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Silver Investment: औद्योगिक मांग में तेजी के चलते वैश्विक स्तर पर 30% महंगी हो सकती है चांदी, दिवाली तक निवेशकों के पास भारी मुनाफे का मौका

Silver Investment: चांदी से निवेशकों को इस साल के अंत तक 11 हजार रुपये तक का रिटर्न मिल सकता है.

Silver Investment: चांदी से निवेशकों को इस साल के अंत तक 11 हजार रुपये तक का रिटर्न मिल सकता है.

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Jeevan Deep Vishawakarma
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Silver Investment silver industrial demand may jump this year in 2021 and it price may jump 30 percent investors may get high return

Silver Investment: दुनिया भर में कोरोना महामारी का खतरा एक बार फिर तेजी से बढ़ता जा रहा है. ऐसे में निवेशकों के सामने उलझन है कि वे अपनी पूंजी की कहां निवेश करें. इक्विटी में अनिश्चितता को देखते हुए सोने और चांदी के प्रति निवेशक अधिक आकर्षित होते हैं. हालांकि इन दोनों विकल्पों में बात करें तो चांदी अधिक बेहतर विकल्प बनकर सामने आया है. इसकी सबसे बड़ी वजह है कि गोल्ड मूल रूप से निवेश के तौर पर दुनिया भर में इस्तेमाल होता है जबकि चांदी की औद्योगिक खपत होती है. इस साल 2021 में चांदी की खपत में तेजी के चलते वैश्विक स्तर पर इसकी कीमतों में 30 फीसदी का उछाल आ सकता है. बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक चांदी के भाव इस साल के अंत तक 76-80 हजार तक का भी लेवल दिखा सकते हैं यानी निवेशकों को इस समय निवेश पर 11 हजार रुपये तक का रिटर्न मिल सकता है. इस समय चांदी के भाव 69 हजार के करीब चल रहे हैं.

खपत में तेजी के चलते 30% महंगी हो सकती है चांदी

पिछले साल कोरोना महामारी के चलते दुनिया भर में अधिकतर देशों में ज्यादातर समय लॉकडाउन ही रहा. इसके चलते आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई थीं. हालांकि इस साल चांदी की खपत में तेजी का अनुमान है. द सिल्वर इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल चांदी के भाव में 30 फीसदी तक की तेजी आ सकती है. पिछले साल के अंत तक चांदी के भाव में 2019 के मुकाबले 27 फीसदी की तेजी रही थी जबकि औसत प्राइस 20.55 अमेरिकी डॉलर (1541.65 रुपये) प्रति औंस (1 किग्रा=35.3 औंस) रहा. यह 2013 के बाद सबसे अधिक औसत प्राइस था और इस बार अब द सिल्वर इंस्टीट्यूट का अनुमान है कि चांदी के भाव 33 फीसदी की तेजी के साथ 27.30 डॉलर (2048.03 रुपये) के औसत भाव तक पहुंच सकते हैं. फरवरी 2013 के बाद से चांदी के भाव 30 डॉलर (2250.58 रुपये) के स्तर को नहीं पार किए हैं लेकिन इस साल चांदी के भाव 32 डॉलर (2400.62 रुपये) के लेवल को छू सकते हैं.

2020 में औद्योगिक मांग में 5 फीसदी आई थी कमी

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पिछले साल कोरोना महामारी के चलते जब आर्थिक गतिविधियां ठप्प हो गई थी तो चांदी की औद्योगिक मांग में गिरावट आई थी. पिछले साल चांदी की मांग 5 फीसदी कम हो गई थी और यह पांच साल के निचले स्तर 48.68 करोड़ आउंस (1.32 करोड़ किग्रा) के स्तर तक पहुंच गई थी. हालांकि सिल्वर बार्स और क्वान्स की मांग 8 फीसदी मजबूत हुई थी और यह चार साल के शीर्ष स्तर 20.05 करोड़ औंस (56.8 लाख किग्रा) तक पहुंच गई थी. निवेशकों का रुझान चांदी की तरफ पिछले साल कोरोना महामारी और मार्च में इसके भाव में गिरावट के चलते बढ़ा था.

दिवाली तक 11 हजार तक का रिटर्न

पिछले साल चांदी के भाव घरेलू बाजार में अगस्त में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए थे. हालांकि इसके बाद इसमें गिरावट आनी शुरू हुई. अब एक बार फिर इसमें तेजी आ रही है क्योंकि निवेशकों का रुझान इसकी तरफ बढ़ा है. हालांकि इसके अलावा इसकी खपत के चलते इसके भाव में मजबूती बनी रहने वाली है. इंडिया इंफोलाइन सिक्योरिटीज (IIFL Securities) के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंड करेंसी) अनुज गुप्ता (Anuj Gupta) के मुताबिक चांदी के भाव अगले एक से दो महीने में 71-72 हजार का लेवल दिखा सकते हैं जबकि दिवाली तक यह 76-80 हजार तक का लेवल दिखा सकते हैं यानी कि साल के अंत तक अगर निवेशकों ने निवेश किया तो उन्हें अभी के भाव से 11 हजार रुपये तक का रिटर्न मिल सकता है.

चांदी का इसमें होता है इस्तेमाल

गोल्ड के विपरीत चांदी का औद्योगिक इस्तेमाल अधिक है. इसके चलते इसके भाव में तेजी लगातार बनी हुई है. गोल्ड का अधिकतम इस्तेमाल निवेश के अतिरिक्त गहने के रूप में होता है जबकि चांदी का इस्तेमाल मेडिकल इंड्स्ट्री से लेकर उद्योगों में होता है. चांदी का ईवी में भी इस्तेमाल होता है और 5जी नेटवर्क में और दोनों ही भविष्य में ग्रो करने वाले हैं. दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वेहिकल्स के इस्तेमाल को लेकर नीतियां बनाई जा रही है और नेटवर्क के मामले में 5जी दरवाजे पर है, ऐसे में चांदी निवेशकों को बेहतर रिटर्न देने वाला है.