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Market Crash: शेयर बाजार में आने वाली है और बड़ी गिरावट? क्या 14,000 तक कमजोर हो सकता है Nifty? क्या करें निवेशक

जियो पॉलिटिकल टेंशन के चलते पिछले कुछ दिनों से बाजार में गिरावट चल रही थी. सेंसेक्स अपने रिकॉर्ड हाई से 7000 अंकों से ज्यादा टूट चुका है. बाजार की गिरावट में क्या करना चाहिए.

जियो पॉलिटिकल टेंशन के चलते पिछले कुछ दिनों से बाजार में गिरावट चल रही थी. सेंसेक्स अपने रिकॉर्ड हाई से 7000 अंकों से ज्यादा टूट चुका है. बाजार की गिरावट में क्या करना चाहिए.

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Sushil Tripathi
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Market Crash: शेयर बाजार में आने वाली है और बड़ी गिरावट? क्या 14,000 तक कमजोर हो सकता है Nifty? क्या करें निवेशक

रूस द्वारा यूक्रेन पर सैन्य हमले से आज शेयर बाजार में भारी बिकवाली देखने को मिली है. (image: pixabay)

Stock Market Strategy: रूस द्वारा यूक्रेन पर सैन्य हमले से आज शेयर बाजार क्रैश हो गया है. इंट्राडे कारोबार में सेंसेक्स आज 2300 अंक तक टूट गया. जबकि निफ्टी भी 16350 के नीचे फिसल गया. सेंसेक्स में रिकॉर्ड हाई से 7000 अंकों से ज्यादा गिरावट आ चुकी है. निफ्टी भी 2000 अंकों से ज्यादा टूट चुका है. बाजार की आज की गिरावट में निवेशकों ने करीब 13 लाख करोड़ रुपये गंवा दिए हैं. जियो पॉलिटिकल रिस्क के अलावा इनफ्लेशन, ब्याज दरों के बढ़ने की आशंका, बॉन्ड यील्ड में तेजी और घरेलू स्तर पर 5 राज्यों के चुनाव परिणाम जैसे फैक्टर हैं, जो बाजार में अस्थिरता बढ़ा सकते हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि निफ्टी के लिए 16,000 का स्तर बेहद अहम होगा. अगर इंडेक्स इसके नीचे गया तो सबसे खराब स्थिति में यह 14,000 के स्तर तक कमजोर हो सकता है. हालांकि लंबी अवधि के निवेशकों को घबराने की बजाए निवेश के मौके तलाशने की जरूरत है.

गिरावट को खरीदारी के मौके के रूप में देखें

ICICI Securities के MD & CEO विजय चंडोक का कहना है कि रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते युद्ध की स्थिति से दुनियाभर के बाजारों में बिकवाली है. इससे क्रूड की कीमतें भी तेजी से बढ़ी हैं. क्रूड की कीमतों पर आगे बाजार की नजर रहेगी. वैसे बड़े सैंक्शन की उम्मीद नहीं है, जिससे क्रूड में बहुत ज्यादा तेजी आए. क्रूड में तेजी आने से ग्लोबल इकोनॉमी पर असर होगा, वहीं रेट हाइक होते हैं तो इकनॉमिक ग्रोथ स्लो होगी. शॉर्ट टर्म में बाजार के स्थिर होने की उम्मीद है. उनका कहना है कि इस गिरावट को खरीदारी के मौके के रूप में देखना चाहिए.

क्या 14000 के लेवल तक कमजोर होगा निफ्टी

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Tradingo के फाउंडर पार्थ न्याती का कहना है कि टेक्निकली निफ्टी अपने 200-डीएमए से नीचे फिसल गया है, जिसकी वजह से इसमें 16,000 के स्तर की ओर कमजोरी देखने को मिल सकती है. जबकि 16,400 के लेवल पर एक इंटरमीडिएट सपोर्ट है. निफ्टी में 16,000 के लेवल से बाउंसबैक की उम्मीद है, लेकिन बाजार को कॉन्फिडेंस तभी आएगा, जब निफ्टी 17,200 के स्तर को पार करने में कामयाब होगा. अगर निफ्टी 16,000 के स्तर को नीचे की ओर ब्रेक​ करता है तो सबसे खराब स्थिति में निफ्टी 14,000 के लेवल तक भी कमजोर हो सकता है. हालांकि हम लंबी अवधि के हिसाब से बुल मार्केट में बने रहेंगे.

बैंक निफ्टी की बात करें तो यह इंडेक्स भी अपने 200-DMA से नीचे फिसल गया है, जहां 35500 के लेवल पर अगला महत्वपूर्ण सपोर्ट है. उसके बाद इंडेक्स के लिए 34000 अगला सपोर्ट लेवल है. वहीं ऊपर की तरफ, इसे कोई मजबूती हासिल करने के लिए 37500 के स्तर को पार करना होगा.

निवेशकों को क्या करना चाहिए

साल 2021 में बाजार के मजबूत प्रदर्शन के बाद बड़ा और मीनिंगफुल करेक्शन देखने को मिल रहा है. जियोपॉलिटिकल टेंशन इसके पीछे सबसे बढ़ी वजह है. इनफ्लेशन और ब्याज दरों की बढ़ने की आशंका से भी बाजार पर दबाव है. जियो पॉलिटिकल टेंशन से महंगाई और बए़ने वाली है, क्योंकि क्रूड की कीमतों में लगातार तेजी है. ब्रेंट क्रूड आज 100 डॉलर प्रति बैरल के पार चला गया है. पार्थ न्याती का कहना है कि लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह खरीदारी का अच्छा मौका है. अभी हम स्ट्रक्चरल बुल रन में है और यह कुछ साल तक जारी रहने वाला है. इसलिए लंबी अवधि के निवेशकों को घबराना नहीं चाहिए और निचले स्तरों से खरीदारी के अवसरों की तलाश करनी चाहिए. कैपिटल गुड्स, इंफ्रास्ट्रक्चर, रीयल एस्टेट, फाइनेंशियल सेकटर पर नजलर बनाए रखें.

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