/financial-express-hindi/media/post_banners/hr0NCSKYXmCRKaNMCCiE.jpg)
Stock Investment: बाजार में हालिया रैली के बाद भी बहुत से अच्छे शेयर आकर्षक वैल्युएशन पर ट्रेड कर रहे हैं.
Stock Market Investment: स्टॉक मा​र्केट की हालिया रैली मजबूत रही है. बीते 1 साल में बाजार ने मजबूत रिटर्न दिया है. सेंसेक्स और निफ्टी दोनों इंडेक्स में करीब 22 फीसदी तेजी आई है और ये इंडेक्स अपने रिकार्ड हाई के कुछ ही पीछे हैं. इस दौरान रैली 2 पार्ट में रही है. एक जून 2022 से दिसंबर 2022 के बीच और दूसरा मार्च 2023 मिड से अबतक बाजार में आने वाली तेजी. फिलहाल आने वाले कुछ ट्रेडिंग सेशन में बाजार अपना नया पीक देख सकता है. इस रैली में लार्जकैप, मिडकैप और स्मालकैप यानी हर सेग्मेंट ने भाग लिया और बहुत से अच्छे शेयर हाई वैल्युएशन पर ट्रेड कर रहे हैं. इसके बाद भी बाजार में निवेश के कई अवसर हैं. एक्सपर्ट का मानना है कि खासतौर से फाइनेंशिसल सेक्टर में मजबूत ग्रोथ की संभावनाएं हैं.
लंबी अवधि के लिए हमेशा हैं मौके
पीजीआईएम इंडिया म्यूचुअल फंड के सीआईओ, विनय पहारिया का कहना है कि जिन निवेशकों का लक्ष्य लंबी अवधि का है, उनके लिए बाजार में कई मौके इंतजार कर रहे हैं. हाई रिटर्न आन इक्विटी (RoE) के साथ-साथ मजबूत और स्टेबल रहने वाली अर्निंग ग्रोथ एक सफल लॉन्ग टर्म कंपाउंडिंग का राज है. स्टॉक की कीमतें लंबी अवधि में उनके फेयर वैल्यू को ट्रैक करती हैं. शॉर्ट टर्म में, इनमें फेयर वैल्यू के आसपास उतार-चढ़ाव दिखता है.
क्या है बाजार का मौजूदा ट्रेंड
पहारिया का कहना है कि बाजार मौजूदा फेयर वैल्यू से स्मॉल प्रीमियम पर कारोबार करता दिख रहा है. इसके अलावा, अनुमानित आर्थिक मंदी के कारण निकट अवधि में अर्निंग पर दबाव रहने की संभावना है. मंदी की संभावना इन वजहों से है: a) विकसित बाजारों में स्लोडाउन b) ब्याज दरों में बढ़ोतरी और c) महामारी के दौर में डिमांड में जो कमी बनी हुई थी, वह पूरी तरह से रिकवर नहीं हुई है.
उनका कहना है कि हालांकि, फेयर वैल्यू में मिड से लॉन्ग टर्म की ग्रोथ मजबूत होने की संभावना है. इसलिए, 3 से 5 साल का निवेश लक्ष्य लेकर चल रहे इक्विटी निवेशक के लिए बाजार में वर्तमान संभावित उछाल रीजनेबल दिख रहा है.
कई शेयर अभी भी अनवैल्यूड
उनका कहना है कि बाजार में ऐसे कई शेयर हैं, जिनमें उनकी क्षमता के हिसाब से तेजी नहीं आ पाई है. ऐसे में अभी GARP आधिरित निवेश पर फोकस किया जा सकता है. यह निवेश का एक ऐसा सिद्धांत है, जो ग्रोथ और वैल्यू दोनों को मिलाता है. इसके तहत उन कंपनियों की तलाश की जाती है, जिनकी मौजूदा मार्केट प्राइस उनके इंटरनल प्राइस से कम होती है. यानी एक निवेशक के रूप में, किसी को एक ऐसे ग्रोथ स्टॉक की पहचान करनी चाहिए जो अंडरवैल्यूड हो और फिर जब आय सही साबित हो तो कीमत बढ़ा दें.
इन सेक्टर पर हैं बुलिश
Consumer: डिस्क्रेशनरी और ग्रॉसरी रिटेल, क्विक सर्विस रेस्टोरेंट (QSR) और लग्जरी प्रोडक्ट्स वाली कंपनियों में ग्रोथ की उम्मीद है.
Financial: पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड और मोर्तगेजेज जैसे सब सेगमेंट में रिटेल कंज्यूमर फाइनेंस में मजबूत ग्रोथ की उम्मीद है. कई अन्य एंसीलरी फाइनेंशियल सर्विसेज हैं, जैसे कैपिटल मार्केट, वेल्थ मैनेजर्स, जिन्हें इस ट्रेंड का फायदा मिलेगा.
Healthcare: जैसे जैसे इकोनॉमी बढ़ रही है, प्रति व्यक्ति आय का एक बड़ा हिस्सा कंज्यूमर्स द्वारा हेल्थकेयर पर खर्च किया जाता है. इस सेक्टर में अस्पतालों और CRAMS (कॉन्ट्रैक्ट रिसर्च एंड मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज) स्पेस में कई कंपनियों का आउटलुक बेहतर दिख रहा है.
(Disclaimer: यहां स्टॉक मार्केट में निवेश की सलाह एक्सपर्ट के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)