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वित्त वर्ष 2021-22 में कुल निर्यात में एमएसएमई का हिस्सा घटा है लेकिन इनके निर्यात की बात करें तो यह बढ़ा है. (Image- Pixabay)
Trade, import and export for MSMEs: पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में देश का कारोबारी निर्यात रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया था लेकिन इसमें छोटे कारोबारियों के हिस्से में गिरावट आई. वित्त वर्ष 2021-22 में माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइज (MSME) सेक्टर का कुल कारोबारी निर्यात में हिस्सा 45.04 फीसदी रहा जबकि वित्त वर्ष 2020-21 में यह 49.75 फीसदी और वित्त वर्ष 2019-20 में 34.63 फीसदी थी. वित्त वर्ष 2018-19 में यह 48.10 फीसदी था.
पिछले वित्त वर्ष में कुल निर्यात वित्त वर्ष 2020 में 31.33 हजार करोड़ डॉलर (25.05 लाख करोड़ रुपये) की तुलना में 34.63 फीसदी और वित्त वर्ष 2021 में 29.18 हजार करोड़ डॉलर (23.33 लाख करोड़ रुपये) से 44.5 फीसदी उछलकर 42.18 हजार करोड़ डॉलर (33.73 लाख करोड़ रुपये) पर पहुंच गया. ये आंकड़े सोमवार को के एमएसएमई मंत्रालय के राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में पेश किया.
इस वजह से घटी हिस्सेदारी और अब आगे ये संभावनाएं
फेडेरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशंस के डीजी और सीईओ अजय सहाय के मुताबिक पेट्रोलियम, स्टील और अन्य धातुओं और अनाज समेत अन्य कमोडिटी की कीमतें और कमोडिटी एक्सपोर्ट्स में उछाल रही और एमएसएमई इन सेग्मेंट में प्रमुख प्लेयर्स नहीं हैं. नॉन-एमएसएमई एक्सपोर्टर्स पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स, स्टील और अनाज इत्यादि निर्यात करती हैं जिनका कारोबार तेजी से बढ़ा.
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सहाय के मुताबिक इस वजह से कुल निर्यात में एमएसएमई का हिस्सा कम हुआ. हालांकि उनका मानना है कि कमोडिटी के भाव अब गिर रहे हैं और एमएसएमई की परिभाषा बदलने व इसमें तकनीकी निवेश से स्थिति में बदलाव के आसार दिख रहे हैं. सहाय का आकलन है कि पांच साल में निर्यात में एमएसएमई का हिस्सा फिर से बढ़ सकता है और यह 60 फीसदी से ऊपर पहुंच सकता है.
हिस्सेदारी घटी लेकिन बढ़ा MSME का निर्यात
वित्त वर्ष 2021-22 में कुल निर्यात में एमएसएमई का हिस्सा घटा है लेकिन इनके निर्यात की बात करें तो यह बढ़ा है. सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2022 में एमएसएमई का निर्यात वित्त वर्ष 2019-20 में 15.59 हजार करोड़ डॉलर (12.47 लाख करोड़ रुपये) से 21.8 फीसदी और वित्त वर्ष 2020-21 में 14.39 हजार करोड़ डॉलर (11.51 लाख करोड़ रुपये) से 31.9 फीसदी उछलकर 19 हजार करोड़ डॉलर (15.19 लाख करोड़ रुपये) पर पहुंच गया. सहाय के मुताबिक एमएनसी कंपनियों की 'चाइना प्लस वन' नीति के चलते एमएसएमई का निर्यात बढ़ा. पिछले वित्त वर्ष 2022 में एमएसएमई ने सबसे अधिक निर्यात अमेरिका, यूएई, हांगकांग, यूके, जर्मनी, चीन, बेल्जियम, फ्रांस, नीदरलैंड और इटली को किया.
(Article: Sandeep Soni)