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होम लोन की कम दरों और फेस्टिव सीजन के चलते घरों की खरीदारी में तेजी की संभावना दिख रही है. इसका अप्रत्यक्ष असर रीयल एस्टेट कंपनियों के शेयर भाव पर भी दिख रहा है.
Realty Estate Stock Tips: होम लोन की कम दरों और फेस्टिव सीजन के चलते घरों की खरीदारी में तेजी की संभावना दिख रही है. इसका अप्रत्यक्ष असर रियल एस्टेट कंपनियों के शेयर भाव पर भी दिख रहा है. बीएसई रियल एस्टेट इंडेक्स पिछले साल मार्च 2020 में जिस स्तर तक लुढ़क गया था, उससे यह रिकवर होकर अब करीब 140 फीसदी तक उछल चुका है. रियल्टी स्टॉक्स की बात करें तो सोभा (Sobha) ने मार्च 2020 से लेकर अब तक निवेशकों को 524 फीसदी तक का बंपर रिटर्न दिया है. सोभा के शेयर भाव 27 मार्च 2020 को 130.95 रुपये के भाव पर लुढ़क गए थे जोकि 6 सितंबर 2021 को यह 817.30 रुपये के भाव पर बंद हुआ था यानी कि निवेश 524.13 फीसदी बढ़ गया.
घरों की मांग लगभग हर सेग्मेंट से बढ़ रही है यानी कि अफोर्डेबल व मिड इनकम से लेकर लक्जरी व सुपर लग्जरी तक. इसके चलते रियल्टी सेक्टर में रिकवरी को लेकर मार्केट एनालिस्ट सकारात्मक हैं और इस सकारात्मकता में सस्ता होम लोन व फेस्टिव सीजन इसमें प्रमुख भूमिका में हैं. ऐसे में एक्सपर्ट का मानना है कि रियल्टी स्टॉक्स में निवेश कर निवेशक बेहतर रिटर्न पा सकते हैं. नीचे एक टेबल दिया गया है जिसमें आप देख सकते हैं कि रियल्टी स्टॉक्स ने किस तरह निवेशकों को पिछले 17 महीने में बंपर रिटर्न दिया है.
इस कारण से रियल्टी सेक्टर को मिला सपोर्ट
- कोरोना महामारी के चलते रियल्टी सेक्टर समेत अधिकतर इंडस्ट्रीज बुरी तरह प्रभावित हुई. हालांकि केंद्र व राज्य सरकारों ने स्टांप ड्यूटी में छूट, चार्जेज में कटौती करके राहत देने का प्रयास किया. इसके अलावा स्पेशल विडों फॉर अफोर्डेबेल एंड मिड इनकम हाउसिंग (SWAMIH) के गठन से अधर में लटके प्रोजेक्ट्स की फंडिंग की दिक्कतें भी दूर हुईं.
- नीतिगत दरों को कम रखा गया जिससे रियल्टी सेक्टर को महामारी के कठिन समय में सहारा मिला. वैक्सीनेशन ड्राइव की सफलता के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि चालू वित्त वर्ष में रिज़र्व बैंक (RBI) और सरकारों की तरफ से मिली राहत इस सेक्टर को उबारने में मददगार साबित होगी.
FY21 में रियल्टी कंपनियों का मुनाफा 100% से अधिक बढ़ा
बीएसई रियल एस्टेट इंडेक्स में शामिल प्रमुख रियल्टी कंपनियों का शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2021 में 100 फीसदी से अधिक बढ़ा. वित्त वर्ष 2021 में इन कंपनियों का मुनाफा वित्त वर्ष 2020 में 1528 करोड़ रुपये की तुलना में बढ़कर 3143 करोड़ रुपये हो गया. इन कंपनियों की कुल बिक्री में 27 फीसदी की गिरावट हुई और वित्त वर्ष 2020-21 में 23 हजार करोड़ की नेट सेल्स रही. अलग-अलग कंपनियों की बात करें तो डीएलएफ को वित्त वर्ष 2019-20 में 583 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ था जबकि वित्त वर्ष 2020-21 में इसे 5145 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है. प्रेस्टिज एस्टेट प्रोजेक्ट्स का शुद्ध मुनाफा 261 फीसदी बढ़कर 739 करोड़ रुपये और ओबेरॉय रियल्टी का मुनाफा 7 फीसदी बढ़कर 1456 करोड़ रुपये रहा. हालांकि सोभा का सालाना आधार पर नेट प्रॉफिट 78 फीसदी, सनटेक रियल्टी का 43 फीसदी और द फीनिक्स मिल्स का 84 फीसदी कम हुआ.
दो साल में डिमांड 2019 के स्तर पर पहुंचने की उम्मीद
- डीएलएफ की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक अब सस्ते घरों से लेकर लग्जरी होम्स तक, हर सेगमेंट में मांग बढ़ रही है. इसके अलावा डीएलएफ अगली कुछ तिमाहियों में नए प्रॉडक्ट ऑफर कर सकता है.
- मार्केट एक्सपर्ट के मुताबिक रेजिडेंशियल मार्केट में कंसॉलिडेशन बढ़ रहा है और इसके चलते लिस्टेड कंपनियों का मार्केट शेयर एक दशक पहले 17 फीसदी से बढ़कर 35 फीसदी हो गया है.
- अनलिस्टेड कंपनियों को कमजोर लांच पाइपाइलन और पूंजी की कमी के चलते नए प्रोजेक्ट्स लाने में दिक्कत हो सकती है. वहां टॉप 10 लिस्टेड प्लेयर्स देश के बड़े शहरों में अपनी हिस्सेदारी और बढ़ा सकते हैं.
- गोदरेज प्रॉपर्टीज, ओबेरॉय रियल्टी, सोभा और ब्रिगेड के पास अगले दो साल में लांच होने लायक बेहतरीन प्रोजेक्ट्स हैं.
- आवासीय रीयल एस्टेट की डिमांड अगले दो साल में 2019 के स्तर तक पहुंचने की उम्मीद है.
कोरोना की तीसरी लहर को लेकर बनी हुई है आशंका
निवेशकों को देश में कोरोना केसेज पर नजर रखनी चाहिए. रियल्टी सेक्टर महामारी के झटके से उबर रहा है लेकिन उसकी इस कोशिश को कोरोना की तीसरी लहर से झटका लग सकता है. हालांकि अगर कोरोना के सक्रिय मामलों में गिरावट आती है और वायरस को लेकर खतरा कम होता है तो रीयल एस्टेट सेक्टर आने वाले दिनों में बेहतर ग्रोथ दिखा सकता है.
(इनपुट: एंजेल वन)