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वैश्विक फर्म के मुताबिक नए प्रॉफिट साइकिल के चलते भारतीय शेयरों में निवेश बढ़ सकता है लेकिन निवेशकों को नियर टर्म में अधिक वोलैटिलिटी को लेकर सचेत रहना चाहिए. (Image- Pixabay)
Sensex Target: करीब एक महीने पहले वैश्विक ब्रोकरेज व रिसर्च फर्म मॉर्गेन स्टैनली (Morgan Stanley) ने भारतीय शेयरों को डाउनग्रेड किया था. अब इस फर्म का मानना है कि अगले साल के आखिरी यानी दिसंबर 2022 तक बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 80 हजार का लेवल छू सकता है. ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि वैश्विक स्तर पर बॉन्ड इंडेक्स में इंक्लूजन के सहारे भारत में 2 हजार करोड़ डॉलर (1.49 लाख करोड़ रुपये) का निवेश हो सकता है. मॉर्गन स्टैनली के मुताबिक भारतीय इक्विटी मार्केट पर लंबे समय तक बुल का नियंत्रण रह सकता है और ऐसा होने पर अगले साल के आखिरी तक सेंसेक्स 80 हजार का ऐतिहासिक लेवल छू सकता है.
बुल, बेस की 30 फीसदी संभावना
- मॉर्गन स्टैनली के मुताबिक बुल केस में सें सेंसेक्स दिसंबर 2022 तक 80 हजार के लेवल को छू सकता है. इस केस में ब्रोकरेज फर्म ने अनुमान लगाया है कि भारत में 2 हजार करोड़ डॉलर की पूंजी आ सकती है, देश में कोरोना की कोई तीसरी लहर नहीं आती है, कोई लॉकडाउन नहीं लगाया जाता है, यूएस डॉलर इंडेक्स व तेल की कीमतें एक सीमित दायरे में रहेगी और आरबीआई का निकासी में देरी हो सकती है. मॉर्गेन स्टैनली के मुताबिक इस केस की संभावना 30 फीसदी है.
- बेस केस में कोरोना महामारी और इकोनॉमिक रिकवरी में स्थायित्व आएगा. आरबीआई धीरे-धीरे एग्जिट करेगी. ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक इस केस में सेंसेक्स 70 हजार के लेवल तक पहुंच सकता है.
- मॉर्गेन स्टैनली के बीयर केस में सेंसेक्स 50 हजार के लेवल तक लुढ़क सकता है. इस केस में आरबीआई महंगाई को थामने के लिए सख्ती कर सकता है.
अधिक वोलैटिलिटी की आशंका
वैश्विक फर्म के मुताबिक नए प्रॉफिट साइकिल के चलते भारतीय शेयरों में निवेश बढ़ सकता है लेकिन निवेशकों को नियर टर्म में अधिक वोलैटिलिटी को लेकर सचेत रहना चाहिए. ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक भारतीय इक्विटी मार्केट को चुनाव, यूएस रेट साइकिल, कोविड लहर और ऊंची वैल्यूएशंस जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. वोलैटिलिटी इंडेक्स India VIX इस साल गिरकर 16 फीसदी आ गया और यह इस साल इसके नीचे बना हुआ है. एनालिस्ट्स के मुताबिक नए प्रॉफिट साइकिल और सपोर्टिव पॉलिसी के चलते बाजार में तेजी दिख रहने के आसार हैं.
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निवेश के लिए खास स्ट्रेटजी
पोर्टफोलियो की स्ट्रेटजी को लेकर मॉर्गन स्टैनली का मानना है कि खपत में तेजी, आरबीआई के नीतियों के सामान्य होने और जीडीपी में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की बढ़ती हिस्सेदारी के चलते वित्तीय और खपत पर नजर रहेगी. हालांकि ब्रोकरेज फर्म ने एक्सपोर्टस सेक्टर्स को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी है. मॉर्गन स्टैनली के मुताबिक स्माल व मिड कैप की तुलना में लॉर्ज कैप का प्रदर्शन बेहतर रह सकता है.
(आर्टिकल: क्षितिज भार्गव)
(1 अमेरिकी डॉलर= 74.43 रुपये)
(स्टोरी में दिए गए रिकमंडेशन संबंधित रिसर्च एनालिस्ट व ब्रोकरेज फर्म के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. पूंजी बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन हैं. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)