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Sovereign Gold Bond 2020: इस साल गोल्ड बांड में निवेश का आखिरी मौका, पैसा लगाने का क्यों है सही है समय

Sovereign Gold Bond Subscription Opens Today: वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की नई सीरीज 28 दिसंबर से सब्सक्रिप्सन के लिए खुल गई है.

Sovereign Gold Bond Subscription Opens Today: वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की नई सीरीज 28 दिसंबर से सब्सक्रिप्सन के लिए खुल गई है.

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Sushil Tripathi
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Sovereign Gold Bond

Sovereign Gold Bond: वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की नई सीरीज 28 दिसंबर से सब्सक्रिप्सन के लिए खुल गई है.

Sovereign Gold Bond Subscription Opens Today: वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की नई सीरीज 28 दिसंबर से सब्सक्रिप्सन के लिए खुल गई है. यी साल 2020 का आखिरी सीरीज होगी. इस साल गोल्ड बांड की हर सीरीज को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पांस मिला है. यह सीरीज 28 दिसंबर 2020 से 1 जनवरी 2021 तक निवेश के लिए खुली रहेगी. गोल्ड बांड के लिए इस बार सरकार ने इश्यू प्राइस 5000 रुपये प्रति ग्राम यानी 50,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तय किया है. वहीं, अगर ऑनलाइन गोल्ड बांड खरीदते हैं तो हर ग्राम पर 50 रुपये की छूट भी मिलेगी. ऑनलाइन इन्वेस्टर्स के लिए इश्यू प्राइस 4950 रुपये प्रति ग्राम यानी 49,500 रुपये प्रति 10 ग्राम होगा. बता दें कि सरकार सॉवरेन गोल्ड बांड की यह सीरीज तब लेकर आई है, जब सोना इस साल अपने रिकॉर्ड हाई से करीब 5500 रुपये डिस्काउंट पर बिक रहा है. एक्सपर्ट मान रहे हैं कि नए साल के पहले सस्ता सोना खरीदने का अच्छा मौका है.

गोल्ड बांड क्यों है अच्छा विकल्प

गोल्ड बांड में निवेया के पीछे एक्सपर्ट कई महत्वपूर्ण बातों का हवाला देते हैं. केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि पिछले 2 साल में देखें तो सोने में 25 फीसदी और 28 फीसदी तक रिटर्न मिला है. सोने में रिटर्न की हिस्ट्री देखें तो लंबी अवधि में इसने लगातार स्थिर रिटर्न दिया है. वहीं सोने का आउटलुक देखकर यह कह सकते हैं कि एक निवेशक के पोर्टफोलियों में अभी 10 से 15 फीसदी अलोकेशन सोने में होना चाहिए. गोल्ड बांड की सबसे यूनिक क्वालिटी है कि इसमें सोने की कीमतों में इजाफे के अलावा भी आपको 2.5 फीसदी की दर से अतिरिक्त ब्याज भी मिलता है. यह इससे फिजिकल गोल्ड या एमसीएक्स के जरिए गोल्ड में निवेश के मुकाबले बेहतर विकल्प बनाती है.

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लंबी अवधि में निवेश का फायदा

गोल्ड बांड मेच्योरिटी पर यह टैक्स फ्री होता है. यह भी इसकी यूनिक क्वालिटी है. वहीं इसमें एक्सपेंस रेश्यो कुछ भी नहीं है. भारत सरकार द्वारा समर्थित होने से डिफॉल्ट का खतरा नहीं होता है. यह HNIs के लिए भी बेहतर विकल्प है, जहां इसमें मेच्योरिटी तक होल्ड करने में कैपिटल गेंस टैक्स नहीं देना होता है. इक्विटी पर 10 फीसदी कैपिटल गेंस टैक्स लगता है. ऐसे में लंबी अवधि के निवेश विकल्पों में यह बेहतर साबित हो रहा है.

मैनेज करना आसान

फिजिकल गोल्ड की बजाए गोल्ड बांड को मैनेज करना आसान और सेफ होता है. इसमें प्योरिटी का कोई झंझट नहीं होता और कीमतें सबसे शुद्ध सोने के आधार पर तय होती हैं. इसमें एग्जिट के आसान विकल्प हैं.गोल्ड बांड के अगेंस्ट लोन की सुविधा भी मिलती है.

क्या बेहतर है समय

एक्सपर्ट गोल्ड बांड में पैसा लगाने का यह बेहतर समय मान रहे हैं. असल में गोल्ड अपने रिकॉर्ड हाई से करीब 5500 रुपये डिस्काउंट पर ट्रेड कर रहा है. एमसीएक्स पर सोना अगस्त में 56000 रुपये प्रति 10 ग्राम का स्तर पार कर गया था. अभी यह 50500 के करीब ट्रेड कर रहा है. सोना इकोनॉमिक अनिश्चितता की सिथति में सेफ हैवन माना जाता है. अभी की बात करें तो तमाम बड़ी अर्थव्यवस्थाएं दबाव में हें. नए तरह के कोरोना वायरस भी चिंता बढ़ा रहे हैं. ऐसे में निवेयाक को अपने पोर्अफोलियों में डिस्काउंट पर मिल रहे गोल्ड को शामिल करना चाहिए.

कैसे और कहां खरीदें

एसजीबी के हर आवेदन के साथ निवेशक के पास PAN होना जरूरी है. गोल्ड बॉन्ड को ऑनलाइन खरीद सकते हैं. इसके अलावा इसकी बिक्री बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), चुनिंदा डाकघरों और एनएसई व बीएसई जैसे स्टॉक एक्सचेंज के जरिए भी होगी. इस स्कीम में निवेश करने पर आप टैक्स बचा सकते हैं. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में एक वित्त वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 400 ग्राम सोने के बॉन्ड खरीद सकता है. वहीं न्यूनतम निवेश एक ग्राम का होना जरूरी है.

Gold Price Sovereign Gold Bonds Scheme