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Stock Market Outlook: बीते हफ्ते शेयर बाजार में कोरोना वायरस को लेकर दहशत दिखी है.
Stock Market Eyes on Covid-19: बीते हफ्ते शेयर बाजार में कोरोना वायरस को लेकर दहशत दिखी है. चीन में कोरोना के बढ़ रहे मामलों और भारत में भी नए वेरिएंट के कुछ मामलों की पुष्टि के बाद बाजार पूरी तरह से सतर्क रहा. निवेशकों ने भी जमकर बिकवाली. अब अगले हफ्ते भी बाजार की नजरें कोविड 19 पर ही रहेंगी. चीन में कोविड की स्थिति, ग्लोबल सेंटीमेंट से ही अगले हफ्ते बाजारों का डायरेक्शन तय होगा. फिलहाल निफ्टी के लिए 17700 का लेवल बेहद अहम होगा. इसके ब्रेक होने पर बाजार में गिरावट बढ़ सकती है.
क्या कहना है एक्सपर्ट का
IIFL, VP- रिसर्च, अनुज गुप्ता का कहना है कि पिछले हफ्ते इक्विटी बाजार में बिकवाली रही जो कि कोविड की चिंताओं के चलते हुआ. आम तौर पर भी साल के अंत में फंड हाउस द्वारा बुक क्लोजर देखने को मिलता है, जिससे प्रॉफिट बुकिंग रही. उनका कहना है कि शेयर बाजार में गिरावट एक मुनाफा वसूली लग रही है क्योंकि इंडेक्स ओवरबॉट जोन में ट्रेड कर रहे थे.
पिछले हफ्ते निफ्टी में 2.53 फीसदी की गिरावट आई और यह 17806 के स्तर पर बंद हुआ. बैंक निफ्टी 3.59 फीसदी की गिरावट के साथ 41668 के स्तर पर बंद हुआ. आरएसआई तकनीकी संकेतकों पर रीडिंग के रूप में दोनों इंडेक्स अब ओवरसोल्ड जोन में हैं. दूसरी ओर कच्चे तेल की कीमतें और अमेरिकी डॉलर कमजोर हो गए हैं जो भारत और अन्य उभरते बाजारों के लिए भी एक अच्छा संकेत है.
निफ्टी को 17700 पर अहम सपोर्ट
अनुज गुप्ता का कहना है कि हम अगले हफ्ते या नए साल में इंडेक्स में रिकवरी देख सकते हैं. निफ्टी को 17700 और फिर 17500 के स्तर पर सपोर्ट है. यह लेवल नीचे की ओर टूटा तो गिरावट बढ़ सकती है. वहीं निफ्टी को 18200 पर और फिर 18500 के लेवल पर रेजिस्टेंस है. बैंक निफ्टी को 41000 और फिर 40400 के स्तर पर सपोर्ट है तो 42200 और फिर 43000 के स्तर पर रेजिस्टेंस.
मंदी की आशंका से भी बाजारों पर असर
कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के इक्विटी रिसर्च (रिटेल) हेड श्रीकांत चौहान का कहना है कि 'चीन में कोविड संक्रमण में बढ़ोतरी और मंदी की आशंका से वैश्विक इक्विटी बाजार प्रभावित होंगे. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने का अनुमान है, क्योंकि निवेशक चीन में कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर नजर रख रहे हैं.
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वीपी (रिसर्च) अजीत मिश्रा का कहना है कि दिसंबर महीने के अनुबंधों की निर्धारित डेरिवेटिव समाप्ति पार्टिसिपेंट को व्यस्त रखेगी. इसके अलावा कोविड संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी से अस्थिरता बढ़ेगी. अगले सप्ताह रुपये की चाल, ब्रेंट क्रूड तेल और विदेशी निवेशकों के रुख पर भी निवेशकों की नजर रहेगी.