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सेंसेक्‍स 1000 से 50,000 तक, ऐसा रहा शेयर बाजार का सफर; 1.5 महीने में ही 5000 अंकों की तेजी

Sensex 1000 to 50,000: साल 2020 के आखिर में कुछ ग्‍लोबल और घरेलू ब्रोकरेज हाउस और एक्‍सपर्ट ने अनुमान लगाया था कि 2021 के अंत तक सेंसेक्‍स 50 हजार के पार निकलने में कामयाब रहेगा.

Sensex 1000 to 50,000: साल 2020 के आखिर में कुछ ग्‍लोबल और घरेलू ब्रोकरेज हाउस और एक्‍सपर्ट ने अनुमान लगाया था कि 2021 के अंत तक सेंसेक्‍स 50 हजार के पार निकलने में कामयाब रहेगा.

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Sushil Tripathi
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Sensex 1000 to 50,000

Sensex 1000 to 50,000: 21 जनवरी 2021 को सेंसेक्स0 ने पहली बार 50 हजार का लेवल पार किया.

Sensex 1000 to 50,000: साल 2020 के आखिर में कुछ ग्‍लोबल और घरेलू ब्रोकरेज हाउस और एक्‍सपर्ट ने अनुमान लगाया था कि 2021 के अंत तक सेंसेक्‍स 50 हजार के पार निकलने में कामयाब रहेगा. लेकिन यह किसी को अंदाजा नहीं था कि ऐसा 2021 के पहले ही महीने में हो जाएगा. क्‍योंकि पिछले साल 4 दिसंबर 2020 को ही सेंसेक्‍स ने पहली बार 45 हजार का लेवल पार किया था. शेयर बाजार ने फिलहाल सारे अनुमान गलत साबित करते हुए इतिहास बना दिया. 21 जनवरी 2021 के कारोबार में सेंसेक्‍स ने पहली बार 50 हजार का स्‍तर पार कर लिया है.  निफटी भी 15000 के करीब जा रहा है. बाजार की इस तेजी में कई फैक्‍टर्स का योगदान रहा है. जानते हैं सेंसेक्‍स के लिए 1000 से 50 हजार तक का सफर कैसे पूरा हुआ.

सेंसेक्स: अबतक का शानदार सफर

1000:       जुलाई, 1990

5000:      अक्टूबर, 1999

10,000:    फरवरी, 2006

15,000:    जुलाई, 2007

20,000:     दिसंबर, 2007

25,000:    मई, 2014

30,000:    मार्च, 2015

35,000:    जनवरी, 2018

40,000:    फरवरी, 2020

45,000:    4 दिसंबर, 2020

50,000:  21 जनवरी 2021

बाजार की तेजी में ये फैक्‍टर रहे अहम

भारत में कोरोना महामारी को रोकने के लिए वैक्‍सीनेशन प्रोग्राम शुरू हो गया है. सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बॉयोटक की वैक्‍सीन को इसके लिए मंजूरी दी गई है. अनुमान है कि जुलाई 2021 तक करीब 30 करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन हो जाएगा. कोरोना वेक्सीन बाजार में आने की खबर से शेयर बाजार में जोरदार रैली आई.

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वहीं भारतीय बाजार को लेकर विदेशी निवेशकों का भरोसा बना हुआ है. नवंबर, दिसंबर में विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों में रिकॉर्ड निवेश किया है. ग्लोबल निवेशकों को भारत जैसे उभरते बाजारों में अधिक मुनाफे की संभावना नजर आ रही है. असल में रेटिंग एजेंसिया भी जीडीपी को लेकर अब पॉजिटिव अनुमान दे रही हैं.

भारत में यूनियन बजट पेश होने जा रहा है. यह बजट ऐसे समय में पेश हो रहा है, जब कोरोना वायरस महामारी के चलते अर्थव्‍यवस्‍था पर दबाव है. उम्‍मीद है कि इस बार बजट में अर्थव्‍यवस्‍था को बूस्‍ट देने के लिए कई एलान हो सकते हैं. इससे भी निवेयाक पॉजिटिव हैं. दूसरा कंपनियों की अर्निंग बेहतर हो रही है, जिससे सेंटीमेंट मजबूत हुए हैं.

कोरोना महामारी के दौर में देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और आम आदमी को रोहत देने के लिए सरकार ने लगातार राहत पैकेज पेश किए हैं. वहीं कुछ रिफॉर्म भी किए गए हैं. एक्सपर्ट और रेटिंग एजेंसियों का मानना है कि इन रिफॉर्म का असर अब दिखने लगा है और आगे इसका पॉजिटिव असर होगा.

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