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17 मई को सब्सक्रिप्शन के लिए खुल रहे सोवरेन गोल्ड बांड के लिए केंद्रीय बैंक RBI ने 4777 रुपये प्रति दस ग्राम का भाव तय किया है.
Sovereign Gold Bond Scheme 2021-22: गोल्ड निवेशकों के लिए निवेश का सुनहरा अवसर है. केंद्र सरकार ने मई 2021 से सितंबर 2021 के बीच Sovereign Gold Bond Scheme 2021-22 के तहत गोल्ड बांड्स को छह ट्रेंचेज में इशू करने का फैसला किया है. सोवरेन गोल्ड बांड स्कीम स्कीम की पहली ट्रेंच 17 मई को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगी. इसके लिए केंद्रीय बैंक RBI ने 4,777 रुपये प्रति ग्राम का भाव तय किया है. हालांकि ऑनलाइन आवेदन करने और डिजिटल मोड से पेमेंट करने पर 50 रुपये प्रति ग्राम का डिस्काउंट भी मिलेगा. इसमें सब्सक्रिप्शन के लिए 21 मई तक मौका मिलेगा और बांड्स 25 मई को इशू होंगे.आरबीआई केंद्र सरकार के बिहाफ पर इन बांड्स को इशू करती है.
आरबीआई द्वारा दी गई सूचना के मुताबिक बांड का नॉमिनल वैल्यू जिस समय सब्सक्रिप्शन के लिए खुलता है, उसके पिछले हफ्ते के अंतिम तीन दिनों में 999 शुद्धता के गोल्ड की क्लोजिंग प्राइस के औसत के बराबर तय किया जाता है. 17 मई से सब्सक्रिप्शन के लिए खुल रहे सोवरेन गोल्ड बांड के लिए यह प्राइस 4,777 रुपये प्रति ग्राम तय की गई है.
ऑनलाइन पेमेंट करने पर 50 रुपये प्रति दस ग्राम की छूट
आरबीआई के साथ विचार कर सरकार ने बांड के लिए ऑनलाइन आवेदन करने और डिजिटल मोड में पेमेंट करने पर 50 रुपये प्रति ग्राम का डिस्काउंट देने का फैसला किया है. यानी ऐसे निवेशकों के लिए गोल्ड बांड का इशू प्राइस 4,727 रुपये प्रति ग्राम ही पडे़गा.
इन बांड्स की बैंक्स (स्माल फाइनेंस बैंक्स और पेमेंट बैंक्स को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसएचसीआईएल), चुनिंदा डाकघरों और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज व बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज जैसे मान्यताप्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों के जरिए बिक्री की जाएगी.
SGB को लेकर कुछ नियम
- इन बांड्स में गोल्ड के न्यूनतम 1 ग्राम के बराबर निवेश कर सकेंगे. इंडिविजुअल को अधिकतम 4 किग्रा, एचयूएफ को 4 किग्रा और ट्रस्ट्स व इसके समान कंपनियों को एक वित्त वर्ष में अधिकतम 20 किग्रा गोल्ड के बराबर बांड में निवेश करने की अनुमति है.
- बांड की मेच्योरिटी अवधि 8 वर्ष की है जिसमें 5 साल के बाद अगले इंटेरेस्ट पेमेंट डेट्स पर एग्जिट करने का विकल्प मिलता है.
- इसके लिए केवाईसी का वही नियम है जो फिजिकल गोल्ड के लिए है.
- गोल्ड बांड मेच्योरिटी पर यह टैक्स फ्री होता है. वहीं इसमें एक्सपेंस रेश्यो कुछ भी नहीं है. भारत सरकार द्वारा समर्थित होने से डिफॉल्ट का खतरा नहीं होता है.