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Stock Market Crash: स्‍टॉक मार्केट में फिर मची अफरा तफरी, US Fed के एलान से सेंसेक्‍स 600 अंक टूटा, लॉर्जकैप में भारी बिकवाली

Investors Alert: फेडरल रिजर्व मॉनेटरी पॉलिसी के प्रति सतर्क रुख अपना रहा है. अनुमान है कि रिस्‍क एसेट्स पर दबाव रहेगा. इसका भारतीय बाजार पर इनडायरेक्‍टर असर हो सकता है.

Investors Alert: फेडरल रिजर्व मॉनेटरी पॉलिसी के प्रति सतर्क रुख अपना रहा है. अनुमान है कि रिस्‍क एसेट्स पर दबाव रहेगा. इसका भारतीय बाजार पर इनडायरेक्‍टर असर हो सकता है.

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Sushil Tripathi
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Stock Market Fall

Stock Market Crash: आज के कारोबार में सेंसेक्‍स 600 अंकों से ज्‍यादा टूट गया है. जबकि निफ्टी टूटकर 18850 के भी नीचे आ गया है. (pixabay)

Stock Market Fall Today: अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अनुमान मुताबिक ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया, लेकिन इस साल एक बार और दरों में बढ़ोतरी के संकेत दिए हैं. यूएस फेड के इस एलान से ग्‍लोबल बाजारों समेत घरेलू बाजार में भी भारी बिकवाली देखने को मिल रही है. आज के कारोबार में सेंसेक्‍स 600 अंकों से ज्‍यादा टूट गया. जबकि निफ्टी टूटकर 18850 के भी नीचे आ गया है. वहीं आज एशियाई बाजारों में भी बिकवाली है. जबकि बुधवार को अमेरिकी बाजार भी गिरावट पर बंद हुए. इस साल दरों में एक और बढ़ोतरी के संकेत से इक्विटी मार्केट अलर्ट हैं. वहीं फेड के फैसले के बाद यूएस ट्रेजरी की 2 साल की यील्ड 5.135 फीसदी तक बढ़ी, जो 2006 से अब तक सबसे ज्यादा है. 10 साल के बेंचमार्क बॉन्ड की यील्ड 4.39 फीसदी पहुंच गई, जो 16 साल का सबसे हाई लेवल है. ऐसे में इक्विटी से पैसा बॉन्‍ड की ओर शिफ्ट होने का भी डर बना हुआ है.

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लार्जकैप शेयरों में बिकवाली

आज के कारोबार में हैवीवेट शेयरों में बिकवाली देखने को मिल रही है. सेंसेक्स 30 के 28 शेयर लाल निशान में दिख रहे हैं. M&M, ICICIBANK, BAJAJFINSV, HCLTECH, INDUSINDBK, ITC, TCS और TATAMOTORS आज के टॉप लूजर्स में शामिल हैं.

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भारतीय बाजार पर कितना असर

वैंटेज में APAC के सीनियर मार्केट एनालिस्‍ट जेडेन ओंग का का कहना है कि फेडरल रिजर्व ने एक बार फिर बेंचमार्क ब्याज दरों को 5.25% से 5.5% के दायरे में बनाए रखने का विकल्प चुना है. केंद्रीय बैंक का दावा है कि ब्याज दरों में संभावित कटौती पर विचार करने से पहले यह सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त आर्थिक डाटा की आवश्यकता है कि क्या मौजूदा इनफ्लेशन का दबाव वास्तव में कम हो गया है. वर्तमान में, कंज्‍यूमर स्‍पेंडिंग में इंक्रीमेंटल सुधार और रोजगार की लगातार डिमांड के साथ, अमेरिकी अर्थव्यवस्था GDP की अपेक्षाओं को पार करते हुए लगातार विस्तार का प्रदर्शन कर रही है। हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि सप्‍लाई और डिमांड डायनमिक्‍स संतुलन में रहे.

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डॉट प्लॉट चार्ट 2023 में अतिरिक्त 25-बेसिस प्‍वॉइंट इंटरेस्‍ट रेट हाइक के प्रति फेडरल रिजर्व के झुकाव का संकेत देता है. जिसमें पूरे साल 2024 में हायर इंटरेस्‍ट रेट को बनाए रखने का भी संकेत है. यह रुख पिछले संकेतों की तुलना में अधिक हॉकिश है, जिससे अमेरिकी डॉलर इंडेक्‍स में एक रैली हो सकती है। जबकि इसके चलते रिलेटिव मार्केट में कीमती धातुओं और रिस्‍क एसेट्स पर गिरावट का दबाव बन रहा है. फेडरल रिजर्व अपनी मॉनेटरी पॉलिसी के प्रति सतर्क रुख अपना रहा है, किसी भी ब्याज दर में कटौती पर विचार करने से पहले महंगाई दर को 2 फीसदी तक कम करने को प्राथमिकता दे रहा है. यह अनुमान है कि अमेरिकी स्टॉक इंडेक्स सहित रिस्‍क एसेट्स पर दबाव रहेगा. बदले में, इसका भारतीय बाजार पर इनडायरेक्‍टर असर हो सकता है.

US फेड ने नहीं किया ब्याज दरों में कोई बदलाव

बता दें कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अनुमान मुताबिक ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया, लेकिन इस साल एक बार और दरों में बढ़ोतरी के संकेत दिए हैं. अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने 5.25-5.50% के टारगेट रेंज को बरकरार रखा है. फेड का ये फैसला सर्वसम्मति से लिया गया. 19 में से 12 फेड सदस्यों का मत इस साल एक बार और बढ़ोतरी का है. यूएस फेड ने यह साफ किया आने वाले समय में जरूरत हुई तो दरों में बढ़ोतरी पर फैसला लेंगे. अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने कहा कि आर्थिक गतिविधि मजबूती से बढ़ रही है. हाल के महीनों में जॉब्स की रफ्तार धीमी हुई है लेकिन मजबूती अभी भी बनी हुई है. फेडरल रिजर्व ने बताया कि बेरोजगारी दर में कमी आई है, लेकिन महंगाई अब भी ज्यादा है. फेड ने 2023 में मीडियन इकोनॉमिक ग्रोथ का अनुमान जून के 1 फीसदी के मुकाबले बढ़ाकर सीधे 2.1 फीसदी किया. वहीं बेरोजगारी दर का अनुमान घटाया गया है. US फेडरल रिजर्व को 4.5 फीसदी की बजाए अब 4.1 फीसदी पीक जॉबलेस रेट का अनुमान है.

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