/financial-express-hindi/media/post_banners/qaXdaYfmAPaln7wOUhEt.jpg)
निवेशक टीसीएस और पीरामल एंटरप्राइजेज में निवेश कर शानदार मुनाफा कमा सकते हैं.
Stock Tips: बाजार में पिछले कुछ दिनों से उतार-चढ़ाव बना हुआ है. हालांकि इंडिविजुअल स्टॉक्स की बात करें तो टीसीएस के सितंबर 2021 तिमाही के वित्तीय नतीजों के ऐलान के बाद इसके भाव में एक कारोबारी दिन पहले गिरावट आई. हालांकि मार्केट एनालिस्ट्स का मानना है कि टीसीएस में खरीदारी का यह मौका है क्योंकि इसमें ग्रोथ की संभावना बेहतर है. वहीं पीरामल एंटरप्राइजेज में भी निवेश का सुनहरा मौका दिख रहा है क्योंकि डीएचएफएल के अधिग्रहण के बाद इसने अपने कारोबार के डी-मर्जर का ऐलान किया है जिसे बोर्ड से मंजूरी भी मिल चुकी है.
TCS
- चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर 2021 में टीसीएस के रेवेन्यू में अनुमान के मुताबिक ही बढ़ोतरी रही लेकिन डॉलर के रूप में देखें तो यह उम्मीद के विपरीत रहा. पिछली तिमाही में आईटी कंपनी का रेवेन्यू तिमाही आधार पर 4 फीसीदी बढ़ा. हालांकि डॉलर के रूप में तिमााही आधार पर 3.7 फीसदी की रेवेन्यू ग्रोथ का अनुमान था लेकिन हुआ महज 2.9 फीसदी ही. कंपन का ईबीआईटी मार्जिन भी तिमाही आधार पर 0.1 फीसदी बढ़कर 25.6 फीसदी हो गया लेकिन सप्लाई से जुड़ी चिंता के चलते यह 26.2 फीसदी के अनुमान को हासिल न कर सका. सितंबर 2021 तिमाही में कंपनी का शुद्ध मुनाफा (प्रॉफिट आफ्टर टैक्स) तिमाही आधार पर 6.9 फीसदी बढ़कर 9700 करोड़ रुपये का हो गया.
- सिंतबर तिमाही में टीसीएस ने 760 करोड़ डॉलर के सौदे जीते जोकि जून तिमाही के मुकाबले 6 फीसदी कम रहा. मेगाा डील को छोड़ दें तो सौदे हासिल करने में कंपनी का प्रदर्शन बेहतर रहा है. वित्त वर्ष 2021 की दूसरी तिमाही में एक मेगा डील को छोड़ दिया जाए तो कंपनी को सितंबर 2021 तिमाही में 25 फीसदी अधिक मूल्य के सौदे हासिल हुए.
- डिमांड में बढ़ोतरी की भरपूर संभावना है क्योंकि तकनीक का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है. इसके अलावा क्लाउड एडॉप्शन भी अभी शुरुआती दौर में ही है क्योंकि महज 20-30 फीसदी ही वर्कलोड क्लाउड की तरफ जा पाए हैं.
- कंपनी के मैनेजमेंट के मुताबिक सप्लाई से जुड़ी जो दिक्कतें हैं, वे अगले 2-3 तिमाही तक बनी रह सकती हैं. हालांकि मीडियम टर्म में वर्तमान चुनौतियां के सामान्य होने की उम्मीद की जा सकती है.
- ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल के मुताबिक टीसीएस के ग्रोथ की मजबूत संभावना है. हालांकि दूसरी तिमाही में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन ना होने और सॉफ्ट मार्जिन आउटलुक के चलते कंपनी के शेयरों में नियर टर्म में दबाव दिख सकता है. ब्रोकरेज फर्म ने कंपनी के प्रति शेयर आय के अपने आकलन में वित्त वर्ष 2022 के लिए 2 फीसदी और वित्त वर्ष 2023 के लिए 4 फीसदी की कटौती की है. ब्रोकेरज फर्म ने इसकी न्यूट्रल रेटिंग को बरकरार रखते हुए टारगेट प्राइस 3770 रुपये प्रति शेयर पर तय किया है.
Piramal Enterprises
- डीएचएफएल के अधिग्रहण और इंटीग्रेशन के बाद पीरामल एंटरप्राइजेज ने अपने फार्मा कारोबार के डीमर्जर और कॉरपोरेट स्ट्रक्चर को साधारण बनाने का ऐलान किया है. बोर्ड से कंपनी के दो अलग लिस्टेड कंपनियों के रूप में डीमर्जर की योजना को मंजूरी भी मिल चुकी है. योजना के मुताबिक पीरामल एंटरप्राइजेज अपने
- फाइनेंशियल बिजनेस और फार्मा बिजनेस को अलग करेगी. हालांकि अभी इस योजना को शेयरधारकों, क्रेडिटर्स और नियामकीय मंजूरी मिलनी बाकी है. इस पूरी प्रक्रिया में 9-10 महीने का समय लग सकता है.
- डीमर्जर से कंपनी के कारोबार में मजबूती आएगी क्योंकि दोनों लिस्टेड कंपनियों के अलग-अलग बोर्ड और मैनेजमेंट टीम होंगे. डी-मर्जर से बनी दोनों कंपनियां स्वतंत्र रूप से बेहतर ढंग से ग्रोथ स्ट्रेटजी अपना सकेंगी.
डीएचएफएल के अधिग्रहण से इसके नेटवर्क का पीरामल एंटरप्राइजेज को फायदा मिलेगा.
- पीरामल के शेयरधारकों को एक शेयर के बदले पीरामल फार्मा के 4 इक्विटी शेयर मिलेंगे. शेयरधारकों को बिना किसी क्रॉस होल्डिंग्स और माइनरिटी स्टेक्स के दोनों ही लिस्टेड कंपनियों में प्रत्यक्ष रूप से हिस्सेदारी मिलेगी. दोनों ही कंपनियां एनएसई और बीएसई पर लिस्ट होंगी.
- ब्रोकरेज फर्म आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने पीरामल इंडस्ट्रीज के शेयरों को होल्ड की रेटिंग दी है और इसके 2797 रुपए के टारगेट प्राइस को बढ़ाकर 2933 रुपये तय किया है.
(स्टोरी में दिए गए स्टॉक रिकमंडेशन संबंधित रिसर्च एनालिस्ट व ब्रोकरेज फर्म के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. पूंजी बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन हैं. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)