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Correction in Stock Market: बाजार में बीते 10 कारोबारी दिनों में 9 बार गिरावट देखने को मिली है. (Pixabay)
Stock Market Strategy: बढ़ रहे जियो पॉलिटिकल टेंशन, यूएस यील्ड में तेजी, दरों में और बढ़ोतरी की संभावना जैसे फैक्टर्स ने शेयर बाजार का माहौल खराब कर दिया है. बाजार में बीते 10 कारोबारी दिनों में 9 बार गिरावट देखने को मिली है. आज भी सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है. सेंसेक्स करीब 800 अंक टूट गया है तो निफ्टी 18850 के नीचे आ गया है. बीते 17 अक्टूबर के बाद से बाजार में लगातार गिरावट है. इस दौरान बीएसई लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में लगातार गिरावट आई है. हालांकि एक्सपर्ट का कहना है कि इस करेक्शन के चलते बाजार का वैल्युएशन अब बेहतर हुआ है. निवेशकों को घबराने की बजाय ऐसे समय में हर गिरावट पर सिर्फ क्वालिटी बॉइंग करने की स्ट्रैटेजी पर चलना होगा. इस गिरावट ने प्री इलेक्शल रैली के लिए पर्याप्त स्पेस बाजार को दिया है. शॉर्ट टर्म में कुछ और करेक्शन आ सकता है.
6 दिनों में निवेशकों को 19 लाख करोड़ का नुकसान
पिछले हफ्ते 17 अक्टूबर के बाद से बाजार में लगातार कमजोरी देखने को मिल रही है. 17 अक्टूबर के बाद से आज छठें कारोबारी दिन में निवेशकों की करीब 19 लाख करोड़ दौलत डूब गई. 17 अक्टूबर को बाजार बंद होने पर बीएसई लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 3,23,82,425.13 करोड़ था, जो आज 26 अक्टूबर को दोपहर 1 बजे तक घटकर 3,04,76,795.36 करोड़ रह गया. यह 18 अक्टूबर को 3,21,40,820.81 करोड़, 19 अक्टूबर को 3,20,96,223.89 करोड़ और 20 अक्टूबर को 3,18,89,766.03 करोड़ था. 21 और 22 अक्टूबर को शनिवार और रविवार को बाजार बंद रहे थे. 23 अक्टूबर को यह 3,11,30,724.40 करोड़ रह गया. 24 अक्टूबर को भी बाजार बंद थे. जबकि 25 अक्टूबर को 3,11,30,724.40 करोड़ पर बंद हुआ था.
निवेशक घबराने की बजाए क्वालिटी बॉइंग करें
AUM Capital के नेशनल हेड ऑफ वेल्थ मुकेश कोचर का कहना है कि शेयर बाजार के निवेशक काफी चिंतित हैं, क्योंकि इक्विटी बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी पिछले 10 कारोबारी सेशन में से 9 बार कमजोर हुए हैं. उनका कहना है कि पिछले दिनों जब बाजार में रैली देखने को मिली थी तो वैल्युएशन भी महंगा हो गया था, जिसके बाद से शेयर बाजार करेक्शन के लिए किसी कारण की तलाश कर रहा था. इजरायल और हमास के बीच जंग से जियो पॉलिटिकल टेंशन और बढ़ गया, जिससे बाजार के लिए करेक्शन का रास्ता खुल गया. इसके अलावा अमेरिका में बढ़ती यील्ड और भारत में आगामी राज्य व आम चुनाव से पहले मुनाफावसूली के चलते भी बाजार करेक्शन के दौर में चला गया.
एफआईआई ने भी अपनी बिकवाली की गति बढ़ा दी है और यह अल्पावधि में तब तक जारी रह सकता है जब तक दरें ठीक नहीं हो जातीं. लंबी अवधि के निवेशकों को ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है और वे सिर्फ एक चीज कर सकते हैं, वह है गिरावट में खरीदारी करना और क्वालिटी शेयरों के साथ बने रहना. अगर यहां से 300-400 अंक और गिरावट आती है और जियो-पॉलिटिकल रिस्क स्थिर हो जाता है तो वैल्युएशन के मामले में बाजार बेहतर होगा. हालांकि शॉर्ट टर्म के लिए बाजार के बार में अभी कोई भविष्यवाणी करना जल्दबाजी होगी.
बाजार एक करेक्शन के दौर में
Swastika Investmart Ltd के रिसर्च हेड, संतोष मीना का कहना है कि भारतीय बाजार इस समय एक करेक्शन के दौर से गुजर रहा है. यहां तक कि पहले बेहतर प्रदर्शन करने वाले ब्रॉडर मार्केट सेग्मेंट में भी अब मुनाफावसूली देखी जा रही है. बहरहाल, ऐसा लग रहा कि बाजार प्री इलेक्शल रैली के लिए कंसोलिडेशन के फेज में प्रवेश कर रहा है. ऐतिहासिक रूप से, भारतीय बाजार चुनाव परिणाम से लगभग छह महीने पहले चुनाव-पूर्व उतार-चढ़ाव शुरू कर देते हैं. ऐसे में, दिवाली के आसपास प्री इलेक्शन रैली की शुरुआत की उम्मीद करना उचित है.
स्टॉक मार्केट के व्यवहार की बात करें तो आगे अभी और करेक्शन का अनुमान है. निफ्टी संभावित रूप से अपने 200-डे मूविंग एवरेज (डीएमए) को लगभग 18,800 पर टेस्ट कर रहा है. यह प्रत्याशित प्री इलेक्शन रैली में भाग लेने के इच्छुक निवेशकों के लिए एक आकर्षक खरीदारी का अवसर प्रदान कर सकता है. निवेशकों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान शांत रहें और घबराने से बचें. इसके बजाय, उन्हें इस गिरावट का फायदा उठाने के लिए हाई क्वालिटी वाले शेयरों की एक लिस्ट तैयार करनी चाहिए.