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As more and more promoters bought their companies' shares from the open market, Tata Group promoters were at the top of the list.
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Stock Market Investment Strategy: दुनियाभर के शेयर बाजार कोरोना वायरस के चलते इन दिनों बिकवाली के दौर में हैं. अमेरिकी बाजारों में 1987 के बाद सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली है. वहीं, घरेलू बाजार सहित सभी प्रमुख एशियाई बाजारों में गिरावट है. पिछले एक माह में ही सेंसेक्स में 9800 अंकों के करीब गिरावट आ चुकी है. वहीं, निफ्टी भी इस दौरान 2900 अंकों के करीब टूट चुका है. ब्रॉडर मार्केट की बात करें तो बीएसई 500 के 95 फीसदी से ज्यादा शेयरों में गिरावट आई है. इस गिरावट में निवेशकों के लाखों करोड़ डूब चुके हैं और उनमें डर बैठ गया है. एक्सपर्ट भी इसे नॉर्मल करेक्शन नहीं मान रहे हैं. हालांकि एक्सपर्ट का यह भी कहना है कि बाजार में पिछले दिनों इतनी ज्यादा गिरावट आ चुकी है कि सस्ते वैल्युएशन पर आ चुके कुछ मजबूत शेयरों में कमाई के नए मौके बने हैं.
ब्रोकरेज हाउस एमके ग्लोबल का कहना है कि बाजार में हालिया गिरावट के पीछे 2 बड़े कारण रहे हैं. सबसे बड़ा कारण है चीन से शुरू हुआ कोरोना वायरस संक्रमण. यह वायरस धीरे धीरे चीने से निकलकर दुनिया के 119 देशों में फैल गया. मुश्किल यह रहा कि जब चीन में इसके मामले कुछ कंट्रोल हुए तो दुनिया के कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों में संक्रमण बढ़ता गया. इसमें अमेरिका और यूरोप व एशिया के कई बड़े देश शामिल हैं.
दूसरा कारण रहा क्रूड पर प्राइस वार के चलते इसकी कीमतों में बड़ी गिरावट. क्रूड ग्लोबल इकोनॉमी में बड़ा रोल अदा करता है. लेकिन इन दिनों कोरोना के चलते दुनियाभर में जहां इसकी मांग घटी है, वहीं इसकी कीमतों में इतनी बड़ी गिरावट ने भी रही सही कसर पूरी कर दी. क्रूड अभी 30 डॉलर प्रति बैरल के आस पास ट्रेड कर रहा है. इसमें 1991 के गल्फ वार के बाद सबसे बड़ी गिरावट आई है.
कोरोना पर भारत की स्थिति
ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि कोरोना वायरस पर भारत की स्थिति कई मजबूत अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बेहतर है. भारत में जनवरी के अंत में कोरोना का पहला मरीज सामने आया था. लेकिन इसे भारत ने दूसरे देशोे के मुकाबले बेहतर ढंग से हैंडल किया है. अबतक भारत में कोरोना के 115 के करीब मामले आए हैं. जबकि 2 की डेथ हुई है. जबकि इतनी सघन आबादी वाले देश में इसका खतरा ज्यादा था. जबकि अमेरिका, इरान, फ्रांस और स्पेन जैसे देशों में कोरोना से ज्यादा नुकसान हुआ है. कह सकते हैं कि भारत सरकार ने इसे मजबूती से कंट्रोल किया है और यहां के बाजार के लिए कोरोना को लेकर चिंता दूसरे देशों से कम है. एक बार सेंटीमेंट सुधरने पर बाजार में अच्छी रिकवरी आएगी.
अच्छे वैल्युएशन पर मजबूत शेयर
बाजार की गिरावट में कई मजबूत फंडामेंटल वाले शेयर भी सस्ते वैल्युएशन पर आ गए हैं. मौजूदा करेक्शन नए सिरे से बाजार में निवेश के मौके भी लाया है. ब्रोकरेज ने ऐसे ही कुछ शेयरों का चुनाव किया है, जिनके फंडामेंटल के स्तर पर कोई दिक्कत नहीं है, वहीं वे गिरावट की वजह से सस्ते वैल्युएशन पर आ गए हैं. वे अपने 5 साल के प्राइस टु बुक रेश्यो से नीचे ट्रेड कर रहे हैं. इन शेयरों में इंडसइंड बैंक, एसीसी, आईटीसी, एक्साइड, एलएंडटी, अल्ट्राटेक, एनएमडीसी, इंडियन आयल, अशोक लेलैंड और एसबीआई शामिल हैं.