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ईवी के बढ़ते चलन से रिलायंस, टाटा मोटर्स व हिंडालको जैसी कंपनियों के शेयरों में उछाल से आने वाले समय में शानदार रिटर्न हासिल कर सकते हैं. (File Photo)
Stock Tips: आने वाला दौर इलेक्ट्रिक गाड़ियों (EVs) का है और इसे लेकर दुनिया भर की कई सरकारों ने गाइडलाइंस भी बनाने शुरू कर दिए हैं. कुछ देशों में वर्ष 2030 तक यानी अगले आठ वर्षों में सिर्फ ईवी की बिक्री का प्रावधान किया है यानी 2030 के बाद इन देशों में पेट्रोल और डीजल गाड़ियों की बिक्री नहीं होगी. भारत में भी केंद्र व राज्य सरकारें भी सब्सिडी के जरिए इसे प्रोत्साहित कर रही है. इलेक्ट्रिक गाड़ियों के बढ़ते चलन का फायदा निवेशक भी उठा सकते हैं और रिलायंस, टाटा मोटर्स व हिंडालको जैसी कंपनियों के शेयरों में उछाल से आने वाले समय में शानदार रिटर्न हासिल कर सकते हैं. ईवी में बढ़ते निवेश और सरकार समर्थित योजनाओं के दम पर भारत में ईवी का चलन बढ़ने की उम्मीद है.
Tata Motors
राइटर्स की खबर के मुताबिक टाटा ग्रुप की ऑटो सेक्टर की दिग्गज कंपनी टाटा मोटर्स ने पिछले साल अक्टूबर 2021 में कहा था कि वह इलेक्ट्रिक वेहिकल कारोबार में अगले पांच वर्षों में 200 करोड़ डॉलर (14784.50 करोड़ रुपये) से अधिक का निवेश करेगी. टाटा मोटर्स देश में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री करने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी है. अभी यह नेक्सॉन और टिगोर जैसी ईवी की बिक्री करती है और कंपनी का कहना है कि वर्ष 2025 तक 10 नए इलेक्ट्रिक मॉडल लॉन्च करने की तैयारी में है. एनएसई पर टाटा मोटर्स के भाव 512.55 रुपये प्रति शेयर हैं.
Indian Oil
पिछले साल नवंबर 2021 में न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में इंडियन ऑयल के चेयरमैन एसएम वैद्य ने अगले तीन वर्षों में देश भर में करीब 10 हजार इलेक्ट्रिक वेहिकल चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की बात कही थी. वैद्य ने कहा था कि इसमें से 2 हजार ईवी चार्जिंग स्टेशन एक साल के भीतर स्थापित किए जाएंगे. एनएसई पर इंडियन ऑयल के भाव 121.50 रुपये प्रति शेयर हैं.
Reliance
मार्केट पूंजी के मामले में देश की सबसे बड़ी कंपनी मूल रूप से ऑयल-टू-केमिकल कंपनी है लेकिन यह अपने पोर्टफोलियो का विस्तार कर रही है. कंपनी तेजी से क्लीन एनर्जी पोर्टफोलियो को बढ़ा रही है. पिछले साल के आखिरी महीने दिसंबर में कंपनी की सोलर इकाई रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर लिमिटेड ने ब्रिटेन की बैट्री बनाने वाली कंपनी फैराडियन (Faradion) के अधिग्रहण का ऐलान किया था. फैराडियन के पास सोडियम आयन बैटरी तकनीक का पेटेंट है जो अन्य बैटरी तकनीक से बेहतर है, खासतौर से लीथियम ऑयन और लेड-एसिड तकनीक के मुकाबले. इस तकनीक का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इसमें कोबाल्ट, लीथियम, कॉपर और ग्रेफाइट पर निर्भर नहीं होना पड़ता है. इसमें इस्तेमाल होने वाला सोडियम धरती पर मौजूद मिनरल्स में छठा सबसे अधिक उपलब्धता वाला तत्व है. रिलायंस के भाव एनएसई पर 2536.25 रुपये प्रति शेयर हैं.
Hindalco
गाड़ियों में अब स्टील की बजाय एलुमिनियम का प्रयोग बढ़ रहा है जिसके चलते एलुमिनियम का कारोबार कर रही कंपनी में निवेश से मुनाफा कमा सकते हैं. ब्रोकरेज फर्म जेफरीज के टॉप मेटल पिक की बात करें तो जेफरीज ने हिंडालको पर भरोसा जताया है क्योंकि एनालिस्ट्स नोवलीज के डाउनस्ट्रीम बिजनस को लेकर पॉजिटिव हैं और स्टील से अधिक एलुमिनियम पर अधिक भरोसा रहे हैं. नोवेलीज हिंडालको की 100 फीसदी डाउनस्ट्रीम सब्सिडियरी है जिसकी हिंडालको के ईबीआईटीडीए में 55-60 फीसदी हिस्सेदारी है. एनएसई पर हिंडालको के भाव 506.10 रुपये प्रति शेयर हैं.
Ashok Leyland
राइटर्स की खबर के मुताबिक अशोक लीलैंड की ब्रिटिश इकाई स्विच मोबिलिटी ने पिछले साल नवंबर में बंगलूरु की पब्लिक ट्रांसपोर्ट एजेंसी को 300 इलेक्ट्रिक बसों उपलब्ध कराने का सौदा किया था. कंपनी ने ही देश का पहला इलेक्ट्रिक बस बनाया और आने वाले समय में इस ईवी बसों को लेकर कंपनी का कारोबार बढ़ सकता है. एनएसई पर अशोक लीलैंड के भाव 137.70 रुपये प्रति शेयर हैं.
Graphite India
इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग बढ़ने पर इसकी बैटरी में इस्तेमाल होने वाले ग्रेफाइट की भी मांग में इजाफा होगा. भारत में क्षमता के हिसाब से ग्रेफाइट बनाने वाली दिग्गज कंपनी ग्रेफाइट इंडिया के भारत में छह और जर्मनी के न्यूमेरबर्ग में एक प्लांट हैं. ईवी बनाने वाली कंपनियां फास्ट चार्जिंग और बैटरी की लंबी आयु को लेकर सिंथेटिक ग्रेफाइट को प्रमुखता देती है. ईवी कंपनियां का टारगेट 10 साल तक चलने वाली बैटरी तैयार करना होता है और इसके लिए सिंथेटिक बैटरी नेचुरल से बेहतर पड़ती है. एनएसई पर ग्रेफाइट इंडिया के भाव 553.25 रुपये प्रति शेयर हैं.