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ब्रोकरेज फर्म के एनालिस्ट्स कोल इंडिया, हिंडालको और नालको को लेकर बुलिश हैं.
Stock Tips: रूस और यूक्रेन के बीच ल़ड़ाई के चलते दुनिया भर में सप्लाई चेन की समस्या खड़ी हो गई है. कमोडिटी के मामले में रूस पॉवरहाउस है तो ऐसे में घरेलू ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल के एनालिस्ट्स का मानना है कि रूस पर प्रतिबंधों (सैंक्शंस) से एलुमिनियम, निकिल, स्टील, थर्मल कोयला और पीसीआई कोयले पर असर पड़ेगा. इसके चलते ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि कई घरेलू कमोडिटी कंपनियों के शेयर भाव में तेजी आ सकती है. मोतीलाल ओसवाल के एनालिस्ट्स कोल इंडिया, हिंडालको और नालको को लेकर बुलिश हैं.
इन स्टॉक्स को खरीदने की सलाह
- Hindalco: Buy- कमोडिटी के बढ़ते भाव से सबसे अधिक फायदा हिंडालको को मिलेगा. एनालिस्ट्स के मुताबिक रूसी एलुमिनियम पर प्रतिबंध से हिंडालको को फायदा मिलेगा क्योंकि इसकी अप और डाउन दोनों स्ट्रीम सेग्मेंट में मजबूत उपस्थिति है. एलुमिनियम में अपस्ट्रीम सेग्मेंट का मतलब है कि बॉक्साइट के खनन से लेकर इससे एलुमिनियम बनाना जबकि डाउनस्ट्रीम सेग्मेंट का मतलब तैयार प्रोडक्ट व इससे जुड़े सॉल्यूशंस हैं. मोतीलाल ओसवाल के एनालिस्ट्स में इसमें निवेश के लिए प्रति शेयर 700 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है.
- NALCO: Buy- दुनिया की सबसे बड़ी एलुमिनियम कंपनियों में शुमार रूस की RUSAL पर प्रतिबंधों के चलतके भारत की राष्ट्रीय एलुमिनियम कंपनी (NALCO) को फायदा मिलने की उम्मीद है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक नालको को इसके बॉक्साइट माइन और कोल इंडिया से कोयले के लिए कारोबारी संबंध के चलते फायदा मिलेगा. कंपनी लगातार निवेशकों को डिविडेंड का भुगतान करती रही है. मोतीलाल ओसवाल के एनालिस्ट्स के मुताबिक इसके शेयर 184 रुपये के भाव तक पहुंच सकते हैं
- Coal India: Buy- जर्मनी ने अपने कुछ कोयले से चलने वाले कोयले के पॉवर प्लांट्स को फिर से शुरू करने और इस साल बंद होने जा रहे तीन नाभिकीय प्लांटों को फिर से खोलने का ऐलान किया है. इससे कोयले के दाम बढ़ रहे हैं और कोल इंडिया को इसका फायदा मिल सकता है. ब्रोकरेज फर्म ने कोल इंडिया में निवेश के लिए 245 रुपये प्रति शेयर का टारगेट प्राइस तय किया है.
कमोडिटी पॉवरहाउस के समान है रूस
मोतीताल ओसवाल के मुताबिक रूस कमोडिटी पॉवरहाउस है. वर्ष 2020 में क्रूड ऑयल का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक रूस था. वहीं स्टील के मामले में दुनिया का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक रहा. रूस एलुमिनियम व निकिल का भी बड़ा उत्पादक है. अभी दुनिया भर में निर्यात होने वाले एलुमिनियम का 9-10 फीसदी, निकिल का 11-12 फीसदी, थर्मल कोल का 20 फीसदी और स्टील का 12 फीसदी हिस्सा रूस से आता है. ऐसे में रूस पर प्रतिबंधों से एलुमिनियन, निकिल, स्टील, तापीय कोयले व पीसीआई कोयले के भाव में तेजी हो सकती है. एलुमिनियम के भाव में तेजी से भारत में हिंडालको, नालको व वेदांता और कोयले के भाव में तेजी से कोल इंडिया को फायदा मिल सकता है.
(आर्टिकल: क्षितिज भार्गव)
(स्टोरी में दिए गए स्टॉक रिकमंडेशन संबंधित रिसर्च एनालिस्ट व ब्रोकरेज फर्म के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. पूंजी बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन हैं. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)