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SGB: इस धनतेरस खरीदें सस्ता सोना, हर 10 ग्राम पर 898 रु की बचत; समझें गोल्ड बांड क्यों है बेस्ट विकल्प

Sovereign Gold Bond: धनतेरस और दिवाली के समय सोने की खरीदारी को काफी शुभ माना जाता है.

Sovereign Gold Bond: धनतेरस और दिवाली के समय सोने की खरीदारी को काफी शुभ माना जाता है.

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Sushil Tripathi
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Sovereign Gold Bond

Dhanteras 2020: धनतेरस और दिवाली के समय सोने की खरीददारी को काफी शुभ माना जाता है.

Sovereign Gold Bond Scheme: धनतेरस और दिवाली के समय सोने की खरीददारी को काफी शुभ माना जाता है. बदलते माहौल में लोग अब फिलिकल गोल्ड की बजाए गोल्ड बांड या गोल्ड ईटीएफ की ओर शिफ्ट हो रहे हैं. असल में निवेश के लिहाज से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम हर तरह से फिजिकल गोल्ड के मुकाबले बेहतर है. अगर आप भी निवेश के उद्देश्य से सोना खरीदने का मन बना रहे हैं तो यह जानना चाहिए कि क्यों गोल्ड बांड फिजिकल गोल्ड के मुकाबले बेहतर विकल्प है. सबसे अच्छी बात है कि धनतेरस के ठीक पहले सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की आठवीं सीरीज 9 नवंबर यानी सोमवार से सब्सक्रिप्शन के लिए खुल रही है.

बाजार से 900 रुपये सस्ता सोना

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की आठवीं सीरीज 9 नवंबर को सब्सक्रिप्शन के लिए खुल रही है. गोल्ड बॉन्ड में 13 नवंबर तक निवेश किया जा सकता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के लिए सरकार ने कीमत 5,177 रुपये प्रति ग्राम यानी 51770 रुपये प्रति 10 ग्राम तय की गई है. वहीं अगर आनलाइन खरीदते हैं तो हर 1 ग्राम पर 50 रुपये और 10 ग्राम पर 500 रुपये का डिस्काउंट मिलेगा. 10 ग्राम सोने की आनलाइन कीमत 51270 रुपये होगी. वहीं एमसीएक्स पर सोने का भाव 52168 रुपये प्रति 10 ग्राम है. इस लिहाज से गोल्ड बांड का भाव करीब 898 रुपये प्रति 10 ग्राम कम है.

2.5 फीसदी सालाना ब्याज

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गोल्ड बांड खरीदने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इस पर 2.5 फीसदी सालाना की दर से ब्याज दर भी जुड़ता रहता है. इसके अलावा सोने के भाव में जो तेजी आएगी, उसका भी फायदा मिलेगा. जबकि फिजिकल गोल्ड रखने पर किसी तरह का अतिरिक्त ब्याज नहीं मिलता. वहीं लंबे समय बाद बेचने पर 100 फीसदी कीमत भी नहीं मिलती है.

मेच्योरिटी पर टैक्स फ्री

गोल्ड बांड मेच्योरिटी पर टैक्स फ्री होता है. यह HNIs के लिए भी बेहतर विकल्प है, जहां इसमें मेच्योरिटी तक होल्ड करने में कैपिटल गेंस टैक्स नहीं देना होता है. इक्विटी पर 10 फीसदी कैपिटल गेंस टैक्स लगता है. इसमें एक्सपेंस रेश्यो कुछ भी नहीं है.

डिफाल्ट का खतरा नहीं

गोल्ड बांड भारत सरकार द्वारा समर्थित है, इसलिए डिफॉल्ट का खतरा नहीं होता है. फिजिकल गोल्ड की बजाए मैनेज करना आसान और सेफ होता है. इसमें प्योरिटी का कोई झंझट नहीं होता और कीमतें सबसे शुद्ध सोने के आधार पर तय होती हैं. इसमें एग्जिट के आसान विकल्प हैं. वहीं, गोल्ड बांड के अगेंस्ट लोन की सुविधा मिलती है. पिछले 10 साल या 15 साल की बात करें तो सोने ने लगातार अच्छा रिटर्न दिया है. इसलिए यह लांग टर्म के लिए अच्छा विकल्प है.

कितना खरीद सकते हैं सोना

भारत सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करता है. देश में रह रहे भारतीय नागरिक, हिन्दू अविभाजित परिवार, ट्रस्ट, विश्वविद्यालय और चैरिटेबल इंस्टीट्युशन्स इस बॉन्ड को खरीद सकते हैं. इस स्कीम के तहत आप कम से कम 1 ग्राम सोना खरीद सकते हैं. इस स्कीम के तहत एक वित्त वर्ष में कोई भी व्यक्ति अधिकतम 4 किलोग्राम तक का गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है. वहीं, ट्रस्ट के लिए यह सीमा 20 किलोग्राम की है.

कैसे और कहां खरीदें

गोल्ड बॉन्ड को ऑनलाइन खरीद सकते हैं. इसके अलावा इसकी बिक्री बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), चुनिंदा डाकघरों और एनएसई व बीएसई जैसे स्टॉक एक्सचेंज के जरिए भी होगी. इस स्कीम में निवेश करने पर आप टैक्स बचा सकते हैं. बता दें कि सरकार ने फिजिकल गोल्ड की मांग में कमी लाने के लक्ष्य के साथ नवंबर, 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की शुरुआत की थी.

क्या है सॉवरेन गोल्ड बांड

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेशक को फिजिकल रूप में नहीं, बल्कि बांड के रूप में पेपर फॉर्म में सोना मिलता है. यह फिजिकल गोल्ड की तुलना में अधिक सुरक्षित है. जहां तक शुद्धता की बात है तो इलेक्ट्रॉनिक रूप में होने के कारण इसकी शुद्धता पर कोई संदेह नहीं किया जा सकता. इस पर 3 साल के बाद लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा (मेच्योरिटी तक रखने पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा). वहीं इसका लोन के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं. अगर बात रिडेंप्शन की करें तो 5 साल के बाद कभी भी इसको भुना सकते हैं.

Dhanteras Sovereign Gold Bonds Scheme