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Stock Market Crash: इस महीने 16 लाख करोड़ गंवा चुके हैं निवेशक, आज 1400 अंक क्यों टूटा सेंसेक्स

Share Market Crash Latest News: मई की बात करें तो आज 19 तारीख तक सेंसेक्स में करीब 4000 अंकों की गिरावट आ चुकी है. इस दौरान बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 16 लाख करोड़ घटा है.

Share Market Crash Latest News: मई की बात करें तो आज 19 तारीख तक सेंसेक्स में करीब 4000 अंकों की गिरावट आ चुकी है. इस दौरान बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 16 लाख करोड़ घटा है.

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Sushil Tripathi
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Stock Market Crash: इस महीने 16 लाख करोड़ गंवा चुके हैं निवेशक, आज 1400 अंक क्यों टूटा सेंसेक्स

Sensex Crash Today: आज के कारोबार में निवेशकों को 5 लाख करोड़ से ज्यादा का झटका लगा है. (image: pixabay)

Stock Market Investors: शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. आज भी सेंसेक्स इंट्राडे में 1300 अंकों के करीब टूट गया. वहीं निफ्टी 15950 के नीचे आ गया. आज के कारोबार में जहां निवेशकों को 5.5 लाख करोड़ का झटका लगा है, मई महीने में उनके करीब 16 लाख करोड़ रुपये बाजार में डूब चुके हैं. दिन प्रति दिन लगातार बढ़ रही महंगाई, रूस-यूक्रेन के बीच लंबी जंग, दुनियाभर में सप्लाई चेन को लेकर दिक्कतें, कोविड 19, चीन में लॉकडाउन, रेट हाइक साइकिल, आर्थिक मंदी की आशंका के साथ ही ग्लोबल एजेंसियों द्वारा ग्रोथ अनुमान घटाए जाने का असर बाजार पर पड़ रहा है.

Tradingo के फाउंडर पार्थ न्यती का कहना है कि ग्लोबल इनफ्लेशन बाजार में गिरावट की सबसे बड़ी वजह है. इससे इकोनॉमिक ग्रोथ सुसत पड़ने की आशंका है. UK और USA जैसे देशों में महंगाई 4 दशक के हाई पर है. इससे इक्विटी में जोरदार बिकवाली है. India में WPI इनफ्लेशन 17 साल के हाई पर है. RBI द्वारा आगे रेट कट की संभावनाएं हैं. हालांकि आजार की इस गिरावट में निवेशकों को सस्ते भाव पर मिल रहे अच्छे शेयरों को पोर्टफोलियो में शामिल करना चाहिए.

मई में 4000 अंक टूट चुका है सेंसेक्स

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मई की बात करें तो आज 19 तारीख तक सेंसेक्स में करीब 4000 अंकों की गिरावट आ चुकी है. 29 अप्रैल 2022 को सेंसेक्स 57061 के लेवल पर बंद हुआ था. वहीं आज के कारोबार में यह 53054 के लो तक पहुंच गया. यानी इसमें 4007 अंकों की कमजोरी आ चुकी है.

मई में निवेशकों को 16 लाख करोड़ का झटका

शेयर बाजार की गिरावट के चलते मई में निवेशकों को 16 लाख करोड़ का झटका लग चुका है.
29 अप्रैल को जब बाजार बंद हुआ था तो बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 2,66,97,882.22 करोड़ था. जबकि आज सुबह 10:30 बजे तक मार्केट कैप घटकर 2,50,96,555.12 करोड़ रह गया. यानी इसमें 16 लाख करोड़ के करीब गिरावट आई है. वहीं 18 मई से देखें तो एक झटके में निवेशकों के करीब 5 लाख करोड़ डूब गए हैं. 18 मई को बाजार बंद होने पर बीएसई लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 2,55,77,445.81 करोड़ था.

ग्लोबल बाजारों में भारी बिकवाली

बुधवार को अमेरिकी बाजार भारी गिरावट पर बंद हुए. Dow में 1165 अंकों की गिरावट रही और यह 31,490.07 के लेवल पर बंद हुआ. इंडेक्स में जून 2020 के बाद से सबसे बड़ी गिरावट रही है. S&P 500 इंडेक्स में 4.04 फीसदी कमजोरी रही. वहीं Nasdaq Composite में 4.73 फीसदी गिरावट रही और यह 11,418.15 के स्तर पर बंद हुआ.

आज के कारोबार में प्रमुख एशियाई बाजारों में भी भारी सेलआफ है. SGX Nifty में करीब 2 फीसदी कमजोरी है तो निक्केई 225 में 2.50 फीसदी से ज्यादा. स्ट्रेट टाइम्स, हैंगसेंग, ताइवान वेटेड, कोस्पी और शंघाई कंपाेजिट में भी बड़ी गिरावट दिख रही है.

ग्रोथ अनुमान में कटौती

वैश्विक रेटिंग एजेंसी S&P ने भारतीय इकोनॉमी की ग्रोथ अनुमान में कटौती की है. बढ़ती महंगाई और रूस-यूक्रेन के बीच चल रही लड़ाई के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ प्रभावित हो सकती है. S&P के मुताबिक भारत की GDP मौजूदा वित्त वर्ष 2022-23 में 7.3 फीसदी की दर से बढ़ सकती है. इससे पहले पिछले साल दिसंबर में रेटिंग एजेंसी ने 2022-23 के लिए भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान 7.8 फीसदी लगाया था. अगले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 6.5 फीसदी ग्रोथ का अनुमान लगाया गया है. वहीं Goldman Sachs ने चीन के GDP ग्रोथ अनुमान में 4 फीसदी कटौती की है.

FIIs द्वारा लगातार बिकवाली

FIIs लगातार बिकवाल बने हुए हैं. मई में अबतक उन्होंने बाजार से 37937 करोड़ रुपये निकाल लिए. वे लगातार 8वें महीने बिकवराली बने हुए हैं. वहीं रुपया भी अपने आलटाइम लो पर ट्रेड कर रहा है.

महंगाई और रेट हाइक

अमेरिका में महंगाई दर 4 दशक के हाई पर है. वहीं घरेलू स्तर पर भी महंगाई दर में इजाफा हो रहा है. इससे आने वाले दिनों में कंपनियों के मुनाफे पर असर पड़ सकता है, जिससे सीधे तौर पर अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी. वहीं महंगाई कंट्रोल में नहीं आती है तो ब्याज दरों के बढ़ने का सिलसिला आगे बढ़ सकता है. यूएस फेड की ओर से जल्द ही रेट हाइ​क के संकेत मिले हैं. वहीं एक्सपर्ट मान रहे हैं कि भारत में रेपो रेट जल्द ही 5.5 फीसदी के पार जा सकता है.

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