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Small-Cap Performance 2020: 3 साल बाद ऐसा हुआ है, जब स्मालकैप शेयरों ने रिटर्न देने के मामले में लॉर्जकैप को पीछे छोड़ दिया है.
Small-Cap Performance 2020: घरेलू शेयर बाजार में 3 साल बाद ऐसा हुआ है, जब स्मालकैप शेयरों ने रिटर्न देने के मामले में लॉर्जकैप को पीछे छोड़ दिया है. ब्लूमबर्ग के अनुसार कुछ एक्सपर्ट का कहना है कि स्मालकैप आने वाले दिनों में भी आउटपरफॉर्म करेंगे. 2021 में स्मालकैप सेग्मेंट का रिटर्न लॉर्जकैप से बेहतर रहेगा. इस ट्रेंड के जारी रहने के पीछे कई फैक्टर काम कर रहे हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि दूसरी तिमाही के नतीजों को देखें तो कॉरपोरेट अर्निंग में सुधार हो रहा है. सरकार और सेंट्रल बैंक अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने की कोशिश में कई उपाय कर रहे हैं. वहीं, इस साल रिटेल ट्रेडिंग बढ़ने से भी छोटी कंपनियों के शेयरों को फायदा मिला है.
अभी भी डिस्काउंट पर
इस साल की बात करें तो अबतक निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में करीब 20 फीसदी तेजी आई है. वहीं निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में 17 फीसदी की तेजी आ चुकी है. इस दौरान लार्जकैप एनएसई निफ्टी 50 इंडेक्स में 11 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है. निफ्टी ने इस साल लगातार नए रिकॉर्ड बनाए हैं, लेकिन स्मालकैप इंडेक्स अभी भी अपने हाई से डिस्काउंट पर ट्रेड कर रहे हें. ऐसे में अभी इनमें और तेजी दिख रही है. बता दें कि इस साल की तेजी के पहले 2 साल तक स्मालकैप अंडरपरफॉर्मर रहे थे.
वैल्युएशन अभी भी बेहतर
एक्सपर्ट का कहना है कि जहां निफ्टी प्राइस-टू-अर्निंग्स मल्टीपल अपने ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया है, वहीं स्मॉलकैप और मिडकैप 2017 में जितने वैल्युएशन पर ट्रेड कर रहे थे, आज भी वहीं हैं. आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के स्ट्रैटेजी हेड विनोद कर्की के अनुसार स्मालकैप का प्रदर्शन अभी सुस्त नहीं पड़ने वाला है. लॉर्जकैप और स्मालकैप में वैल्युएशन में बड़ा गैप है, इस वजह से स्मालकैप में आगे भी लॉर्जकैप से ज्यादा तेजी की उम्मीद है. उनका कहना है कि लिक्विडिटी बढ़ने और अर्थव्यवस्था में सुधार से स्मालकैप को फायदा होगा.
2 साल बाद बदली परिस्थितियां
रिपोर्ट के अनुसार पिछले 2 साल की बात करें तो स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में गिरावट रही है. अर्थव्यवस्था में मंदी के चलते निवेशकों ने तब इनकी तुलना में सुरक्षित माने जाने वाली बड़ी कंपनियों के शेयरों में पैसा लगाया था. वहीं इस साल कोरोना वायरस महामारी के चलते इन दोनों सेग्मेंट की चिंता और बढ़ गई. लेकिन अब स्थितियां बदली हैं. सितंबर तिमाही में देश की जीडीपी अनुमान से कम 7.5 फीसदी घटी है. जून तिमाही से इसमें काफी सुधार हुआ है. तब इसमें 24 फीसदी की रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई थी.
प्रमुख सेक्टर्स में रिकवरी
अर्निंग आउटलुक में सुधार हुआ है. मैन्युफैक्चरिंग सहित कई प्रमुख सेक्टर्स में रिकवरी देखने को मिल रही है. वहीं अब कंजम्पशन भी पटरी पर लौट रहा है. दौलत कैपिटल मार्केट के हेड (इक्विटीज) अमित खुराना के अनुसार हमें लगता है कि अभी कमाई और सेंटीमेंट पर प्रमुख इंडिकेटर मिड और स्मॉल कैप इंडेक्स के पक्ष में हैं. अगले 18 से 24 महीनों में इनके नई ऊंचाई छूने के आसार हैं. इकोनॉमिक रिकवरी, लिक्विडिटी और कस्टमर डिमांड से इन्हें सपोर्ट मिलेगा.