/financial-express-hindi/media/post_banners/KX8wCiA0o1Z3SJbdxZJe.jpg)
एटीएल की योजना अगले तीन साल वित्त वर्ष में कुछ अंडर-कंस्ट्रक्शन ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए 17 हजार करोड़ रुपये खर्च करने की है.
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने अडाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई (AEML) की रेटिंग कम कर दी है. रेटिंग एजेंसी ने एईएमएल की रेटिंग को स्टेबल से कम कर निगेटिव कर दिया है. एईएमएल की होल्डिंग कंपनी अडाणी ट्रांसमिशन (एटीएल) अपने एसेट बेस को बढ़ाने के लिए अधिक खर्च करने वाली है जिसके चलते अगले दो साल में इसका लीवरेज लेवल बढ़ने की आशंका है. इस वजह से रेटिंग एजेंसी ने एईएमएल की रेटिंग को डाउनग्रेड किया है. एजेंसी ने एईएमएल की क्रेडिट रेटिंग बीबीबी निगेटिव बनाए रखा है. एसएंडपी की बीबीबी रेटिंग का मतलब है कि आर्थिक परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण हैं जिससे वित्तीय प्रतिबद्धता पूरी करने की क्षमता कमजोर हुई हैं. एईएमएल मुंबई में पॉवर डिस्ट्रिब्यूशन बिजनस चलाती है.
अगले तीन साल में कंपनी 17 हजार करोड़ करेगी खर्च
एटीएल की योजना अगले तीन साल वित्त वर्ष में कुछ अंडर-कंस्ट्रक्शन ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए 17 हजार करोड़ रुपये खर्च करने की है. इसके चलते एसएंडपी का अनुमान है कि अगले दो साल में एटीएल का लीवरेज लेवल (ऑपरेशंस से मिले फंड और कर्ज का अनुपात) घटकर वित्त वर्ष 2022 में 7 फीसदी हो जाएगा और फिर अगले वित्त वर्ष में यह बढ़कर 8.2 फीसदी हो जाएगा. पिछले दो वर्ष में कंपनी की लीवरेज लेवल 8-12 फीसदी के बीच बना रहा. कमीशंड प्रोजेक्ट से वित्त वर्ष 2024 में अर्निंग कांट्रिब्यूशन के चलते लीवरेज बढ़कर 9 फीसदी से अधिक होने का अनुमान लगाया गया है.
वित्त वर्ष 2024 में लीवरेज बढ़ने का आकलन
नवंबर 2022 में कंपनी टैरिफ को संशोधित करेगी. इसके चलते एईएमएल का लीवरेज वित्त वर्ष 2023 और वित्त वर्ष 2024 में बढ़कर 10.5-12.5 फीसदी हो जाएगा जोकि वित्त वर्ष 2021 में महज 2.7 फीसदी था. चालू वित्त वर्ष 2022 में लीवरेज लेवल के 7.5 फीसदी रहने का आकलन किया गया है. मार्च 2021 के अंत में एईएमएल के पास 17 हजार करोड़ रुपये का कैश, शॉर्ट इंवेस्टमेंट्स और एफडी थी और इसमें हाल ही में कंपनी के ग्लोबल मीडियम-टर्म नोट प्रोग्राम के तहत 30 करोड़ डॉलर के सीनियर सिक्योर्ड बांड्स इशू किए हैं. मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने सीनियर सिक्योर्ड बांड को बीएएए3 रेटिंग दी ही और कंपनी इससे मिले फंड का इस्तेमाल कैपिटल एक्सपेंडिचर, रीफाइनेंसिंग और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए करेगी.