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During intra-day, the rupee appreciated 26 paise to 71.43 per US dollar.
Stock Market Update In Hindi: यूएस और ईरान के बीच बढ़ते टेंशन के बीच दुनियाभर के बाजारों में जमकर बिकवाली देखी जा रही है. इस बीच घरेलू शेयर बाजार में पूरे दिन दबाव रहने के बाद बड़ी गिरावट दर्ज हुई है. कारोबार के अंत में सेंसेक्स 788 अंक टूटकर 40,676.63 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी भी 234 अंकों की गिरावट के साथ 11,993.05 के स्तर पर बंद हुआ. निफ्टी में आज 6 महीने की सबसे बड़ी इंट्रा-डे गिरावट रही. मिडकैप भी 387 अंक गिरकर 16,905 पर बंद हुआ है. मध्य एशिया में तनाव के चलते क्रूड ने आज 70 डॉलर प्रति बैरल का का स्तर पार किया. वहीं इसमें बढ़ोत्तरी की आशंका है, जिससे बाजार का मूड बिगड़ गया. बैंक शेयरों में आज सबसे ज्यादा बिकवाली देखी गई. इसके पहले शुक्रवार को भी बाजार गिरावट पर बंद हुआ था. बाजार में बिकवाली के चलते आज 1 दिन में निवेशकों के करीब 3 लाख करोड़ डूब गए.
आज के कारोबार में निफ्टी पर सभी प्रमुख 11 इंडेक्स में गिरावट देखी गई. पीएसयू बैंक इंडेक्स 4 फीसदी से ज्यादा टूटा. वहीं, प्राइवेट बैंक इंडेक्स में 2 फीसदी से ज्यादा गिरावट दर्ज हुई. निफ्टी बैंक में 2.59 फीसदी गिरावट रही और यह 31,237.15 के स्तर पर बंद हुआ. मेटल इंडेक्स में करीब 3 फीसदी गिरावट रही तो आटो और रियल्टी में 2 फीसदी से ज्यादा गिरावट दर्ज हुई. सेंसेक्स 30 के 28 शेयर लाल निशान में बंद हुए हैं. बजाज फाइनेंस और एसबीआई का शेयर 4 फीसदी से ज्यादा टूटा. इंडसइंड बैंक में 4 फीसदी, वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज में 2.33 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई. टाइटन और पावरग्रिड ही हरे निशान में बंद हुए.
बैंक शेयरों में जमकर बिकवाली
सेंसेक्स 30 के 28 शेयरों में गिरावट
78 डॉलर तक जा सकता है क्रूड
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि यूएस द्वारा ईरान पर हवाई हमले के बाद से मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ रहा है. ईरान की ओर से कुछ जवाबी एक्शन हुए हैं. आगे कुछ और भी एक्शन देखने को मिल सकता है. ऐसा हुआ तो ईरान की ओर से इंटरनेशनल लेवल पर क्रूड की सप्लाई बाधित हो सकती है. वहीं, टेंशन इसी तरह से जारी रहा तो मध्य एशिया के दूसरे देशों पर भी इसका असर आने से इनकार नहीं किया जा सकता है. जहां तक क्रूड की बात है 2019 में क्रूड की कीमतें इंटरनेशनल स्तर पर बैलेंस रही हैं. इस साल अबतक यह 6 फीसदी से ज्यादा महंगा हो चुका है. जियोपॉलिटिकल टेंशन जारी रहा तो क्रूड अगले 2 से 3 महीनों में वापस 78 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकता है, जो सितंबर लेवल 2018 में देखा गया था. क्रूड में तेजी से रुपये में गिरावट बढ़ेगी. इक्विटी मार्केट पर भी दबाव रहेगा.
गोल्ड में बढ़ा निवेश
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट, कमोडिटी एंड करंसी अनुज गुप्ता का कहना है कि जब भी जियोपॉलिटिकल टेंशन बढ़ती है, दुनियाभर के इक्विटी बाजारों में दबाव देखा जाता है. ऐसे में निवेशकों को सुरक्षित निवेश की तलाश रहती है. इसी वजह से पिछले 2 दिनों में सोने में जमकर निवेश दिखा और यह पहली बार 41 हजार का स्तर पार कर गया. जियोपॉलिटिकल टेंशन बढ़ने की स्थिति में सोना निवेश के लिहाज से सेफ हैवन माना जाता है. अगर मध्य एशिया में तनाव इसी तरह से जारी रहा तो शॉर्ट टर्म में ही सोना 43000 प्रति 10 ग्राम का स्तर दिखा सकता है. पहले यह लक्ष्य अगली दिवाली तक का था. मौजूदा भाव 39960 के लिहाज से देखें तो अभी सोने में निवेश करने पर करीब 2000 रुपये प्रति 10 ग्राम का फायदा 2 महीनों में मिल सकता है.