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Stock Market: उतार चढ़ाव के बीच शेयर बाजार में आज गिरावट देखने को मिली है.
Stock Market Closing: उतार चढ़ाव के बीच शेयर बाजार में आज गिरावट देखने को मिली है. हालांकि कारोबार के आखिरी घंटे में बाजार ने अपनी गिरावट कुछ कम की. आज सेंसेक्स और निफ्टी दोनों इंडेक्स लाल निशान में बुद हुए. सेंसेक्स में 300 अंकों से ज्यादा कमजोरी रही. जबकि निफ्टी 18000 पर ही बंद हुआ. आज ग्लोबल संकेत मिले जुले रहे हैं. एशियाई बाजारों में खरीदारी देखने को मिली, जबकि यूएस मार्केट बुधवार को मजबूत बंद हुआ था. फिलहाल सेंसेंक्स में 304 अंकों की गिरावट रही और यह 60353 के लेवल पर बंद हुआ. जबकि निफ्टी 51 अंक टूटकर 17992 के लेवल पर बंद हुआ.
किन सेक्टर में तेजी, किनमें गिरावट
आज के कारोबार में बैंक और फाइनेंशियल शेयरों में बिकवाली रही. निफ्टी पर दोनों इंडेक्स करीब 1 फीसदी कमजोर हुए. आईटी शेयरों में भी बिकवाली रही. वहीं ऑटो, मेटल और फार्मा इंडेक्स में 1 फीसदी और FMCG इंडेक्स में 1.5 फीसदी से ज्यादा बढ़त रही.
आज के टॉप गेनर्स, टॉप लूजर्स
आज के कारोबार में हैवीवेट शेयरों में मिक्स्ड ट्रेंड देखने को मिल रहा है. सेंसेक्स 30 के 13 शेयर हरे निशान में बंद हुए हैं. जबकि 17 लाल निशान में बंद हुए हैं. आज के टॉप गेनर्स में NTPC, ITC, HUL, SUNPHARMA, M&M, TATASTEEL, HCL, LT, MARUTI शामिल हैं. जबकि टॉप लूजर्स में BAJFINANCE, ICICIBANK, Infosys, TITAN, AXISBANK, HDFCBANK शामिल हैं.
2022: ऑटो रिटेल सेल्स 15% बढ़ी
देश में वाहनों की रिटेल सेल्स 2022 में 15.28 फीसदी बढ़कर 2,11,20,441 यूनिट पर पहुंच गई. इसमें यात्री वाहनों और ट्रैक्टर की रिकॉर्ड बिक्री हुई है. वाहन डीलर संघों के महासंघ (फाडा) ने यह जानकारी दी है. फाडा ने एक बयान में बताया कि 2021 में भारत में वाहनों की कुल रिटेल सेल्स 1,83,21,760 यूनिट थी.
Bajaj Finance में 8 फीसदी तक गिरावट
बजाज फाइनेंस के शेयर इंट्राडे में 8 फीसदी से ज्यादा कमजोर होकर 6025 रुपये के स्तर पर आ गया था. शेयर बुधवार को 6571 रुपये पर बंद हुआ. अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी की कमजोर एयूएम ग्रोथ ने बाजार को निराश किया है. Bajaj Finance दिसंबर, 2022 में समाप्त तिमाही के दौरान एयूएम बढ़कर 2.3 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले 1.8 लाख करोड़ रुपये के आसपास था.
US Fed मिनट्स: महंगाई कम करने पर फोकस
फेडरल रिजर्व की 13-14 दिसंबर की पॉलिसी मीटिंग में सभी मेंबर ने इस बात पर सहमति जताई कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक को अपनी एग्रेसिव मॉनेटरी पॉलिसी की गति को धीमा करना चाहिए. इससे उन्हें महंगाई कंट्रोल करने के लिए कास्ट ऑफ क्रेडिट में बढ़ोतरी जारी रखने की अनुमति मिल सके. हालांकि इसका मतलब इकोनॉमी से जुड़े जोखिमों को सीमित करना है.