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BRH Wealth Kreators केस: SEBI ने HDFC बैंक पर लगाया 1 करोड़ का जुर्माना, 45 दिनों में होगा चुकाना

HDFC बैंक ने नियामक के एक अंतरिम आदेश का उल्लंघन करते हुए BRH वेल्थ क्रिएटर्स के कुछ गिरवी रखे शेयरों को बेच दिया था.

HDFC बैंक ने नियामक के एक अंतरिम आदेश का उल्लंघन करते हुए BRH वेल्थ क्रिएटर्स के कुछ गिरवी रखे शेयरों को बेच दिया था.

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PTI
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Sebi slaps Rs 1 crore fine on HDFC Bank in BRH Wealth Kreators case, Securities and Exchange Board of India

साथ ही RBI को एक सप्ताह के अंदर सूचित करने का भी निर्देश दिया गया है. Image: Reuters

बाजार नियामक सेबी (Securities and Exchange Board of India) ने गुरुवार को BRH वेल्थ क्रिएटर्स मामले में HDFC बैंक पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया. HDFC बैंक ने नियामक के एक अंतरिम आदेश का उल्लंघन करते हुए BRH वेल्थ क्रिएटर्स के कुछ गिरवी रखे शेयरों को बेच दिया था. सेबी ने एक आदेश में बैंक को यह निर्देश भी दिया है कि जब तक मामले में फैसला नहीं आ जाता, वह एक एस्क्रो खाते में 158.68 करोड़ रुपये और सात फीसदी प्रतिवर्ष की दर से ब्याज जमा करे.

दरअसल सेबी के एक अंतरिम आदेश के निर्देशों के उलट HDFC बैंक ने BRH पर अपने बकाया कर्ज की भरपाई के लिए उसके गिरवी पड़े शेयरों को बेच दिया था. यह आदेश सेबी ने BRH वेल्थ क्रिएटर्स और अन्य इकाइयों के खिलाफ 7 अक्टूबर 2019 को दिया था.

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क्या था अंतरिम आदेश

अंतरिम आदेश के जरिए सेबी ने BRH को सिक्योरिटीज मार्केट में किसी भी तरह की गति​विधि को बंद करने का निर्देश दिया था. साथ ही यह भी निर्देश था कि आगे चलकर इसके एसेट्स को केवल पैसों के भुगतान और/या सिक्योरिटीज की डिलीवरी के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. निर्देश में एसेट्स से अर्थ BRH की सभी संपत्तियों से था, जिनमें सिक्योरिटीज भी आती हैं. इन्हें BRH ने गिरवीं रख HDFC बैंक व अन्य वित्तीय संस्थानों से कर्ज लिया था. ​​डिपॉजिटरीज और बैंकों को निर्देश दिया गया था कि BRH के डीमैट अकाउंट्स और बैंक अकाउंट्स से डेबिट न किया जाए.

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HDFC बैंक ने क्या किया

सेबी ने पाया कि HDFC बैंक ने 14 अक्टूबर 2019 को BRH की गिरवीं रखी सिक्योरिटीज का इस्तेमाल कर 158.68 करोड़ रुपये जुटाए और उसके बाद ज्यादातर सिक्योरिटीज को अपना बकाया वसूलने के लिए बेच दिया. HDFC बैंक ने BRH व BRH कमोडिटीज को क्रमश: 191.16 करोड़ और 26.61 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था. सेबी ने कहा कि उसका अंतरिम आदेश वसूली के अधिकार का अंतिम निर्धारण नहीं था, बल्कि इसका मकसद जांच या फॉरेंसिक ऑडिट पूरा होने तक BRH के एसेट्स की खरीद फरोख्त पर रोक लगाना था, ताकि निवेशकों के हितों से किसी भी तरह का समझौता न हो.

लिहाजा सेबी ने HDFC बैंक पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है और इसे 45 दिनों के अंदर भुगतान करने को कहा है. साथ ही RBI को एक सप्ताह के अंदर सूचित करने का भी निर्देश दिया गया है.

Hdfc Bank Sebi