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आर्थिक सुस्ती के बाद भी रिकॉर्ड वैल्युएशन पर शेयर बाजार, क्या खतरे का है संकेत? निवेशक क्या करें

Stock Market on Record Valuation: देश की अर्थव्यवस्था में ऐतिहासिक गिरावट के बाद भी शेयर बाजार में रैली पिछले कुछ महीनों से बनी हुई है.

Stock Market on Record Valuation: देश की अर्थव्यवस्था में ऐतिहासिक गिरावट के बाद भी शेयर बाजार में रैली पिछले कुछ महीनों से बनी हुई है.

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FE Online
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Stock Market on Record Valuation

With the Union Budget around the corner, volatility is expected to move higher with equity markets moving within a range.

Stock Market on Record Valuation: साल 2021 शुरू होने के पहले कुछ ग्‍लोबल ब्रोकरेज हाउस और एजेंसियों ने अनुमान जताया था कि इस साल के अंत तक सेंसेक्‍स 50 हजार और निफ्टी 15000 का स्‍तर पार कर जाएंगे. लेकिन साल के पहले महीने में ही दोनों ही इंडेक्‍स इस स्‍तर तक पहुंचते दिख रहे हैं. सेंसेक्‍स ने 13 जनवरी के कारोबार में 49795 का स्‍तर टच किया था तो निफ्टी ने भी 14600 का स्‍तर पार किया था. देश की अर्थव्‍यवस्‍था में ऐतिहासिक गिरावट के बाद भी बाजार की यह रैली पिछले कुछ महीनों से बनी हुई है. ब्‍लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक आर्थिक सुस्‍ती के बाद भी शेयर बाजार का हाई वैल्‍युएशन खतरे ‍की घंटी है. वैसे एक्‍सपर्ट भी मौजूदा बाजार में निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं.

मार्च के लो से सेंसेक्‍स 25000 अंक मजबूत

बाजार की तेजी का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि साल 2020 में दोनों प्रमुख इंडेक्‍स में 15 फीसदी से ज्‍यादा ग्रोथ रही थी. वहीं इस साल भी जनवरी में अबतक बाजार से 4 फीसदी रिटर्न मिल चुका है. लॉर्जकैप के अलावा मिड और स्मॉलकैप शेयरों में भी जोरदार तेजी रही है. मार्च के लो से बात करें तो गुरूवार तक सेंसेक्‍स में 25000 से ज्‍यादा अंकों की तेजी आ चुकी है. बजट 2021 के पहले ही सेंसेक्स के 50 हजार के करीब पहुंचने से निवेशक भी इस रैली को लेकर सतर्क हैं.

एक निगेटिव ट्रिगर ला सकता है करेक्‍शन

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रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के VP- रिसर्च अजीत मिश्रा का कहना है कि निवेशकों को मौजूदा दौर में ज्‍यादा सतर्क रहने की सलाह है. उन्‍हें सिर्फ सावधानी से क्‍वालिटी शेयरों का सेलेक्‍शन करते हुए रिस्‍क मैनेजमेंट पर फोकस करना चाहिए. उनका कहना है कि शार्ट टर्म में या अर्निंग सीजन के दौरान बाजार में वोलैटिलिटी देखने को मिल सकती है. हालांकि बाजार में अगर कुछ करेक्‍शन आता है तो यह आगे के लिए बेहतर होगा.

वहीं, फॉर्चून फिस्‍क्‍ल के डायरेक्‍टर जगदीश ठक्‍क्‍र का कहना है कि यह बात सही है कि बाजार ओवरबॉट की स्थिति में है. असल में पिछले दिनों अर्थव्‍यवस्‍था में तेजी से रिकवरी की उम्‍मीद, बाजार में रिकॉर्ड विदेशी निवेश और मजबूत कॉरपोरेट अर्निंग के अनुमानों की वजह से बाजार में जोरदार तेजी आई है. फिलहाल अभी बाजार के लिए कोई खास निगेटिव ट्रिगर नहीं है. लेकिन अर्निंग या बजट में अगर ऐसा कोई ट्रिगर आता है तो बाजार में एक करेक्‍शन से इनकार नहीं किया जा सकता है.

एंजेल ब्रोकिंग के चीफ एनालिस्‍ट समीत चावन का कहना है कि निवेशकों को आगे हायर वोलैटिलिटी के लिए तैयार रहना चाहिए. मौजूदा वेल्‍युएशन पर राइड करना इतना आसान नहीं होगा. उनका कहना है कि आगे बाजार के लिए 14430 का स्‍तर बेहद अहम है. अगर यह नीचे की ओर टूटता है तो बाजार में कमजोरी और बढ़ सकती है. उनका कहना है कि पिछले 2 से 3 दिनों में कई शेयरों में उपरी स्‍तरों से बिकवाली देखी गई है.

बजट पर रहेंगी निगाहें

ब्‍लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, नोमुरा के विश्लेषक सायन मुखर्जी का कहना है कि स्थिर मांग सबसे अहम है. उसके ऊपर महंगाई तेजी से बढ़ रही है, जिसे काबू कम करने पर लिक्विडिटी प्रभावित हो सकती है. ब्लूमबर्ग के अनुसार अगले 12 महीनों तक सेंसेक्स में स्थिरता दिख सकती है. हालांकि, इस दौरान बीएसई 500 इंडेक्स और सेंसेक्स की प्रति शेयर आय में 39 फीसदी और 17 फीसदी तक का इजाफा हो सकता है.

रिपोर्ट के अनुसार कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट के मैनेजिंग डायरेक्‍टर निलेश शाह के अनुसार इंटरेस्‍ट रेट कम होने और लिक्विडिटी बढने से इक्विटी मार्केट को सपोर्ट मिला है. लेकिन आगे रिवर्स डायरेक्‍शन भी दिख सकता है. आदित्‍य बिरला सनलाइफ एसेट मैनेजमेंट कंपनी के सीआईओ फॉर इक्विटी महेश पाटिल का कहना है कि महंगाई के अलावा एनुअल बजट में फिस्‍कल स्टिमुलस को लेकर एक हल्‍की निराशा भी बाजार सेंटीमेंट को हर्ट कर सकती है.

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