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Sovereign Gold Bonds: इस साल की बात करें तो सोने में 9500 रुपये से ज्यादा तेजी रही है और इस हफ्ते सोने ने 48900 का भी स्तर पार कर लिया. 6 महीने में ही सोने ने निवेशकों को 24 फीसदी रिटर्न दिया है, जो किसी भी दूसरे एसेट क्लास के मुकाबले बेहतर है. सोना खासतौर से भारतीय परिप्रेक्ष्य में हमेशा से ही निवेश का अच्छा विकल्प रहा है. लेकिन मौजूदा तेजी ने सोने को लेकर उत्सुकता और बढ़ा दी है. अगर आप इस तेजी का फायदा उठाने से चूक गए हैं और अभी कोरोना संकट में फिजिकल बॉइंग से बचना चाहते हैं तो निराश होने की जरूरत नहीं है. अगले हफ्ते 6 जुलाई से आपके पास सॉवरेन गोल्ड बांड में निवेश करने का मौका है. इस फाइनेंशियल ईयर में गोल्ड बांड की चोथी सीरीज 6 जुलाई से खुलने जा रही है.
एक्सपर्ट का कहना है कि यूएस, चीन, इंडिया और ईरान के बीच जियो पॉलिटिकल टेंशन बढ़ना सोने के लिए एक बार फिर सपोर्टिव रहा है. वहीं कोरोना वायरस की दूसरी लहर की आशंका में सेफ हैवन के रूप में सोने में एक बार फिर खरीददारी तेज हुई है. ग्रोथ को लेकर अनिश्चितता बरकरार हैं, सोना दिवाली तक 52 हजार प्रति 10 ग्राम का स्तर दिखा सकता है. ऐसे में गोल्ड बांड में निवेश फायदा के सौदा है.
निवेशकों का शानदार रिस्पांस
इस साल सॉवरेन गोल्ड बांड को निवेशकों का भी याानदार रिस्पांस मिला है. सरकार ने मई महीने में सॉवरेन गोल्ड बांड के जरिए 25 लाख यूनिट बेचकर 1168 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड कमाई की है. इससे पहले अक्टूबर 2016 में सबसे ज्यादा 1082 करोड़ का गोल्ड बांड सरकार ने बेचा था. मई सीरीज में गोल्ड बॉन्ड को 11 से 15 मई के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खोला गया था, जिसमें एक यूनिट का भाव 4590 रुपये था. आनलाइन खरीदने पर 500 रुपये प्रति 10 ग्राम या 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट थी. गोल्ड बांड के अप्रैल सीरीज में सरकार को 822 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी. अबतक कुल 39 इश्यू जारी हो चुके हैं.
3 महीने में अगली 3 सीरीज
चौथी सीरीज: 6 जुलाई से लेकर 10 जुलाई के बीच सब्सक्रिप्शन लिया जा सकता है. इसकी किस्त 14 जुलाई को जारी की जाएगी.
पांचवीं सीरीज: 3 अगस्त से लेकर 7 अगस्त के बीच सब्सक्रिप्शन लिया जा सकता है. इसकी किस्त 11 अगस्त को जारी की जाएगी.
छठी सीरीज: 31 अगस्त से लेकर 4 सितंबर के बीच सब्सक्रिप्शन लिया जा सकता है. इसकी किस्त 8 सितंबर को जारी की जाएगी.
गोल्ड बॉन्ड के फायदे
गोल्ड बांड में सोने में आने वाली तेजी का फायदा तो मिलता ही है. इस पर सालाना 2.5 फीसदी ब्याज भी मिलता है. ब्याज निवेशक के बैंक खाते में हर 6 महीने पर जमा किया जाएगा. अंतिम ब्याज मूलधन के साथ मेच्योरिटी पर दिया जाता है. मेच्योरिटी पीरियड 8 साल है, लेकिन 5 साल, 6 साल और 7 साल का भी विकल्प होता है. अगर सोने के बाजार मूल्य में गिरावट आती है तो कैपिटल लॉस का खतरा भी हो सकता है.
खासियत
भारत सरकार द्वारा समर्थित होने से डिफॉल्ट का खतरा नहीं
फिजिकल गोल्ड की बजाए मैनेज करना आसान और सेफ
एग्जिट के आसान विकल्प
कैपिटल गेंस के साथ फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट
गोल्ड बांड के अगेंस्ट लोन की सुविधा
1 ग्राम भी खरीद सकते हैं सोना
कोई शख्स एक वित्त वर्ष में मिनिमम 1 ग्राम और मैक्सिमम 4 किलोग्राम तक वैल्यू का बॉन्ड खरीद सकता है. हालांकि किसी ट्र्स्ट के लिए खरीद की अधिकतम सीमा 20 किग्रा है.
ऑनलाइन खरीदें तो 50 रु की छूट
ऑनलाइन खरीदने पर निवेशकों को प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट मिलेगी. गोल्ड बांड की कीमतें
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड की ओर से पिछले 3 दिन 999 प्योरिटी वाले सोने की दी गई कीमतों के आधार पर तय होती हैं. इस औसत भाव पर सरकार कुछ दूट देकर गोल्ड बांड की कीमत तय करती है.
कहां से खरीद सकते हैं
गोल्ड बॉन्ड को ऑनलाइन खरीद सकते हैं. इसके अलावा इसकी बिक्री बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), चुनिंदा डाकघरों और एनएसई व बीएसई जैसे स्टॉक एक्सचेंज के जरिए भी होगी.