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Why Indian share market surged today: भारतीय शेयर बाजार में बुधवार को अच्छी-खासी तेजी देखने को मिली. क्या हैं इस तेजी की 5 बड़ी वजहें? (Representative Image : Pixabay)
Why Indian share market surged today, 5 reasons: भारतीय शेयर बाजार में बुधवार को कारोबार शुरू होने से लेकर बंद होने तक, तेजी का ही माहौल रहा. सेंसेक्स और निफ्टी दोनों 1 फीसदी से ज्यादा बढ़त के साथ बंद हुए. स्टॉक मार्केट में चौतरफा तेजी का आलम ये रहा कि सेंसेक्स के 30 में से 28 शेयर बढ़त के साथ बंद हुए. आखिर क्या है इस तेजी की वजह?
1. अमेरिका की महंगाई दर में गिरावट
सुबह बाजार खुलने के समय से ही देखी गई इस तेजी की एक बड़ी वजह अमेरिका की महंगाई दर के ताजा आंकड़े हैं. अमेरिका में मंगलवार यानी बीती रात को जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर में कंज्यूमर प्राइस पर आधारित इंफ्लेशन की दर 3.2 फीसदी रही, जो सितंबर में 3.7 फीसदी रही थी. इंफ्लेशन का यह आंकड़ा एक्सपर्ट्स की उम्मीद से बेहतर था. जानकारों ने अक्टूबर में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स में 3.3 फीसदी इजाफा होने की उम्मीद जाहिर की थी. चार महीने बाद महंगाई दर के आंकड़ों आई इस नरमी की वजह से ब्याज दरों में नरमी आने की उम्मीद की जा रही है, जिसके कारण अमेरिकी बाजारों में भी तेजी दर्ज की गई. इसके अलावा ब्रिटेन में भी अक्टूबर के महीने में इंफ्लेशन की दर गिरकर 4.6 हो गई, जो 2 साल का सबसे निचला स्तर है. इसे भी निवेशकों ने पॉजिटिव ढंग से लिया है. सितंबर में ब्रिटेन की महंगाई दर 6.7 फीसदी रही थी.
2. डॉलर इंडेक्स नीचे आया
अमेरिकी डॉलर इंडेक्स (US dollar index) में गिरावट भी भारतीय शेयर बाजार में तेजी की प्रमुख वजह मानी जा रही है. डॉलर इंडेक्स 105 से नीचे आ गया है, जो पिछले 10 हफ्तों में उसका सबसे निचला स्तर है. दरअसल, डॉलर इंडेक्स में आई इस गिरावट के लिए भी अक्टूबर के इंफ्लेशन डेटा को कारण माना जा रहा है. बुधवार की शाम 4 बजे के आसपास डॉलर इंडेक्स 104.23 पर चल रहा था.
3. यूएस ट्रेजरी यील्ड में कमी
अमेरिका की खुदरा महंगाई दर में गिरावट आने की खबरों से ब्याज दरों में नरमी की उम्मीदों को मजबूती मिली, जिसका असर यूएस ट्रेजरी यील्ड (US treasury yield) पर भी पड़ा. इंफ्लेशन रिपोर्ट आने के बाद इसमें तेज गिरावट आई और दो साल के ट्रेजरी यील्ड की दर 21 बेसिस प्वाइंट घटकर 4.832% रह गई. इसी तरह 10 साल के ट्रेजरी यील्ड की दर 18 बेसिस प्वाइंट गिरकर 4.455% पर आ गई. अमेरिका के ट्रेजरी यील्ड में गिरावट के कारण भारतीय बाजार अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए पहले से ज्यादा आकर्षक हो गए, जिसका असर शेयरों की कीमतों पर साफ नजर आया.
4. भारतीय कंपनियों का बेहतर प्रदर्शन
प्रमुख भारतीय कंपनियों के तिमाही नतीजे आम तौर पर अच्छे रहे हैं. हमारे शेयर बाजार में आई तेजी में अंतरराष्ट्रीय वजहों के साथ ही साथ इस घरेलू कारण का भी बड़ा योगदान रहा है. ऑटो सेक्टर की बिक्री के आंकड़े भी भारतीय कंपनियों के बेहतर प्रदर्शन की गवाही दे रहे हैं. इससे निवेशकों का भारतीय शेयर बाजार में भरोसा बढ़ा है.
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5. भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती
कोविड महामारी से लेकर पहले रूस-यूक्रेन युद्ध और अब इजरायल-हमास की जंग तक, तमाम अंतरराष्ट्रीय उतार-चढ़ावों और संकटों के बीच भी भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार अपनी मजबूती का प्रदर्शन करती रही है. यही वजह है कि कोई भी पॉजिटिव ट्रिगर मिलते ही निवेशकों में भारतीय शेयर बाजार में पैसे लगाने का उत्साह नजर आने लगता है.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने बुधवार को भारतीय बाजार की तेजी का विश्लेषण करते हुए कहा कि "अमेरिका और ब्रिटेन में इंफ्लेशन के उम्मीद से बेहतर आंकड़े भारतीय बाजार में आई तेजी की बड़ी वजह हैं. इसकी वजह से बॉन्ड यील्ड में भी नरमी आई है, जिससे पता चलता है कि बाजार में इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी का साइकल खत्म होने की उम्मीद की जा रही है. इसके चलते इमर्जिंग मार्केट्स में FII का निवेश बढ़ने के आसार हैं, जो भारत के लिए अच्छा संकेत है. खास तौर पर मौजूदा अर्निंग सीजन के बेहतर आंकड़ों और फेस्टिव डिमांड में तेजी को ध्यान में रखते हुए ये काफी पॉजिटिव संकेत है. भारत के कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) में गिरावट ने बाजार के मूड को और भी बेहतर बनाने का काम किया है. बाजार में आया यह उछाल काफी ब्रॉड बेस्ड रहा है, जिसकी अगुवाई आईटी, रियल्टी, ऑयल एंड गैस, मेटल और ऑटो शेयरों ने की है."