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SpiceJet ने 80 पायलट्स को 3 महीने के लिए बिना वेतन की छुट्टी पर भेजा, आर्थिक संकट गहराने के संकेत

SpiceJet ने कहा है कि पायलट्स को अवैतनिक अवकाश पर भेजने का फैसला लागत पर काबू पाने के लिए किया गया है.

SpiceJet ने कहा है कि पायलट्स को अवैतनिक अवकाश पर भेजने का फैसला लागत पर काबू पाने के लिए किया गया है.

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FE Hindi Desk
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SpiceJet sends 80 pilots on 3 month forced leave without pay

स्पाइसजेट के मुताबिक छुट्टी के दौरान पायलट्स को कर्मचारियों को मिलने वाली बाकी सभी सुविधाएं मिलती रहेंगी. (File Photo)

देश की बजट एयरलाइन स्पाइसजेट (SpiceJet) ने अपने 80 पायलट्स को तीन महीने के लिए बिना वेतन की जबरन छुट्टी पर भेज दिया है. कंपनी ने इसे लागत पर काबू पाने के लिए उठाया गया कदम बताया है. लेकिन अचानक किए गए इस एलान को एयरलाइन में आर्थिक संकट और गहराने के संकेत के तौर पर भी देखा जा रहा है. स्पाइसजेट की तरफ से मंगलवार को जारी बयान के मुताबिक अपने 80 पायलट्स को अवैतनिक अवकाश पर भेजने का फैसला अस्थायी है और यह कदम लागतों को रैशनलाइज़ करने यानी तर्कसंगत बनाने के लिए उठाया गया है. एयरलाइन ने अपने जिन पायलट्स को जबरन छुट्टी पर भेजा है, वे उसके बोइंग (Boeing) और बॉम्बार्डियर (Bombardier) विमान उड़ाते हैं.

किसी भी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकालने की नीति : स्पाइसजेट

स्पाइसजेट ने अपने इस फैसले को वाजिब ठहराते हुए कहा कि उसने यह कदम किसी भी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकालने की अपनी पॉलिसी के तहत उठाया है. कंपनी ने कहा कि उसने कोविड महामारी के सबसे बुरे दिनों में भी अपनी इस नीति का पालन किया था. एयरलाइन का दावा है कि उसके इस कदम से पायलट्स और एयरक्राफ्ट की संख्या के बीच बेहतर तालमेल स्थापित हो पाएगा.

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क्या 3 महीने बाद ड्यूटी पर बुलाए जाएंगे पायलट?

कंपनी भले ही अपने फैसले को अस्थायी बता रही हो और किसी को नौकरी से नहीं निकालने के दावे कर रही हो, लेकिन उसके पायलट्स में इस फैसले को लेकर काफी खलबली देखने को मिल रही है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक एयरलाइन के कई पायलट्स ने इस फैसले पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें कंपनी के आर्थिक संकट में घिरे होने की जानकारी तो पहले से ही थी, लेकिन यह फैसला जिस तरह अचानक लिया गया, उससे वे सदमे में हैं. उन्हें लगता है कि तीन महीने बाद कंपनी की वित्तीय स्थिति कैसी होगी, इसे लेकर कुछ भी तय नहीं है. उन्हें भरोसा नहीं है कि जबरन छुट्टी पर भेजे जाने के तीन महीने बाद उन्हें ड्यूटी पर वापस बुलाया भी जाएगा या नहीं. पीटीआई के मुताबिक स्पाइजेट के मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों का कहना है कि कंपनी ने कोविड महामारी के दौरान विदेशी पायलट्स को नौकरी से निकाला था, जबकि केबिन क्रू को 2020 से अब तक एक से ज्यादा बार अवैतनिक छुट्टी पर भेजा जा चुका है. इसके अलावा उनके वेतन-भत्तों में कटौती भी की गई थी.

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वेतन को छोड़कर बाकी लाभ मिलते रहेंगे : स्पाइसजेट

कंपनी ने भरोसा दिलाया है कि अवैतनिक अवकाश पर भेजे जाने के दौरान भी उसके पायलट्स को इंश्योरेंस और लीव-ट्रैवेल जैसी कर्मचारियों को मिलने वाली बाकी सहूलियतों का लाभ मिलता रहेगा. कंपनी ने ये दावा भी किया है कि 80 पायलट्स को छुट्टी पर भेजने के बावजूद उसके पास अपनी सभी उड़ानों को संचालित करने के लिए पर्याप्त संख्या में पायलट उपलब्ध रहेंगे.

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