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SEBI New Rule: आज से T+1 सेटलमेंट सिस्टम, रिटेल निवेशकों को ट्रेडिंग में कैसे होगा फायदा, एक्सपर्ट व्यू

स्टॉक एक्सचेंज आज 25 फरवरी यानी शुक्रवार से T+1 सेटलमेंट रूल लागू कर रहे हैं. यह शेयरों के सेटलमेंट का सिस्टम है. अभी यह नियम चुनिंदा शेयरों के लिए लागू हो रहा है.

स्टॉक एक्सचेंज आज 25 फरवरी यानी शुक्रवार से T+1 सेटलमेंट रूल लागू कर रहे हैं. यह शेयरों के सेटलमेंट का सिस्टम है. अभी यह नियम चुनिंदा शेयरों के लिए लागू हो रहा है.

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Sushil Tripathi
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SEBI New Rule: आज से T+1 सेटलमेंट सिस्टम, रिटेल निवेशकों को ट्रेडिंग में कैसे होगा फायदा, एक्सपर्ट व्यू

स्टॉक एक्सचेंज आज 25 फरवरी यानी शुक्रवार से T+1 सेटलमेंट रूल लागू कर रहे हैं. (reuters)

T+1 Settlement System: स्टॉक एक्सचेंज आज 25 फरवरी यानी शुक्रवार से T+1 सेटलमेंट रूल लागू कर देंगे. यह शेयरों के सेटलमेंट का सिस्टम (T+1 Settlement System) है. अभी यह नियम चुनिंदा शेयरों के लिए लागू हो रहा है, धीरे-धीरे बाकी शेयरों को भी इसमें जोड़ा जाएगा. अभी देश में T+2 सेटलमेंट सिस्टम लागू था. फिलहाल यह सिस्टम NSE और BSE दोनों ही स्टॉक एक्सचेंज पर लागू होगा. आखिर क्या है T+1 सेटलमेंट सिस्टम और इससे अलग अलग निवेशकों और उनके निवेश पर क्या असर होगा. आपको इसका कैसे फायदा मिलेगा.

24 घंटे में होगा सेटलमेंट

जब निवेशक या ट्रेडर शेयर बेचते या खरीदते हैं तो डीमैट अकाउंट में शेयर आने या बचत खाते में पैसे आने में कुछ समय लगता है. अभी भारत में T+2 सेटलमेंट सिस्टम लागू है, यानी बाय या सेल के ऑर्डर के 2 दिन में शेयरों का सेटलमेंट पूरा होता है. T+1 सेटलमेंट सिस्टम लागू होने के बाद 24 घंटे के अंदर शेयर आपके डीमैट अकाउंट में आ जाएंगे. हालांकि स्टॉक एक्सचेंज को यह ऑप्शन दिया गया कि वे चाहे तो नए सिस्टम को अपना सकते हैं या मौजूदा सिस्टम के साथ बने रह सकते हैं.

कॉरपोरेट्स, FIIs, DIIs को होगा फायदा

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Swastika Investmart Ltd. के चीफ इन्वेस्टमेंट आफिसर एंड DGM अमित पमनानी का कहना है कि सेबी का यह कदम कॉरपोरेट्स, FIIs, DIIs जैसे बाजार में ज्यादा निवेश करने वालों के लिए बहुत फायदेमंद होगा. एक दिन पहले सेटलमेंट से उन्हें अधिक लिक्विडिटी दे सकता है और मार्जिन आवश्यकताओं को कम कर सकता है. जबकि छोटे या रिटेल निवेशकों के लिए यह T+1 डे सेटलमेंट सिसटम अधिक प्रभाव नहीं डालेगा. हालांकि, बता दें कि रिटेन निवेशक एक्सचेंज पर डेली ट्रेडिंग वॉल्यूम का 45 फीसदी योगदान करते हैं. बाकर 55 फीसदी में कॉरपोरेट, FIIs, DIIs और अन्य शामिल हैं.

कॉमन निवेशकों के लिए नफा और नुकसान

पमनानी का कहना है कि यह निवेशकों को उनके फंड के पोस्ट-ट्रेड एग्जीक्यूशन और सेटलमेंट के पहले की अर्लियर रीसीप्ट प्रदान करेगा. इसके अलावा, कई आपरेशन और मार्केट रिस्क को कम किया जा सकता है. हालांकि यह उसी दिन सेटलमेंट प्रॉसेस का अनुपालन करने के अलावा किसी भी वर्ग के निवेशकों के लिए नुकसानदेह नहीं हो सकता है. T+1 सेटलमेंट सिस्टम के आने से पे-इन/पे-आउट डिफॉल्ट का रिस्क कम होगा. ट्रेडिंग वॉल्यूम में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी क्योंकि आपके ट्रेडिंग अकाउंट का मार्जिन सिर्फ एक दिन के लिए ब्लॉक होगा.

T+1 सेटलमेंट सिस्टम: कौन-कौन से शेयर आएंगे?

शुरुआत में T+1 सेटलमेंट सिस्टम के तहत सिर्फ 100 कंपनियों के शेयर आएंगे. इन कंपनियों का सेलेक्शन मार्केट वैल्यूएशन के आधार पर होगा. सबसे कम वैल्यूएशन वाली 100 कंपनियों को शुरू में इसका हिस्सा बनाया जाएगा. फिर, अगले हर महीने के शुक्रवार को 500 कंपनियों के शेयरों को इस लिस्ट में लाया जाएगा. यह तब तक जारी रहेगा, जब तक सभी शेयर नई व्यवस्था के तहत नहीं आ जाते हैं.

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