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रूस-यूक्रेन संकट: 4 दिनों में निवेशकों पर 10 लाख करोड़ की मार, मार्च में भी बिगड़ी रहेगी बाजार की चाल! क्या करें

जियो पॉलिटिकल टेंशन बढ़ने से निवेशक डरे हैं और बाजार से पैसे निकाल रहे हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि फरवरी के बाद मार्च में भी बाजार में वोलेटिलिटी रहने वाली है.

जियो पॉलिटिकल टेंशन बढ़ने से निवेशक डरे हैं और बाजार से पैसे निकाल रहे हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि फरवरी के बाद मार्च में भी बाजार में वोलेटिलिटी रहने वाली है.

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Sushil Tripathi
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रूस-यूक्रेन संकट: 4 दिनों में निवेशकों पर 10 लाख करोड़ की मार, मार्च में भी बिगड़ी रहेगी बाजार की चाल! क्या करें

रूस-यूक्रेन संकट ने दुनियाभर के बाजारों का हाल खराब किया है. (Image: Pixabay)

Stock Market Crash as Geo-Political Tension: रूस-यूक्रेन संकट ने दुनियाभर के बाजारों का हाल खराब किया है. जियो पॉलिटिकल टेंशन बढ़ने से निवेयाक डरे हें और बाजार से पैसे निकाल रहे हैं. घरेलू शेयर बाजार में भी लगातार दबाव बना हुआ है. आज यानी 22 फरवरी के शुरूआती कारोबार में सेंसेक्स 1250 अंकों के करीब टूट गया. वहीं निफ्टी भी 16950 के नीचे फिसल गया. 16 फरवरी को बाजार बढ़त पर बंद हुए थे. उसके बाद लगातार 4 करोबारी दिनों में दबाव देखने को मिला है और इन 4 दिनों में निवेशकों को करीब 10 लाख करोड़ का झटका लगा है. एक्सपर्ट का कहना है कि फरवरी के बाद मार्च में भी बाजार में वोलेटिलिटी रहने वाली है. रूस-यूक्रेन संकट के अलावा घरेलू स्तर पर 5 राज्यों के चुनाव परिणाम उतार चढ़ाव बढ़ाएंगे. ऐसे में शॉर्ट टर्म निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह है, जबकि लंबी अवधि के निवेशक गिरावट पर खरीदाराी करें.

निवेशकों को क्या करना चाहिए

Tradingo के फाउंडर पार्थ न्याती का कहना है कि रूस-यूक्रेन संकट (जियो पॉलिटिकल टेंशन) के चलते शेयर बाजार में भारी बिकवाली आई है. हम अभी मंथली F&O एक्सपायरी वीक में हैं, इसलिए अस्थिरता और ज्यादा बनी है. वहीं मार्च बहुत ही अस्थिर महीना होने जा रहा है क्योंकि जियो पॉलिटिकल टेंशन, राज्य चुनावों के परिणाम, यूएस फेड मीटिंग जैसी कई घटनाएं बाजार पर असर डालेंगी. ओवरआल ट्रेंड बुलिश है, लेकिन अगले महीने हाई वोलैटिलिटी देखने को मिल सकती है. इसलिए शार्ट टर्म ट्रेडर्स को सतर्क रहने की सलाह है. जबकि लंबी अवधि के निवेशक हैं तो इस बड़े करेक्शन को नए सिरे से निवेया के मौके के रूप में लेना चाहिए. उनका कहना है कि आगे के लिए कैपिटल गुड्स, इंफ्रास्ट्रक्चर, रियल एस्टेट, बैंकिंग, कंज्यूमर गुड्स और ऑटो एंसिलरीज स्पेस में कई बेहतरीन मौके हैं. निवेशकों को इन सेक्टर से मजबूत फंडामेंटल वाले स्टॉक पर पैसे लगाने चाहिए.

बाजार में बढ़ सकती है गिरावट

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पार्थ न्याती का कहना है कि टेक्निकली निफ्टी अभी अपने 200-DMA के पार बना हुआ है जो 16850 का लेवल है. अगर नीचे की ओर निफ्टी यह लेवल ब्रेक कर देता है तो बाजार में गिरावट बढ़ सकती है और इंडेक्स 16000/15500 के लेवल तक कमजोर हो सकता है. वहीं अपसाइड में निफ्टी के लिए 17300/17500 पर मजबूत रेजिस्टेंस है. इसके ब्रेक होने पर बाजार में पॉजिटिव मोमेंटम बन सकता है.

निवेशकों को बड़ा झटका

16 फरवरी के बरद से बाजार में आज लगातार चौथे दिन गिरावट है. 16 फरवरी को बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 2,62,18,594.97 करोड़ पर बंद हुआ था. जबकि आज की गिरावट में यह सुबह 2,52,11,194.66 करोड़ पर पहुंच गया. यानी 4 दिनों की ट्रेडिंग में करीब 10 लाख करोड़ की गिरावट बीएसई लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में आई है. वैसे इस साल के ज्यादातर दिनों में बाजार पर दबाव रहा है और 3 जनवरी के बाद से बीएसई लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में 17 लाख करोड़ से ज्यादा कमी आई है और यह 2,69,49,853.58 करोड़ से घटकर 2,52,11,194.66 करोड़ रह गया.

(Disclaimer: शेयर बाजार की चाल और सेक्टर में निवेश की सलाह एक्सपर्ट के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)

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