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गोल्ड बांड में निवेश का गोल्डेन चांस, 1 ग्राम सोने के लिए 4842 रुपये तय हुई है कीमत

Sovereign Gold Bond Scheme 2021-22: केंद्र सरकार ने गोल्ड बांड की दूसरी किश्त के लिए प्रति ग्राम 4842 रुपये प्राइस तय किया है.

Sovereign Gold Bond Scheme 2021-22: केंद्र सरकार ने गोल्ड बांड की दूसरी किश्त के लिए प्रति ग्राम 4842 रुपये प्राइस तय किया है.

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Sovereign Gold Bond Scheme 2021-22 second trench will open on 24th may for subscription check details here where to buy and sgb benefits

भारत में सोने के निवेश विकल्पों में सोवरेन गोल्ड बांड सबसे बेहतर माना जाता है और इसे केंद्र सरकार के बिहाफ पर आरबीआई जारी करती है.

Sovereign Gold Bond Scheme 2021-22: सोवरेन गोल्ड बांड की दूसरी किश्त के लिए 4,842 रुपये प्रति ग्राम मूल्य तय किया गया है और यह 24 मई से 28 मई के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला है. पहली किश्त के लिए सब्सक्रिप्शन मूल्य 4,777 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया था. गोल्ड बांड को ऑनलाइन खरीदने पर प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट मिलेगी. केंद्र सरकार इस साल मई 2021 से सितंबर 2021 के बीच छह किश्तों में गोल्ड बांड्स जारी करेगी. इसमें पहली किश्त 17 मई से 21 मई तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुली थी और अब दूसरी किश्त के लिए भी सरकार ने प्राइस तय कर दिया है. निवेशकों के लिए निवेश का यह सुनहरा मौका है. भारत में सोने के निवेश विकल्पों में सोवरेन गोल्ड बांड सबसे बेहतर माना जाता है और इसे केंद्र सरकार के बिहाफ पर RBI जारी करती है.

कहां से खरीद सकते हैं गोल्ड बॉन्ड

एसजीबी के हर आवेदन के साथ निवेशक के पास PAN होना जरूरी है. गोल्ड बॉन्ड को ऑनलाइन खरीद सकते हैं. इसके अलावा इसकी बिक्री बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), चुनिंदा डाकघरों और एनएसई व बीएसई जैसे स्टॉक एक्सचेंज के जरिए भी होगी. स्माल फाइनेंस बैंक और पेमेंट बैंक में इनकी बिक्री नहीं होती है.

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कितना कर सकते हैं निवेश

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में एक वित्त वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 4 किग्रासोने के बॉन्ड खरीद सकता है. वहीं न्यूनतम निवेश एक ग्राम का होना जरूरी है. HUFs एक वित्त वर्ष में 4 किलोग्राम तक निवेश कर सकेंगे, जबकि ट्रस्ट इसमें 20 किलोग्राम तक निवेश कर सकेंगे.

गोल्ड बांड के ये हैं फायदे

  • गोल्ड बांड मेच्योरिटी पर यह टैक्स फ्री होता है. वहीं इसमें एक्सपेंस रेश्यो कुछ भी नहीं है. भारत सरकार द्वारा समर्थित होने से डिफॉल्ट का खतरा नहीं होता है.
  • यह HNIs के लिए भी बेहतर विकल्प है, जहां इसमें मेच्योरिटी तक होल्ड करने में कैपिटल गेंस टैक्स नहीं देना होता है. इक्विटी पर 10 फीसदी कैपिटल गेंस टैक्स लगता है. ऐसे में लंबी अवधि के निवेश विकल्पों में यह बेहतर साबित हो रहा है.
  • फिजिकल गोल्ड की बजाए गोल्ड बांड को मैनेज करना आसान और सेफ होता है.
  • इसमें प्योरिटी का कोई झंझट नहीं होता और कीमतें सबसे शुद्ध सोने के आधार पर तय होती हैं.
  • इसमें एग्जिट के आसान विकल्प हैं.
  • गोल्ड बांड के अगेंस्ट लोन की सुविधा भी मिलती है.
Sovereign Gold Bonds Scheme