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Budget 2020: रॉ मैटीरियल पर कस्टम ड्यूटी में कटौती करें वित्तमंत्री- स्टील इंडस्ट्री

इस्पात उद्योग कोकिंग कोल, पेट कोक, चूना पत्थर और डोलोमाइट पर कस्टम ड्यूटी में कटौती चाहता है.

इस्पात उद्योग कोकिंग कोल, पेट कोक, चूना पत्थर और डोलोमाइट पर कस्टम ड्यूटी में कटौती चाहता है.

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PTI
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steel industry budget 2020 expectations from modi government nirmala sitharaman budget

इस्पात उद्योग कोकिंग कोल, पेट कोक, चूना पत्थर और डोलोमाइट पर मूल सीमा शुल्क में कटौती चाहता है.

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Budget 2020: घरेलू इस्पात उद्योग आगामी आम बजट में महत्वपूर्ण कच्चे माल मसलन कोकिंग कोल, पेट कोक, चूना पत्थर और डोलोमाइट पर कस्टम ड्यूटी में कटौती चाहता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2020-21 का बजट एक फरवरी को पेश करेंगी. उद्योग मंडल फिक्की ने घरेलू इस्पात क्षेत्र को लेकर अपनी बजट सिफारिशों में कहा है कि एंथ्रेसाइट कोयले (पत्थर का कोयला), कोकिंग कोल, कोक, चूना पत्थर और डोलोमाइट इस्पात उद्योग के लिए महत्वपूर्ण कच्चा माल हैं. देश में इनकी गुणवत्ता पूर्ण उपलब्धता घट रही है और उद्योग को नियमित आधार पर इनका आयात करना पड़ता है.

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एंथ्रेसाइट कोयले पर सीमा शुल्क 2.5 फीसदी है. फिक्की ने इस पर सीमा शुल्क की दर को शून्य करने का सुझाव दिया है. मेट कोक इस उद्योग के लिए एक और महत्वपूर्ण कच्चा माल है. इस पर हमेशा रियायती शुल्क लगता रहा है. हालांकि, एक मार्च, 2015 से इस पर सीमा शुल्क ढाई से बढ़ाकर पांच फीसदी कर दिया गया. इसके अलावा 25 नवंबर, 2016 से इसके आयात पर डंपिंग रोधी शुल्क भी लागू है. ऐसे में मेट कोक की लागत काफी ऊंची हो गई है.

फिक्की ने क्या कहा ?

उद्योग मंडल ने कहा कि सरकार ने कोकिंग कोल को मिलने वाली छूट को भी 2014-15 के बजट में खत्म कर दिया. अब इस पर 2.5 फीसदी का सीमा शुल्क लगता है. इस संशोधन से देश के इस्पात विनिर्माताओं पर बुरी तरह असर हुआ है.

फिक्की ने कहा कि कोकिंग कोल पर 2.5 फीसदी के शुल्क और उसके साथ ही कोक पर पांच प्रतिशत के आयात शुल्क से इस्पात उद्योग की लागत बुरी तरह प्रभावित हुई है. फिक्की ने इस्पात ग्रेड के चूना पत्थर और डोलोमाइट पर भी सीमा शुल्क को खत्म करने का सुझाव दिया है. फिक्की का कहना है कि इस्पात के उत्पादन में बढ़ोतरी से स्टील मेल्टिंग शॉप (एसएमएस) और ब्लास्ट फर्नेस ग्रेड के चूना पत्थर की मांग बढ़ी है.

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स्क्रैप पर खत्म हो ड्यूटी: स्टेनलैस इंडस्ट्री

स्टेनलैस स्टील उद्योग ने सरकार से लौह मिश्रित निकल जैसे कच्चे माल और इस्पात कबाड़ को आयात शुल्क मुक्त करने की मांग रखी है. घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए इंडियन स्टेनलैस स्टील डेवलपमेंट एसोसिएशन (आईएसएसडीए) ने सरकार को बजट में कुछ सुधारात्मक कदम उठाने के सुझाव दिए हैं. वित्त मंत्रालय को भेजी अपनी सिफारिशों में एसोसिएशन ने सरकार से लौह-निकल जैसे कच्चे माल और इस्पात कबाड़ को शुल्क मुक्त करने की मांग की है.

बयान के मुताबिक लौह-निकल और स्टेनलैस स्टील का कबाड़ दो प्रमुख कच्चे माल हैं और इनकी देश में उपलब्धता काफी कम है. इसलिए इनका अनिवार्य तौर पर आयात किया जाना चाहिए. मौजूदा समय में इन दोनों उत्पादों पर ढाई फीसदी का सीमाशुल्क लगता है. लौह-निकल और इस्पात कबाड़ पर आयात शुल्क हटाने की मांग लंबे समय से की जा रही है. इस्पात मंत्रालय ने भी इस समय इसके आयात को शून्य शुल्क दायरे में रखने की वकालत की है.

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