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बाजार का बिगड़ा मूड, 4 दिनों में निवेशकों के 7 लाख करोड़ साफ, बजट के बाद क्यों बढ़ रही है गिरावट

2 फरवरी के बाद से सेंसेक्स में करीब 2500 अंकों की गिरावट आई है. कई छोटे बड़े शेयरों में जमकर मुनाफावसूली देखी जा रही है. इस दौरान बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप करीब 7.5 लाख करोड़ रुपये घट गया.

2 फरवरी के बाद से सेंसेक्स में करीब 2500 अंकों की गिरावट आई है. कई छोटे बड़े शेयरों में जमकर मुनाफावसूली देखी जा रही है. इस दौरान बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप करीब 7.5 लाख करोड़ रुपये घट गया.

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Sushil Tripathi
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बाजार का बिगड़ा मूड, 4 दिनों में निवेशकों के 7 लाख करोड़ साफ, बजट के बाद क्यों बढ़ रही है गिरावट

2 फरवरी के बाद से सेंसेक्स में करीब 2500 अंकों की गिरावट आई है. (reuters)

Stock Market falling: शेयर बाजार में बिकवाली का दबाव जारी है. बजट डे और बजट के अगले दिन बाजार में तेजी रही थी, लेकिन उसके बाद आज बाजार में लगातार चौथे दिन कमजोरी नजर आ रही है. 2 फरवरी के बाद से सेंसेक्स में करीब 2500 अंकों की गिरावट आई है. कई छोटे बड़े शेयरों में जमकर मुनाफावसूली देखी जा रही है. इस दौरान 8 फरवरी को दोपहर 2:30 बजे तक बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप करीब 7 लाख करोड़ रुपये घट गया. हालांकि बजट में कई सेक्टर्स के लिए सरकार ने बड़े एलान किए थे, लेकिन ग्लोबल सेंटीमेंट बाजार पर भारी पड़ रहे हैं. कई ऐसे फैक्टर हैं, जो बाजार का मूड और माहौल खराब कर रहे हैं.

निवेशकों के 7.5 लाख करोड़ साफ

2 फरवरी को बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 2,70,64,905.75 करोड़ रुपये पर बंद हुआ था. 3 फरवरी को यह घटकर 2,68,49,256.04 करोड़ रुपये रह गया. वहीं 4 फरवरी को इसमें और कमी आई और यह 2,67,71,278.74 करोड़ रुपये हो गया. 7 फरवरी को यह घटकर 2,64,82,633.52 करोड़ और 8 फरवरी को दोपहर 2:30 बजे तक मार्केट कैपिटलाइजेशन घटकर 2,63,43,340.14 करोड़ रह गया. यानी 4 दिनों में इसमें करीब 7.5 लाख करोड़ रुपये की कमी आ गई. 4 दिन में सेंसेक्स 2500 अंक कमजोर हुआ. 2 फरवरी को यह 59558 पर बंद हुआ था, जो आज 57059 के लेवल तक कमजोर हुआ.

क्रूड में नहीं थम रही तेजी

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ब्रेंट क्रूड बाजार में उठापठक के पीछे सबसे मुख्य तौर पर जिम्मेदार है. ब्रेंट क्रूड हाल ही में 94 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. अभी यह 93 डॉलर के करीब ट्रेड कर रहा हिै. बीते 1 साल में इसमें 64 फीसदी की तेजी आ चुकी है. IIFL के VP-रिसर्च अनुज गुप्ता का कहना है कि रूस और यूक्रेन के बीच जियो पॉलिटिकल टेंशन क्रूड की कीमतों में और आगे लगा सकती है. टेंशन बढ़ी तो क्रूड 98 डॉलर से 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकता है.

FII के साथ साथ DII भी कर रहे हैं बिकवाली

सोमवार यानी 7 फरवरी के कारोबार में फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FIIs) ने बाजार में 1157.23 करोड़ रुपये की बिकवाली की. जबकि इस दौरान डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (DIIs) ने भी बाजार से 1,376.49 करोड़ रुपये निकाल लिए. FIIs ने जनवरी में इक्विटी से से 445 करोड़ डॉलर निकाले तो फरवरी में अबतक 117 करोड़ डॉलर निकाल चुके हैं. अक्टूबर से दिसंबर के बीच FIIs ने इक्विटी से 512 करोड़ डॉलर निकाले.

बॉन्ड यील्ड में तेजी, पॉलिटिकल अनिश्चितता

Swastika Investmart के रिसर्च हेड संतोष मीना का कहना है कि यूएस में 10 साल के बॉन्ड यील्ड में लगातार तेजी है. इसके चलते इक्विटी पर दबाव दिख रहा है. FIIs ने HDFC ट्विंस, ICICI बैंक, Infosys, Kotak बैंक और Reliance जैसे फेवरेट हैवीवेट शेयरों में भी बिकवाली की है. उनका कहना है कि बजट 2022 बाजार के लिहाज से बेहतर है और अर्निंग मोमेंटम भी बेहतर है. उसके बाद भी बाजार नर्वस है. 5 राज्यों में होने वाले चुनाव के चलते जो पॉलिटिकल अनिश्चितता बनी है, उसकी वजह से भी बाजार पर दबाव है.

सेंट्रल बैंकों का सख्त रुख

दुनियाभर के सेंट्रल बेंक आगे अपना रुख सख्त रखने के संकेत दे रहे हैं. यूएस फेड साल 2022 में 3 बार से ज्यादा ब्याज दरें बढ़ा सकता है. वहीं घरेलू स्तर पर देखें तो आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग शुरू हो गई है और इस बारे में 10 फरवरी को एलान किया जाएगा. इसे देखते हुए भी निवेशक सतर्क हैं. इस सबके अलावा महंगाई और कोविड 19 जैसी चिंताएं भी बाजार को प्रभावित कर रही हैं.

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