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Smallcap Stocks: छोटी कंपनियों के शेयरों ने दिया निवेशकों को बड़ा झटका, इस साल अबतक 13% की गिरावट

BSE का स्मॉलकैप इंडेक्स इस साल अबतक 3,816.95 अंक यानी 12.95 प्रतिशत और मिडकैप 2,314.51 अंक यानी 9.26 फीसदी टूट चुका है.

BSE का स्मॉलकैप इंडेक्स इस साल अबतक 3,816.95 अंक यानी 12.95 प्रतिशत और मिडकैप 2,314.51 अंक यानी 9.26 फीसदी टूट चुका है.

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FE Hindi Desk
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शेयर बाजारों में गिरावट के बीच इस साल छोटी कंपनियों का प्रदर्शन बड़ी कंपनियों से कमजोर रहा है.

Smallcap Stocks: शेयर बाजारों में गिरावट के बीच इस साल छोटी कंपनियों का प्रदर्शन बड़ी कंपनियों से कमजोर रहा है. BSE स्मॉलकैप और मिडकैप में इस साल अबतक 13 प्रतिशत की गिरावट आई है. इस साल सेंसेक्स की तुलना में इनका प्रदर्शन काफी खराब रहा है. हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि ‘अच्छे समय’ में छोटी कंपनियों के शेयर ‘लार्ज कैप’ की तुलना में ज्यादा चढ़ते हैं. ऐसे में मौजूदा खराब दौर में इनमें ‘करेक्शन’ सामान्य बात है. जियो-पॉलिटिकल टेंशन, महंगाई की चिंता और फॉरेन फंड्स की जबर्दस्त बिकवाली के बीच यह साल शेयर बाजारों के लिए अच्छा नहीं रहा है.

BSE का स्मॉलकैप इंडेक्स इस साल अबतक 3,816.95 अंक यानी 12.95 प्रतिशत और मिडकैप 2,314.51 अंक यानी 9.26 फीसदी टूट चुका है. इसकी तुलना में 30 शेयरों वाले सेंसेक्स में 3,771.98 अंक या 6.47 प्रतिशत की गिरावट आई है.

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क्या है एक्सपर्ट्स की राय

  • इक्विटीमास्टर के को-हेड (रिसर्च) राहुल शाह ने कहा, ‘‘मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स अच्छे समय के दौरान सेंसेक्स की तुलना में कहीं अधिक चढ़े थे. इसलिए स्वाभाविक है कि वे बुरे समय में सेंसेक्स से अधिक गिरेंगे.’’ उन्होंने आगे कहा कि जहां तक ​​मौजूदा दौर का सवाल है, बाजार अब महंगे नहीं हैं, लेकिन वे बहुत सस्ते भी नहीं हैं. शाह ने कहा, ‘‘यह एक ऐसा बाजार है जहां क्वालिटी और ग्रोथ को इनाम मिलता है जबकि हाई वैल्यूएशन और खराब क्वालिटी को खारिज कर दिया जाता है.’’
  • एमके इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स लि. के फंड मैनेजर सचिन शाह ने कहा, ‘‘पिछले 6 माह में वैश्विक और घरेलू दोनों के पूंजी बाजारों में थोड़ी घबराहट है. स्पष्ट रूप से यह घबराहट आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियों, जियो पॉलिटिकल टेंशन, हाई इन्फ्लेशन के माहौल, ऊंची ब्याज दरों और विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली की वजह से है.’’
  • उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में यह लगता है कि मिडकैप और स्मॉलकैप ने अधिक कमजोर प्रदर्शन किया है. लेकिन हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि पिछले दो साल में मिडकैप और स्मॉलकैप का प्रदर्शन कहीं ज्यादा बेहतर रहा था.’’

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2021 में दिया था 63 फीसदी रिटर्न

छोटी कंपनियों के शेयरों ने 2021 में शानदार प्रदर्शन करते हुए निवेशकों को 63 प्रतिशत का रिटर्न दिया था. 2021 में मिडकैप 7,028.65 अंक या 39.17 प्रतिशत चढ़ा था, जबकि स्मॉलकैप 11,359.65 अंक या 62.76 प्रतिशत उछला था. इसकी तुलना में सेंसेक्स पिछले साल 10,502.49 अंक या 21.99 प्रतिशत के लाभ में रहा था. इस साल 20 जून को BSE स्मॉलकैप अपने 52 सप्ताह के निचले स्तर 23,261.39 अंक पर आ गया था. यह 18 जनवरी को अपने एक साल के शिखर 31,304.44 अंक पर था. इसी तरह मिडकैप भी 20 जून को अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर 20,814.22 अंक तक गिर गया था. यह पिछले साल 19 अक्टूबर को अपने एक साल के उच्च स्तर 27,246.34 तक चढ़ गया था. सेंसेक्स इस साल 17 जून को 52 सप्ताह के निचले स्तर 50,921.22 अंक तक फिसल गया था. 19 अक्टूबर, 2021 को सेंसेक्स अपने एक साल के उच्चस्तर 62,245.43 अंक पर पहुंच गया था.

(इनपुट- PTI, Sumedha Shankar)

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