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अनिल अग्रवाल की कंपनी स्टरलाइट आईपीओ लाने जा रही है.
अनिल अग्रवाल की कंपनी स्टरलाइट पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड ( SPTL) आईपीओ लाने जा रही है. कंपनी ने अपने IPO के लिए सेबी में शुरुआती दस्तावेज यानी DRHP दाखिल कर दिया है. आईपीओ के तहत 1250 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए जाएंगे. वेदांता चीफ अनिल अग्रवाल और Twin Star Overseas स्टरलाइट पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड के प्रमोटर हैं. इस साल के आखिर तक यह आईपीओ मार्केट में आ सकता है. हालांकि इसका इश्यू साइज 2000 करोड़ रुपये से घटा कर 1200 करोड़ रुपये कर दिया गया है.
रिटेल निवेशकों के लिए 10 फीसदी आरक्षित
आईपीओ का 75 फीसदी हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स यानी QIB के लिए रिजर्व है. एनआईआई (NII) के लिए 15 फीसदी हिस्सा रिजर्व रखा गया है. रिटेल निवेशकों के लिए सिर्फ 10 फीसदी हिस्सा आरक्षित है. कंपनी ने कहा है कि वह कुछ शेयर कर्मचारियों को भी देगी लेकिन DRHP में यह नहीं बताया गया है कि उनके लिए कितना हिस्सा आरक्षित रखा गया है. कंपनी 220 करोड़ प्री-आईपीओ प्लेसमेंट भी ला सकती है.
पावरग्रिड के बाद दूसरी बड़ी कंपनी
स्टरलाइट पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड ने Axis Capital, ICICI Securities और JM Financial ने अपने आईपीओ की बुक रनिंग के लिए लीड मैनेजर नियुक्त किया है. स्टरलाइट पावर, बिजली उत्पादन में काम आने वाले प्रोडक्ट बनाती है. यह पावर ट्रांसमिशन के बिजनेस में भी है. पावरग्रिड के बाद यह दूसरी बड़ी पावर ट्रांसमिशन कंपनी है. मार्केट हिस्सेदारी के मामले में यह अडाणी ट्रांसमिशन और Essel Group से आगे है.
वेदांता लिमिटेड पर कर्ज का बोझ काफी ज्यादा है. कंपनी ने अपनी हिस्सेदारी गिरवी रखकर 1.4 अरब डॉलर जुटाए हैं. कंपनी इस राशि का इस्तेमाल अपना वह कर्ज चुकाने में करेगी, जिसकी रिडंपेशन नजदीक आ रही है. वेदांता ने कहा कि उसके प्रवर्तकों ने सिटीकॉर्प इंटरनेशनल को इतनी ही राशि के नोट्स जारी कर एक अरब डॉलर का कर्ज जुटाया है. इसके अलावा वेदांता रिसोर्सेज की एक इकाई ओकट्री कैपिटल समूह के तहत एक इकाई को 40 करोड़ डॉलर के नोट्स जारी करेगी.