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Hi-pro soybean meal is an animal feed with the high protein content of 50 per cent or more as compared with around 46 per cent in normal soymeal.
गोल्डन बीन कहे जाने वाले सोयाबीन का भाव कमोडिटी एक्सचेंज पर इस समय 4,775 रुपये पर चल रहा है. प्रोटीन के बेहतरीन स्रोत के रूप में सोयाबीन की खपत बहुत अधिक है और इसका इस्तेमाल कई रूपों में किया जाता है. पिछले साल 2020 में कोरोना महामारी के चलते इसकी मांग बहुत कम हो गई थी लेकिन लॉकडाउन खुलने के बाद इसकी मांग बढ़ी है. पिछले महीने जनवरी 2021 में सोया मील का निर्यात छह गुना तक बढ़ने के चलते सोयाबीन के भाव को मजबूती मिली हुई है. बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, सोयाबीन के बढ़ती मांग के चलते एक से दो महीने के भीतर इसके भाव 5100 का भी लेवल दिखा सकते हैं. ऐसे में कमोडिटी निवेशकों के लिए इसमें खरीदारी (Buy) का मौका बन रहा है. प्रॉसेस्ड सोयाबीन प्रोटीन का सबसे बड़ा स्रोत है और दुनिया में वेजीटेबल ऑयल का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है.
बर्ड फ्लू के चलते अधिक नहीं बढ़े भाव
सोयाबीन का उत्पादन घरेलू और वैश्विक स्तर पर कम हुआ है लेकिन इसके बावजूद इसके भाव में अधिक उछाल देखने को नहीं मिला है. इसका सबसे बड़ा कारण बर्ड फ्लू है. बर्ड फ्लू के चलते सोयाबीन की खपत पर प्रभाव पड़ा है. अन्य चीजों जैसे कि दूध या तेल के रूप में इसकी खपत के चलते इसके भाव में मजबूती बनी हुई है. केडिया कमोडिटी के निदेशक अजय केडिया के मुताबिक पॉम ऑयल के भाव में तेजी के चलते सोया तेल भी मजबूत हो रहा है. ऐसे में सोयाबीन के भाव चढ़ हुए हैं. केडिया का मानना है कि बर्ड फ्लू का असर अगर खत्म होता है तो सोयाबीन के भाव में और तेजी देखने को मिल सकती है.
चीन की एग्रेसिव खरीदारी के चलते सोया हो रहा मजबूत
सोया मील का निर्यात जनवरी 2021 में छह गुना बढ़ा है. वैश्विक बाजार में सोयामील की मांग के चलते जनवरी 2021 में 3.36 लाख टन सोया मील निर्यात हुआ. सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SOPA) के एग्जेक्यूटिव डायरेक्टर डीएन पाठक के मुताबिक जनवरी 2020 में 58 हजार टन सोया मील निर्यात हुआ था. चीन इस समय एग्रेसिव तरीके से कमोडिटीज की खरीदारी कर रहा है जिसके कारण इसके भाव मजबूत हुए हैं.
मौसम के चलते कम उत्पादन से भाव को मिल रही मजबूती
वैश्विक स्तर पर ब्राजील, अमेरिका और अर्जेंटीना में सोया क्रॉप पर्याप्त ने होने के कारण वैश्विक स्तर पर सोया की कमी है. भारत में भी इसका उत्पादन 1.2 करोड़ मीट्रिक टन होने का अनुमान था लेकिन सोपा ने अपना अनुमान संशोधित कर इसे 80 लाख मीट्रिक टन कर दिया है. करीब 40 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन खराब मौसम के चलते बर्बाद हो गया. इस वजह से सोयाबीन की वैश्विक आपूर्ति कम होने के चलते भाव मजबूत हो रहे हैं.
5100 तक जा सकते हैं भाव
सोया की फसल कम होने के चलते केडिया का मानना है कि इसके भाव अगले एक से डेढ़ महीने में 5100 तक पहुंच सकते हैं. बर्ड फ्लू के कारण इसके भाव में अधिक उछाल नहीं आ पाया है और अगर बर्ड फ्लू कुछ समय बाद खत्म हो जाता है तो तब तक गर्मियों का मौसम आ जाएगा और उस समय इसकी मांग कम हो जाती है. ऐसे में इसके भाव 5100 के आस-पास बने रहने की उम्मीद है. कमोडिटी एक्सचेंज NCDEX पर 19 फरवरी 2021 की एक्सपायरी के सोयाबीन का भाव 4807, 19 मार्च 2021 की एक्सपायरी का भाव 4795, 20 अप्रैल 2021 की एक्सपायरी का भाव 4788 और 20 मई 2021 की एक्सपायरी का भाव 4800 चल रहा है.