scorecardresearch

Tata Sons से बाहर निकलेगा शपूरजी पालोनजी ग्रुप, कहा- 'अलग होने का आ गया वक्त'

पिछले कुछ सालों में दोनों के रिश्ते में आई कड़वाहट के चलते अब इस जोड़ी के टूटने का वक्त आ गया है. 

पिछले कुछ सालों में दोनों के रिश्ते में आई कड़वाहट के चलते अब इस जोड़ी के टूटने का वक्त आ गया है. 

author-image
FE Online
New Update
Shapoorji Pallonji Group agrees to exit Tata Sons, says its Time to separate

Image: PTI

शपूरजी पालोनजी समूह (Shapoorji Pallonji Group) ने मंगलवार को कहा कि टाटा सन्स (Tata Sons) से बाहर निकलने का वक्त आ गया है. समूह पिछले 70 सालों से टाटा सन्स के साथ है. लेकिन पिछले कुछ सालों में दोनों के रिश्ते में आई कड़वाहट के चलते अब इस जोड़ी के टूटने का वक्त आ गया है. साइरस मिस्त्री के परिवार का समूह है. शपूरजी पालोनजी समूह ने बयान जारी कर कहा, 'हमारा और टाटा का रिश्ता 70 साल पुराना है. यह आपसी विश्वास और दोस्ती पर बना था. मंगलवार को शपूरजी पालोनजी समूह ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कह दिया कि टाटा समूह से अलग होना जरूरी हो गया है क्योंकि इस चली आ रही मुकदमेबाजी से आजीविका और अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है. भारी हृदय से मिस्त्री परिवार यह मानता है कि सभी स्टेकहोल्डर समहों के लिए शपूरजी पालोनजी समूह और टाटा सन्स का अलग हो जाना ही अच्छा होगा.'

टाटा सन्स में शपूरजी पालोनजी समूह की दो इन्वेस्टमेंट फर्म्स के जरिए 18.37 फीसदी हिस्सेदारी है. शपूरजी पालोनजी समूह की योजना विभिन्न स्रोतों से 11,000 करोड रुपये की व्यवस्था करने की है और उसने टाटा संस में अपने 18.37 फीसदी शेयरों के एक हिस्से के एवज में कनाडा के एक निवेशक के साथ 3,750 करोड़ रुपये के करार पर हस्ताक्षर किये थे. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को शपूरजी पालोनजी के टाटा संस के शेयर बेचने पर 28 अक्टूबर तक की रोक लगा दी. शपूरजी पालोनजी ग्रुप के हिस्सेदारी गिरवी रखने पर रोक लगाने के लिए 5 सितंबर को टाटा ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

2016 से रिश्तों में आई खटास

Advertisment

टाटा ग्रुप और शपूरजी पालोनजी समूह के रिश्तों में कड़वाहट अक्टूबर 2016 में उस वक्त पैदा हुई, जब साइरस मिस्त्री को टाटा सन्स के चेयरमैन मद से हटा दिया गया. उसके बाद से टाटा ग्रुप और साइरस मिस्त्री के बीच दिसंबर 2016 से ही कानूनी लड़ाई चल रही है.

टाटा सन्स अभी भी ले रही वैल्यू डिस्ट्रक्टिव डिसीजन्स

शपूरजी पालोनजी समूह ने बयान में कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि टाटा सन्स की मौजूदा लीडरशिप इन प्रोसिडिंग्स में अपना प्वॉइंट साबित करने के लिए पथभ्रष्ट तरीकों से अभी भी वैल्यू डिस्ट्रक्टिव डिसीजन्स ले रही है. दुर्भाग्य से इन कदमों का असर माइनॉरिटी स्टेकहोल्डर्स पर पड़ रहा है, फिर वह चाहे हम हों या टाटा समूह की लिस्टेड कंपनियों के लाखों अन्य शेयरधारक.

आगे कहा कि मिस्त्री समूह अपने पर्सनल एसेट्स की सिक्योरिटी पर फंड जुटा रहा था ताकि महामारी के इस दौर में पैदा हुए संकट का समाधान हो सके. 60000 कर्मचारियों और 1 लाख माइग्रेंट वर्कर्स की आजीविका का बचाया जा सके. लेकिन इस फंड रेजिंग काो ब्लॉक करने करने का टाटा सन्स का एक्शन उनके प्रतिशोधी माइंडसेट का उदाहरण है.

Tata Sons Shapoorji Pallonji