित करने के बाद इस पर अमल करने के लिए बहुसंख्यक यूनिट होल्डरों की सहमति लेनी होगी.
सेबी ने कहा था 512 करोड़ रुपये जमा करे फ्रैंकलिन टेम्पलटन
सेबी ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी ताजा अपील में SAT के उस फैसले की आलोचना की है, जिसमें कहा गया था कि निवेशकों को जो रकम लौटाने के लिए कहा गया है वह काफी ज्यादा है. SAT ने निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए फ्रैंकलिन टेम्पलटन से Escrow account में 250 करोड़ रुपये डालने को कहा था, जबकि सेबी ने 512 करोड़ रुपये जमा करने को कहा था . फ्रैंकलिन टेम्पलटन ने सेबी के 7 जून के फैसले के खिलाफ SAT में अपील की थी. सेबी के फैसले में कहा गया था कि फ्रैंकलिंग टेम्पलटन ने अपनी छह डेट स्कीमों के मैनेजमेंट के सिलसले में म्यूचुअल फंड्स नियमों के कुछ प्रावधानों का उल्लंघन किया था. ये सभी छह डेट स्कीमें अब बंद हो चुकी हैं.