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SME IPO: इस साल अबतक 136 SME आईपीओ लॉन्च हुए हैं. इनमें से 86 की लिस्टिंग पॉजिटिव हुई है. (pixabay)
SME IPO Performance in 2023: साल 2023 की बात करें तो जहां मेनबोर्ड आईपीओ में निवेशकों की अच्छी कमाई हो रही है, वहीं एसएमई आईपीओ ने तो जबरदस्त प्रदर्शन किया है. इस पूरे साल भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत आउटलुक के चलते एसएमई आईपीओ (SME IPOs) को जबरदस्त रिस्पांस मिला, वहीं इन्होंने भी निवेशकों को खुश कर दिया. ऐसे में महंगाई, ग्लोबल बाजारों में अनिश्चितता, रेट हाइक, मंदी का डर, कंपनियों की एवरेज अर्निंग जैसे प्रमुख फैक्टर्स पीछे छूटते दिखे. जिम्मेदार रहे हैं. SME आईपीओ की निवेशकों में जमकर डिमांड है, वहीं इनके शेयरों की लिस्टिंग और लिस्टिंग के बाद प्रदर्शन भी मजबूत रहा है. इस साल अबतक करीब 136 SME आईपीओ लॉन्च हुए हैं, जिनमें 12 ने तो इश्यू प्राइस की तुलना में 100 फीसदी या इससे भी ज्यादा रिटर्न दिए हैं.
65 फीसदी SME IPOs की लिस्टिंग पॉजिटिव
इस साल अबतक 136 SME आईपीओ लॉन्च हुए हैं. इनमें से 86 की लिस्टिंग पॉजिटिव हुई है. ये करीब 65 फीसदी होता है. वहीं 21 की लिस्टिंग निगेटिव प्रीमियम पर हुई है. कुछ फ्लैट लिस्ट हुए हैं. इनमें से 12 आईपीओ ने 100 फीसदी से 216 फीसदी रिटर्न दिया है. जबकि 13 आईपीओ ऐसे रहे, जिनमें 50 फीसदी से ज्यादा लेकिन 100 फीसदी से कम रिटर्न मिला.
100% से 216% रिटर्न देने वाले आईपीओ
Sungarner Energies: 216%
Basilic Fly Studio: 193%
Oriana Power: 169%
Anlon Technology: 164%
CPS Shapers: 155%
Srivari Spices and Foods: 154%
Infollion Research Services: 142%
Hemant Surgical Industries: 121%
Krishca Strapping: 109%
Innokaiz India: 100%
Bondada Engineering: 100%
Shoora Designs: 100%
Meson Valves India: 100%
Kahan Packaging: 100%
Asarfi Hospital: 100%
Kaka Industries: 100%
50% से 85% रिटर्न देने वाले आईपीओ
Holmarc Opto-Mechatronics: 71%
Pramara Promotions: 85%
Vinsys IT Services: 70%
Zeal Global Services: 65%
Drone Destination: 57%
Pentagon Rubber: 76%
Comrade Appliances: 69%
Vasa Denticity: 73%
De Neers Tools: 79%
Quality Foils (India): 63%
Macfos Limited: 71%
Ducol Organics And Colours: 51%
RBM Infracon: 53%
SME IPOs की जमकर डिमांड
इस साल SME IPO की डिमांड निवेशकों में ज्यादा रही है. पिछले साल और साल 2021 में बाजार में कई आईपीओ जोर शोर से आए थे, लेकिन उनकी लिस्टिंग कमजोर रही. जिसके चलते निवेशकों का घाटा हुआ. इनमें पेटीएम, एलआईसी जैसे आईपीओ भी शामिल था. जिसके चलते निवेशकों को घाटा हुआ. वहीं आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल एक्सचेंजों पर 100 से ज्यादा SME आईपीओ आए, जिनमें से आधे मल्टीबैगर साबित हुए थे. इसी वजह से इस साल निवेशकों में SME IPO की डिमांड बढ़ी है. इससे इन आईपीओ को न सिर्फ हाई सब्सक्रिप्शन मिला, बल्कि मजबूत लिस्टिंग के बाद ज्यादातर के शेयरों में तेजी बनी रही. ये बड़ी वजह है कि मेनबोर्ड आईपीओ की तुलना में SME आईपीओ का प्रदर्शन मजबूत है.
किन बातों का रखें ध्यान
SME आईपीओ के मामले में, कंपनियों को केवल एक्सचेंजों से अप्रूवल की आवश्यकता होती है न कि सेबी की. एसएमई के पास कम रेगुलेशंस हैं, इसलिए निवेशक हाई प्रीमियम और कम फ्री फ्लोट के कारण लिस्टिंग की तारीख पर पैसा कमा रहे हैं. हालांकि निवेशकों को यह ध्यान रखना चाहिए कि रेगुलर आईपीओ के लिए न्यूनतम राशि लगभग 15,000 रुपये है, जबकि SME आईपीओ के लिए यह लगभग 1 लाख रुपये है. निवेशकों को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि शुरू में स्टॉक हाइली लिक्विड होते हैं लेकिन लिस्टिंग के अगले 2-3 महीनों में यह धीरे-धीरे गिरने लगते हैं. जबकि मेनबोर्ड आईपीओ को लॉन्ग टर्म वैल्यू के लिए होल्ड रखा जा सकता है, SME आईपीओ केवल उनको अट्रैक्ट करते हैं, जो शॉर्ट टर्म में मुनाफा चाहते हैं.